"झारखण्ड": अवतरणों में अंतर
झारखंड राज्य का प्रथम राजभाषा हिंदी है , तथा दूसरा राजभाषा उर्दू है । स्रोत -झारखंड गजट टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
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भारत का 28वाँ राज्य
भारत का राज्य | |
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राजधानी | राँची |
सबसे बड़ा शहर | जमशेदपुर |
जनसंख्या | 3,29,88,134 |
- घनत्व | 414 /किमी² |
क्षेत्रफल | 79,714 किमी² |
- ज़िले | 24 |
राजभाषा | हिंदी, संथाली |
गठन | 15 नवम्बर 2000 |
सरकार | झारखण्ड सरकार |
- राज्यपाल | द्रौपदी मुर्मू |
- मुख्यमंत्री | रघुवर दास (भाजपा) |
- विधानमण्डल | एकसदनीय विधान सभा (82 सीटें) |
- भारतीय संसद | राज्य सभा (6 सीटें) लोक सभा (14 सीटें) |
- उच्च न्यायालय | झारखण्ड उच्च न्यायालय |
डाक सूचक संख्या | 81 से 83 |
वाहन अक्षर | JH |
आइएसओ 3166-2 | IN-JH |
www |
झारखण्ड (संथाली: ᱡᱟᱦᱮᱨᱠᱷᱚᱸᱰ) भारत का एक राज्य है। राँची इसकी राजधानी है। झारखंड की सीमाएँ उत्तर में बिहार, पश्चिम में उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़, दक्षिण में ओड़िशा और पूर्व में पश्चिम बंगाल को छूती हैं।लगभग संपूर्ण प्रदेश छोटानागपुर के पठार पर अवस्थित है। संपूर्ण भारत में वनों के अनुपात में प्रदेश एक अग्रणी राज्य माना जाता है। बिहार के दक्षिणी हिस्से को विभाजित कर झारखंड प्रदेश का सृजन किया गया था। औद्योगिक नगरी इस प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में धनबाद, बोकारो एवं जमशेदपुर शामिल हैं। इस
इतिहास
प्राचीन काल
झारखण्ड के हज़ारीबाग जिले मे लगभग 5000 साल पुराना गुफा चित्र मिला है। इस राज्य मे ईसा पूर्व 1400 काल के लोहे के औज़ार और मीट्टी के बर्तन के अवशेष मिले हैं। 325 ईसा पूर्व में झारखण्ड ]] से उत्पन्न मौर्य साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था। फणि मुकुट राय ने छोटानागपुर में नागवंशी वंश की स्थापना की थी।
मध्यकाल
मध्यकाल मे इस क्षेत्र मे चेरो राजवंश और नागवंशी राजवंश राजाओं का शासन था। मुगल प्रभाव इस क्षेत्र में सम्राट अकबर के शासनकाल के दौरान पहुंचा जब 1574 में राजा मानसिंह ने इस पर आक्रमण किया था। दुर्जन साल मध्य काल में छोटानागपुर महान नागवंशी राजा थे, उनके शासन काल में वे मुगल शासक जहांगीर के समकालीन के सेनापति ने इस क्षेत्र में आक्रमण किया था। राजा मेदिनी राय ने, 1658 से 1674 तक पलामू क्षेत्र पर शासन किया। चेरो राजवंश के कमजोर होने के साथ ईस्ट इण्डिया कम्पनी का इस क्षेत्र मे दखल हुआ। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने चेरो के पालामू किले पर कब्जा कर लिया।
आधुनिक काल
1765 के बाद यहां ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी का प्रभाव पड़ा। आंग्ल-मराठा युद्ध के बाद छोटा नागपुर पठार के कई राज्य ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी के अधीन हो गए। उनमें नागवंश रियासत, रामगढ़ रियासत, गागंपुर, खरसुआं, साराईकेला, जाशपुर, सरगुजा आदि शामिल थे। ब्रिटिश दासता के अधीन यहाँ काफी अत्याचार हुए और अन्य प्रदेशों से आने वाले लोगों का काफी दबदबा हो गया था। इस कालखंड में इस प्रदेश में ब्रिटिशों के खिलाफ बहुत से विद्रोह हुए, इनमें से कुछ प्रमुख विद्रोह थे:-
