सिमडेगा
![]() | इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (नवम्बर 2018) |
सिमडेगा Simdega ᱥᱤᱢᱰᱮᱜᱟ | |
---|---|
निर्देशांक: 22°37′N 84°31′E / 22.62°N 84.52°Eनिर्देशांक: 22°37′N 84°31′E / 22.62°N 84.52°E | |
प्रांत और देश | सिमडेगा ज़िला झारखंड ![]() |
जनसंख्या | |
• कुल | ? |
भाषा | |
• प्रचलित भाषाएँ | हिन्दी |
सिमडेगा (संथाली: ᱥᱤᱢᱰᱮᱜᱟ) भारत में झारखंड प्रान्त का एक जिला है। यह राज्य के दक्षिण पश्चिम हिस्से में स्थित है। भौगोलिक रूप से यह उत्तर में गुमला, पूर्व में राँची एवं पश्चिमी सिंहभूम, दक्षिण में उड़ीसा, एवं पश्चिम में छत्तीसगढ से घिरा है। जिले का कुल क्षेत्रफल लगभग 3768.13 वर्ग किमी है। यहाँ की ज्यादातर आबादी, लगभग 71 प्रतिशत अनुसूचित जनजातियों की है जो झारखंड में किसी भी जिले से ज्यादा है। सिमडेगा जिले में दस प्रखंड हैं जिनमें - सिमडेगा, कोलेबिरा, बांसजोर, कुरडेग, केरसई, बोलबा, पाकरटांड, ठेठईटांगर, बानो एवं जलडेगा शामिल हैं। वैसे तो पूरा सिमडेगा जिला ही प्राकृतिक दृष्टि से पर्यटन क्षेत्र की तरह है, क्योंकि यह पूरी तरह से प्राकृति की गोद में बसा है, फिर भी सिमडेगा जिले के प्रमुख स्थल हैं - केलाघाघ डैम, अनजान शाह पीर बाबा, रामरेखा धाम, केतुन्गा धाम। इसके अलवा यहाँ हरीयाली, नदी, डैम, झरने, के लिहाज से पूरा सिमडेगा ही पर्यटन स्थल है। मेहनती किसान, यहाँ के लोग, यहाँ की संस्कृति काफी अलग और सुंदर है।
सिमडेगा का इतिहास[संपादित करें]
प्राचीन काल में सिमडेगा को बीरू-कैसलपुर परगना के नाम से जाना जाता था जो राजा कतंगदेव का राज्य था। राजा कतंगदेव के निधन के बाद महाराजा शिवकर्ण ने गद्दी संभाली। मुंडा एवं खड़िया जनजातियों के इस क्षेत्र आगमन लगभा 1441 ईसवी में हुआ जबकि उसके बाद ऊराँव जनजाति के लोग भी इस क्षेत्र में रोहतास से कुछ दशक बाद आये। कुछ समय के लिए यह कलिंग साम्राज्य का हिस्सा भी रहा और इसी क्रम में 1336 में गंग वंश के राजा हरिदेव इस क्षेत्र (बीरू) के शासक बने। अभी बीरू जिला मुख्यालय से लगभग 11 किमी की दूरी पर स्थित है। गंगा बिशुन रोहिल्ला इस क्षेत्र के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं। जिले में शहरीकरण की स्थिति कुल जनसंख्या का केवल 6.6 है, तथा जिला में सिमडेगा ही एकमात्र और प्रमुख शहर है, जिले का 1194.50 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वनों से अच्छादित है। सिमडेगा जिले में कुल जनसंख्या का 70.2 अनुसूचित जनजाति रहते हैं। जो की झारखण्ड के सभी जिलों में से अधिक है। इसके बाद गुमला जिले का आता है, जहाँ अनुसूचित जनजाति का 67.2 है। सिमडेगा की प्रमुख नदियाँ हैं - शंख, देव, गिरवा और पालामाड़ा। इन सभी नदी में शंख नदी ही प्रमुख है।
प्रसिद्ध व्यक्तित्व[संपादित करें]
सिमडेगा के वैज्ञानिक डॉ.सिद्धार्थ, जेनेवा में हो रहे महाप्रयोग में शोध कर रहे हैं। सिमडेगा के नोनगड़ा गाँव की निवासी असुंता लाकड़ा भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रह चुकी है तथा सिमडेगा के कसिरा बलियाजोर की सुमराई टेटे, सलीमा टेटे,संगीता कुमारी,बिमल लकड़ा हॉकी खिलाड़ी हैं। इसके अलावा हजारों हॉकी खिलाड़ी, हॉकी के क्षेत्र में सिमडेगा का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर चुके हैं।