सुवर्णरेखा नदी

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सुवर्णरेखा नदी
Subarnarekha River
সুবর্ণরেখা নদী
ᱥᱚᱵᱚᱨᱱᱟᱠᱟ

पश्चिम बंगाल में गोपीवल्लभपुर के समीप सुवर्णरेखा (सितम्बर 2005)
सुवर्णरेखा नदी is located in ओडिशा
सुवर्णरेखा नदी
मुहाने का स्थान
सुवर्णरेखा नदी is located in भारत
सुवर्णरेखा नदी
सुवर्णरेखा नदी (भारत)
स्थान
देश  भारत
राज्य झारखण्ड, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल
नगर राँची, चांडिल, जमशेदपुर, घाटशिला, गोपीवल्लभपुर
भौतिक लक्षण
नदीशीर्षछोटा नागपुर पठार
 • स्थानरानी चुआँ, राँची के समीप, झारखण्ड
 • निर्देशांक23°18′N 85°11′E / 23.300°N 85.183°E / 23.300; 85.183
 • ऊँचाई610 मी॰ (2,000 फीट)
नदीमुख बंगाल की खाड़ी
 • स्थान
सुवर्णरेखा बंदर / चौमुखा गाँव, ओड़िशा में बङ्गाल की खाड़ी में विलय
 • निर्देशांक
21°33′18″N 87°23′31″E / 21.55500°N 87.39194°E / 21.55500; 87.39194निर्देशांक: 21°33′18″N 87°23′31″E / 21.55500°N 87.39194°E / 21.55500; 87.39194
लम्बाई 395 कि॰मी॰ (245 मील)[1]
जलसम्भर आकार 18,951 कि॰मी2 (2.0399×1011 वर्ग फुट)[1]
प्रवाह 
 • औसत392 m3/s (13,800 घन फुट/सेकंड)
प्रवाह 
 • स्थानकोकपारा[2]
 • औसत310 m3/s (11,000 घन फुट/सेकंड)
 • न्यूनतम1 m3/s (35 घन फुट/सेकंड)
 • अधिकतम2,205 m3/s (77,900 घन फुट/सेकंड)
जलसम्भर लक्षण
उपनदियाँ  
 • बाएँ दुलंग नदी
 • दाएँ काँची नदी, खड़कई नदी, करकरी नदी, रारू नदी, गर्रु नदी

सुवर्णरेखा या स्वर्णरेखा भारत के झारखण्ड, पश्चिम बङ्गाल और ओड़िशा राज्यों में बहने वाली एक नदी है।[3][4]

विवरण[संपादित करें]

यह राँची नगर से 16 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित नगड़ी गाँव में रानी चुआं नामक स्थान से निकलती है और उत्तर पूर्व की ओर बढ़ती हुई मुख्य पठार को छोड़कर प्रपात के रूप में गिरती है। इस प्रपात (झरना) को हुन्डरु जलप्रपात (hundrughagh) कहते हैं। प्रपात के रूप में गिरने के बाद नदी का बहाव पूर्व की ओर हो जाता है और मानभूम जिले के तीन संगम बिंदुओं के आगे यह दक्षिण पूर्व की ओर मुड़कर सिंहभूम में बहती हुई उत्तर पश्चिम से मिदनापुर जिले में प्रविष्टि होती है। इस जिले के पश्चिमी भूभाग के जंगलों में बहती हुई बालेश्वर जिले में पहुँचती है। यह पूर्व पश्चिम की ओर टेढ़ी-मेढ़ी बहती हुई बालेश्वर नामक स्थान पर बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इस नदी की कुल लंबाई 474 किलोमीटर है और लगभग 28928 वर्ग किलोमीटर का जल निकास इसके द्वारा होता है। इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ काँची एवं कर्कारी हैं। भारत का प्रसिद्ध एवं पहला लोहे तथा इस्पात का कारखाना इसके किनारे स्थापित हुआ। कारखाने के संस्थापक जमशेद जी टाटा के नाम पर बसा यहाँ का नगर जमशेदपुर या टाटानगर कहा जाता है। अपने मुहाने से ऊपर की ओर यह 16 मील तक देशी नावों के लिए नौगम्य (navigable) है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Subarnarekha". Water Resources Information System of India. मूल से 7 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2014-04-03.
  2. "Subarnarekha Basin Station: Kokpara". UNH/GRDC. अभिगमन तिथि 2013-10-01.
  3. "Subarnarekha Basin Station: Kokpara". UNH/GRDC. अभिगमन तिथि 2013-10-01.
  4. "Report on National Aquifer Mapping and Management Plan Parts of Ranchi, Khunti and Lohardagga Districts, Jharkhand" (PDF). Ranchi: Central Ground Water Board. पृ॰ 8.