- 1769-1805: चुआड़ विद्रोह रघुनाथ महतो के नेतृत्व में
- 1772–1780: पहाड़िया विद्रोहबब
- 1780–1785: तिलका मांझी के नेतृत्व में मांझी विद्रोह जिसमें भागलपुर में 1785 में तिलका मांझी को फांसी दी गयी थी।
- 1795–1821: तमाड़ विद्रोह
- 1793–1796: मुंडा विद्रोह रामशाही के नेतृत्व में
- 1800–1802: मुंडा विद्रोह
- 1812: बख्तर साय और मुंडल सिंह के नेतृत्य में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के बिरुद्ध बिद्रोह[1]
- 1770–1771: चेरो बिद्रोह पलामू के जयनाथ सिंह के नेतृत्व में
- 1832–1833: खेवर विद्रोह भागीरथ, दुबाई गोसाई, एवं पटेल सिंह के नेतृत्व में
- 1833–1834: भूमिज विद्रोह वीरभूम के गंगा नारायण के नेतृत्व में
- 1855: लार्ड कार्नवालिस के खिलाफ सांथालों का विद्रोह
- 1855–1860: सिद्धू कान्हू के नेतृत्व में सांथालों का विद्रोह
- 1857: नीलांबर-पीतांबर का पलामू में विद्रोह
- 1857: पाण्डे गणपत राय,
ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव, टिकैत उमराँव सिंह, शेख भिखारी एवं बुधु बीर का सिपाही विद्रोह के दौरान आंदोलन
- 1874: खेरवार आंदोलन भागीरथ मांझी के नेतृत्व में
- 1880: खड़िया विद्रोह तेलंगा खड़िया के नेतृत्व में
- 1895–1900: बिरसा मुंडा के नेतृत्व में मुंडा विद्रोह
इन सभी विद्रोहों के भारतीय ब्रिटिश सेना द्वारा फौजों की भारी तादाद से निष्फल कर दिया गया था। इसके बाद 1914 में जातरा भगत के नेतृत्व में लगभग छब्बीस हजार आदिवासियों ने फिर से ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ विद्रोह किया था जिससे प्रभावित होकर महात्मा गांधी ने आजादी के लिए सविनय अवज्ञा आंदोलन आरंभ किया था।
झारखण्ड राज्य की मांग का इतिहास लगभग सौ साल से भी पुराना है जब 1938 इसवी के आसपास जयपाल सिंह जो भारतीय हाकी खिलाड़ी थे और जिन्होंने खेलों में भारतीय हाकी टीम के कप्तान का भी दायित्व निभाया था, ने पहली बार तत्कालीन बिहार के दक्षिणी जिलों को मिलाकर झारखंड राज्य बनाने का विचार रखा था। लेकिन यह विचार 2 अगस्त सन 2000 में साकार हुआ जब संसद ने इस संबंध में एक बिल पारित किया। राज्य की गतिविधियाँ मुख्य रूप से राजधानी राँची और जमशेदपुर, धनबाद तथा बोकारो जैसे औद्योगिक केन्द्रों से सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं। सन 2000, 15 नवम्बर को झारखंड राज्य ने मूर्त रूप ग्रहण किया और भारत के 28 वें प्रांत के रूप में प्रतिस्थापित हुआ ।
भौगोलिक स्थिति एवं जलवायु
प्रदेश का ज्यादातर हिस्सा छोटानागपुर पठार का हिस्सा है जो कोयल, दामोदर, ब्रम्हाणी, खड़कई, एवं स्वर्णरेखा नदियों का उद्गम स्थल भी है जिनके जलक्षेत्र ज्यादातर झारखण्ड में है। प्रदेश का ज्यादातर हिस्सा वन-क्षेत्र है, जहाँ हाथियों एवं बाघों की बहुतायत है।
मिट्टी के वर्गीकरण के अनुसार, प्रदेश की ज्यादातर भूमि चट्टानों एवं पत्थरों के अपरदन से बनी है। जिन्हें इस प्रकार उप-विभाजित किया जा सकता है:-
- लाल मिट्टी, जो ज्यादातर दामोदचर घाटी, एवं राजमहल क्षेत्रों में पायी जाती है।
