रामगढ़ रियासत
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रामगढ राज | |||||
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कुलांक | |||||
राजधानी | सिसई, उर्दा, बादाम किला, रामगढ़, पदमा किला | ||||
धार्मिक समूह | हिन्दू धर्म | ||||
शासन | पूर्ण राजशाही | ||||
राजा | |||||
- | 1368-1402 | बाघदेव सिंह | |||
- | 1919-1953 | कामाख्या नारायण सिंह | |||
इतिहास | |||||
- | स्थापित | 1368 | |||
- | अंत | 1953 | |||
आज इन देशों का हिस्सा है: | |||||
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ब्रिटिश राज मे बिहार की सबसे बड़ी जमींदारी थी। वर्तमान में रामगढ के क्षेत्र रामगढ़, हज़ारीबाग, चतरा , कोडेरमा , गिरिडीह और बोकारो में बंटा हुआ है। यह पूरा क्षेत्र कोयला और अभ्रक जैसे खनिज पदार्थों की भरमार वाला है। रामगढ़ रियासत के पहले राजा राजा बाघदेव सिंह और अन्तिम शासक महाराजा कामाख्या नारायण सिंह बहादूर थे। इनको बाद में नारायण वंश के नाम से भी पहचाना गया । नारायण राज वंश भारत का पहला परिवार था जिसने चुनाओ प्रचार में हेलिकॉप्टर का प्रदर्शन किया था ।[1][2]
शासक[संपादित करें]
- महाराजा बाघदेव 1368-1402
- महाराजा कीरत सिंह 1402-1459
- महाराजा राम सिंह प्रथम 1459-1537
- महाराजा माधो सिंह 1537-1554
- महाराजा जगत सिंह 1554-1604
- महाराजा हिम्मत सिंह 1604–1661
- महाराजा राम सिंह द्वितीय 1661-1677
- महाराजा दलेल सिंह 1677-1724
- महाराजा विष्णु सिंह 1724-1763
- महाराजा मुकुंद सिंह 1763-1772
- महाराजा तेज सिंह बहादुर 1772-1774
- महाराजा पारस नाथ सिंह बहादुर 1774-1784
- महाराजा मणिनाथ सिंह बहादुर 1784-1811
- महाराजा सिद्धनाथ सिंह बहादुर 1811-1835
- महाराजा लक्ष्मी नाथ सिंह बहादुर 1835-1841
- महाराजा शंभू नाथ सिंह बहादुर 1841-1862
- महाराजा रामनाथ सिंह बहादुर 1862-1866
- महाराजा त्रिलोक नाथ सिंह बहादुर 1866
- महाराजा नाम नारायण सिंह बहादुर 1866-1899
- महाराजा राम नारायण सिंह बहादुर 1899-1919
- महाराजा लक्ष्मी नारायण सिंह बहादुर 1913-1919
- महाराजा कामाख्या नारायण सिंह बहादुर 1919-1970
- महाराजा इंदरजितेंद्र नारायण सिंह बहादुर 1970-2008
- महाराजा सौरभ नारायण सिंह बहादुर 2008-
नारायण राज वंश[संपादित करें]
- राजमाता शशांक मंज़िरी देवी
- महाराजा कामाख्या नारायण सिंह बहादुर
- महारानी ललिता राज्य लक्ष्मी
- महाराज कुमार बसंत नारायण सिंह
- कुंवरानी विजया राजे
- महाराजा इंदरजितेंद्र नारायण सिंह
वर्तमान राज परिवार
- महाराज कुमार मयूरध्वज नारायण सिंह ग़ाज़ी सरकार
- महाराजा सौरभ नारायण सिंह
- राजकुंवर उदयभान नारायण सिंह
- कुंवर अधिराज नारायण सिंह
- राजकुमार रूद्र नारायण सिंह
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "रामगढ़ के राजपरिवार का आजादी के बाद कई चुनावों में रहा दबदबा, विरोधियों के हर प्रयास को नाकाम कर लहराते रहे विजय पताका". patrika. 14 March 2019. मूल से 27 सितंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 September 2019.
- ↑ "आखिरी राजा ने की थी राइट टू रिकॉल की बातरामगढ़ राज की शुरुआत यूं तो 1366 में हुई थी, मगर 1955 तक हुए इसके 19 राजाओं में सबसे प्रसिद्ध शायद इस राजवंश के अंतिम 'राजा'..." bhaskar. 28 August 2018. मूल से 27 सितंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 September 2019.