- माइका युक्त मिट्टी, जो कोडरमा, झुमरी तिलैया, बड़कागाँव, एवं मंदार पर्वत के आसपास के क्षेत्रों में पायी जाती है।
- बलुई मिट्टी, ज्यादातर हजारीबाग एवं धनबाद क्षेत्रों की भूमि में पायी जाती है।
- काली मिट्टी, राजमहल क्षेत्र में
- लैटेराइट मिट्टी, जो राँची के पश्चिमी हिस्से, पलामू, संथाल परगना के कुछ क्षेत्र एवं पश्चिमी एवं पूर्वी सिंहभूम में पायी जाती है।
वानस्पतिकी एवं जैविकी
झारखंड वानस्पतिक एवं जैविक विविधताओं का भंडार कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी। प्रदेश के अभयारण्य एवं वनस्पति उद्यान इसकी बानगी सही मायनों में पेश करते हैं। बेतला राष्ट्रीय अभयारण्य (पलामू), जो डाल्टेनगंज से 25 किमी की दूरी पर स्थित है, लगभग 250 वर्ग किमी में फैला हुआ है। विविध वन्य जीव यथा बाघ, हाथी, भैंसे सांभर, सैकड़ों तरह के जंगली सूअर एवं 20 फुट लंबा अजगर चित्तीदार हिरणों के झुंड, चीतल एवं अन्य स्तनधारी प्राणी इस पार्क की शोभा बढ़ाते हैं। इस पार्क को 1974 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत सुरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया गया था।
जनसांख्यिकी
झारखण्ड की आबादी लगभग 32.98 मिलियन है।जो भारत की कुल जनसंख्या का2.72% हैं। यहाँ का लिंगानुपात 948 स्त्री प्रति 1000 पुरुष है। प्रतिवर्ग किलोमीटर जनसंख्या का घनत्व लगभग 414 है।
झारखंड क्षेत्र विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों एवं धर्मों का संगम क्षेत्र कहा जा सकता है। द्रविड़, आर्य, एवं आस्ट्रो-एशियाई भाषायें यहां बोली जाती है। हिंदी, नगपुरी, खोरठा, पंचपरगनिया, कुरमाली यहाँ की प्रमुख भाषायें हैं। इसके अलावा यहां कुड़ुख, संथाली, मुंडारी, हो बोली जाती है।[2] झारखंड में बसनेवाले स्थानीय आर्य भाषी लोगों को सादान काहा जाता है। झारखंड मॆं कई जातियां और जनजातियां हैं। यहाँ की आबादी में 26% अनुसूचित जनजाति, 12% अनुसूचित जाति शामिल हैं।
राज्य की बहुसंख्यक आबादी हिन्दू धर्म (लगभग 67.8%) मानती है। दूसरे स्थान पर (14.5%) इस्लाम धर्म है। राज्य की लगभग 12.8% आबादी सारना एवं 4.1% आबादी ईसाइयत को मानती है।
यहाँ की साक्षरता दर 64.4%है। जिसमें से पुरुष साक्षरता दर 76.8% तथा महिला साक्षरता दर 55.4% है।
सरकार एवं राजनीति
झारखण्ड के मुखिया यहाँ के राज्यपाल हैं जो राष्ट्रपति द्वार नियुक्त किए जाते हैं परंतु वास्तविक कार्यकारी शक्तियाँ मुख्यमंत्री के हाथों में केन्द्रित होती है जो अपनी सहायता के लिए एक मंत्रीमंडल का भी गठन करता है। राज्य का प्रशासनिक मुखिया राज्य का मुख्य सचिव होता है जो प्रशासनिक सेवा द्वारा चुनकर आते हैं। न्यायिक व्यस्था का प्रमुख राँची स्थित उच्च न्यायलय के प्रमुख न्यायधीश होता है। झारखण्ड भारत के उन तेरह राज्यों में शामिल है जो नक्सलवाद की समस्या से बुरी तरह जूझ रहा है। अभी हाल ही में 5 मार्च 2007 को चौदहवीं लोकसभा से जमशेदपुर के सांसद सुनील महतो, की नक्सवादी उग्रवादियों द्वारा गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी। 'Maoist rebels' shoot Indian MP
प्रशासनिक जिला इकाइयाँ
राज्य का निर्माण होने के समय झारखण्ड में 18 जिले थे जो पहले दक्षिण बिहार का हिस्सा हुआ करते थे। इनमें से कुछ जिलों को पुनर्गठित करके छह नये जिले सृजित किए गये :- लातेहार, सराईकेला खरसाँवा जामताड़ा साहिबगंज खूँटी एवं रामगढ़। वर्तमान में राज्य में चौबीस जिले हैं झारखंड के जिले:
- राँची, लोहरदग्गा, गुमला, सिमडेगा, पलामू, लातेहार, गढवा, पश्चिमी सिंहभूम, सराईकेला खरसाँवा, पूर्वी सिंहभूम, दुमका, जामताड़ा, साहेेबगंज, पाकुड़, गोड्डा, हजारीबाग, चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, धनबाद, बोकारो, देवघर, खूँटी,रामगढ़
जिले
झारखंड में 24 जिले हैं जो इस प्रकार हैं:-
कोडरमा जिला, गढवा जिला, गिरीडीह जिला, गुमला जिला, चतरा जिला, जामताड़ा जिला, दुमका जिला, देवघर जिला, गोड्डा जिला, धनबाद जिला, पलामू जिला, पश्चिमी सिंहभूम जिला (मुख्यालय:चाईबासा), पूर्वी सिंहभूम जिला (मुख्यालय: जमशेदपुर), बोकारो जिला, पाकुड़ जिला, राँची जिला, लातेहार जिला, लोहरदग्गा जिला, सराइकेला खरसावाँ जिला, साहिबगंज जिला, सिमडेगा जिला, हजारीबाग जिला, खूंटी जिला और रामगढ़ जिला।
यह भी देखें:झारखंड का जिलेवार मानचित्र
अर्थतंत्र
झारखण्ड की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से खनिज और वन संपदा से निर्देशित है। लोहा, कोयला, माइका, बाक्साइट, फायर-क्ले, ग्रेफाइट, कायनाइट, सेलीमाइट, चूना पत्थर, युरेनियम और दूसरी खनिज संपदाओं की प्रचुरता की वजह से यहाँ उद्योग-धंधों का जाल बिछा है। खनिज उत्पादों के खनन से झारखंड को सालाना तीस हजार करोड़ रुपये की आय होती है। झारखंड न केवल अपने उद्योग-धंधों में इसका इस्तेमाल करता है बल्कि दूसरे राज्यों को भी इसकी पूर्ति करता है। 2000 में बिहार से विभाजन के पश्चात झारखंड का जीडीपी 2004 में चौदह बिलियन डालर आंका गया था।
उद्योग-धंधे
झारखण्ड में भारत के कुछ सर्वाधिक औद्योगिकृत स्थान यथा - जमशेदपुर, राँची, बोकारो एवं धनबाद इत्यादि स्थित हैं। झारखंड के उद्योगों में कुछ प्रमुख हैं :
- भारत का सबसे बड़ा उर्वरक कारखाना सिंदरी में स्थित था जो अब बंद हो चुका है।aakarshk package dekar 2020 shuru ho jayega. Zernodhar ka karya chalu hai.
- भारत का पहला और विश्व का पाँचवां सबसे बड़ा इस्पात कारखाना टाटा स्टील जमशेदपुर में।
- एक और बड़ा इस्पात कारखाना बोकारो स्टील प्लांट बोकारो में।
- भारत का सबसे बड़ा आयुध कारखाना गोमिया में।
- मीथेन गैस का पहला प्लांट।
कला और संस्कृति
पर्व-त्यौहार
झारखण्ड के कुछ प्रमुख त्योहार इस प्रकार हैं:-
झारखण्ड के लोकनृत्य
झुमइर, डमकच, पाइका, छऊ, जदुर, नाचनी, नटुआ, अगनी, चौकारा, जामदा, घटवारी, मतहा
सिनेमा
झारखंड में अनेक भाषा में सिनेमा बनती है। इनमें मूल रूप से नागपुरी सिनेमा का निर्माण है। इसके अलावा खोरठा भाषा एवं संथाली में भी फिल्में बनती हैं। झारखंड के सिनेमा को झॉलीवुड काहा जाता है।[3]
शिक्षा संस्थान
झारखण्ड की शिक्षा संस्थाओं में कुछ अत्यंत प्रमुख शिक्षा संस्थान शामिल हैं। जनजातिय प्रदेश होने के बावज़ूद यहां कई नामी सरकारी एवं निजी कॉलेज हैं जो कला, विज्ञान, अभियांत्रिकी, मेडिसिन, कानून और मैनेजमेंट में उच्च स्तर की शिक्षा देने के लिये विख्यात हैं।
झारखण्ड की कुछ प्रमुख शिक्षा संस्थायें हैं :
विश्वविद्यालय
- सिद्धू कान्हू विश्वविद्यालय दुमका,
- विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग,
- बिरसा कृषि विश्वविद्यालय राँची,
- बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान मेसरा राँची,
- कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा,
अन्य प्रमुख संस्थान
- राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला जमशेदपुर, राष्ट्रीय खनन शोध संस्थान धनबाद, भारतीय लाह शोध संस्थान राँची, राष्ट्रीय मनोचिकत्सा संस्थान राँची, जेवियर प्रबंधन संस्थान। एक्स एल आर आई जमशेदपुर
यातायात
झारखण्ड की राजधानी राँची संपूर्ण देश से सड़क एवं रेल मार्ग द्वारा काफी अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग 2, 27, 33 इस राज्य से होकर गुजरती है। इस प्रदेश का दूसरा प्रमुख शहर टाटानगर (जमशेदपुर) दिल्ली कोलकाता मुख्य रेलमार्ग पर बसा हुआ है जो राँची से 120 किलोमीटर दक्षिण में बसा है। राज्य का में एकमात्र अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा राँची का बिरसा मुंडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो देश के प्रमुख शहरों; मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और पटना से जुड़ा है। इंडियन एयरलाइन्स और एयर सहारा की नियमित उड़ानें आपको इस शहर से हवाई-मार्ग द्वारा जोड़ती हैं। सबसे नजदीकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा कोलकाता का नेताजी सुभाषचंद्र बोस हवाई अड्डा है।
संचार एवं समाचार माध्यम
राँची एक्सप्रेस एवं प्रभात खबर जैसे हिन्दी समाचारपत्र राज्य की राजधानी राँची से प्रकाशित होनेवाले प्रमुख समाचारपत्र हैं जो राज्य के सभी हिस्सों में उपलब्ध होते हैं। हिन्दी, बांग्ला एवं अंग्रेजी में प्रकाशित होने वाले देश के अन्य प्रमुख समाचारपत्र भी बड़े शहरों में आसानी से मिल जाते हैं। इसके अतिरिक्त दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक हिन्दुस्तान, खबर मन्त्र, आई नेक्स्ट उदितवाणी, चमकता आईना, उत्कल मेल,स्कैनर इंडिया,इंडियन गार्ड तथा आवाज जैसे हिन्दी समाचारपत्र भी प्रदेश के बहुत से हिस्सों में काफी पढ़े जाते हैं। इलेक्ट्रानिक मीडिया की बात करें तो झारखंड को केंद्र बनाकर खबरों का प्रसारण ई टीवी बिहार-झारखंड, सहारा समय बिहार-झारखंड, मौर्य टीवी, साधना न्यूज, न्यूज 11 आदि चैनल करते हैं। रांची में राष्ट्रीय समाचार चैनलों के ब्यूरो कार्यालय कार्यरत हैं।
जोहार दिसुम खबर झारखंडी भाषाओं में प्रकाशित होने वाला पहला पाक्षिक अखबार है। इसमें झारखंड की 10 आदिवासी एवं क्षेत्रीय भाषाओं तथा हिन्दी सहित 11 भाषाओं में खबरें छपती हैं। जोहार सहिया राज्य का एकमात्र झारखंडी मासिक पत्रिका है जो झारखंड की सबसे लोकप्रिय भाषा नागपुरी में प्रकाशित होती है। इसके अलावा झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा और गोतिया झारखंड की आदिवासी एवं क्षेत्रीय भाषाओं में प्रकाशित होने वाली महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाएं हैं।
राँची और जमशेदपुर में लगभग पांच रेडियो प्रसारण केन्द्र हैं और आकाशवाणी की पहुँच प्रदेश के हर हिस्से में है। दूरदर्शन का राष्ट्रीय प्रसारण भी प्रदेश के लगभग सभी हिस्सों में पहुँच रखता है। झारखंड के बड़े शहरों में लगभग हर टेलिविजन चैनल उपग्रह एवं केबल के माध्यम से सुलभता से उपलब्ध है।
लैंडलाइन टेलीफोन की उपलब्धता प्रदेश में भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल), टाटा टेलीसर्विसेज (टाटा इंडिकाम) एवं रिलायंस इन्फोकाम द्वारा हर हिस्से में की जाती है। मोबाइल सेवा प्रदाताओं में बीएसएनएल, एयरसेल, आइडिया, वोदाफोन रिलायंस[uninor] एवं एयरटेल प्रमुख हैं।
झारखण्ड के पर्यटन स्थल
मुख्य लेख - झारखंड के पर्यटन स्थल
- लोध जलप्रपात,
- पलामू किला,
- देवघर वैधनाथ मंदिर,
- वासुकिनाथ,
- हुंडरू जलप्रपात,
- दलमा अभयारण्य,
- बेतला राष्ट्रीय उद्यान,
- श्री समेद शिखरजी जैन तीर्थस्थल (पारसनाथ)
- पतरातू डैम, पतरातू
- गौतम धारा, जोन्हा
- छिनमस्तिके मंदिर, रजरप्पा
- पंचघाघ जलप्रपात,
- दशम जलप्रपात।
- हजारीबाग राष्ट्रीय अभयारण्य
झारखंड के प्रसिद्ध व्यक्ति
- फणि मुकुट राय
- मधु सिंह
- दुर्जन साल
- मेदिनी राय
- रघुनाथ शाह
- रघुनाथ महतो
- तिलका माँझी
- बख्तर साय
- मुंडल सिंह
- नीलाम्बर सिंह
- पीताम्बर सिंह
- पाण्डे गणपत राय
- ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव
- टिकैत उमराँव सिंह
- घासीराम महली
- सिद्धू कान्हू
- बिरसा मुंडा
- तेलंगा खड़िया
- जयपाल सिंह मुंडा
- अलबर्ट एक्का
- बिनोद बिहारी महतो
- शहीद शक्तिनाथ महतो
- मुकुंद नायक
- प्रियंका चोपड़ा
- महेंद्र सिंह धोनी
- दीपिका कुमारी
- पूर्णिमा महतो
- निक्की प्रधान
- मीनाक्षी शेषाद्रि
- कृष्णा भारद्वाज
- इम्तियाज अली
- तनुश्री दत्ता
- श्वेता प्रसाद
- मधुरिमा तुली
- जयंत सिन्हा
सन्दर्भ
- ↑ "No facilities of people in Village of Shahid Mundan Singh in Gumla". www.jagran.com. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019.
- ↑ "जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में मातृभाषा दिवस मनाया गया". rashtriyakhabar.com.
- ↑ "|Ranchi Jharkhand Hindi News Jagran शिल्प व्यापार मेला झालीवुड कलाकार धमाल Hindi Latest News". news.raftaar.in. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019.
लोहरदगा जिले के भंडरा प्रखंड सहित जिले के अन्य प्रखंडों में भी बहुत सारे दर्शनीय स्थल पर्यटक के रूप में विख्यात है। जैसे भंडरा प्रखंड के एतिहासिक अखिलेश्वर धाम शिव मंदिर है। जो 8-9 वीं सदी के होने के प्रमाण देते है। इस मंदिर में एक तीन फीट का नीले रंग का शिवलिंग है। जो एक चट्टान पर स्थित है। उसके दोनों क्षोर चट्टान है और बीच मे एक तालाब है। जो इस पर्यटक स्थल को रमणीय बनाती है।
बाहरी कड़ियाँ
- झारखण्ड सरकार
- झारखण्ड - विविध पक्षों पर विस्तृत जानकारी
- झारखण्ड का इतिहास, संस्कृति, समाज, कला
- झारखंड विषयक लेख (संवाद)
- झारखंड ज्ञानकोश : हुलगुलानों की प्रतिध्वनियाँ; भाग-१ (गूगल पुस्तक)
- झारखण्ड के आदिवासी
- झारखण्ड के जिले
- झारखण्ड पर्यटन
- जोहार दिसुम खबर (झारखण्ड की पन्द्रह भाषाओं में प्रकाशित समाचार पत्र)
- अखड़ा (झारखण्डी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति)
- जनझारखण्ड