रामगढ़ जिला
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{{{Name}}} [[{{{State}}} के जिले|ज़िला]] रामगढ़ जिला |
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{{{State}}} में {{{Name}}} ज़िले की अवस्थिति |
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राज्य | [[{{{State}}}]], ![]() |
मुख्यालय | [[{{{HQ}}}]] |
जनसंख्या | ({{{Year}}}) |
रामगढ झारखण्ड के २४ जिलो मे से एक है।
इतिहास[संपादित करें]
रामगढ़ राज[संपादित करें]
ब्रिटिश राज के दौर में रामगढ़ एक प्रमुख जमींदारी थी।
वह क्षेत्र जोकि बाद में रामगढ़ राज मे शामिल हुआ शुरू में छोटा नागपुर के राजा का था था। १३६८ मई अज्ञात कारणों से क्षेत्र मे अशांति फैल गई। राजा ने अपने दो भाइयों बाघ देव और सिंह देव को शान्ति बहाल करने के लिये प्रतिनियुक्त किया। काम हो जाने के बाद, राजा ने उन्हें पूर्ण वादा राशि का भुगतान नही किया। बाघ देव जिसके पास दमन विद्रोह के बाद क्षेत्र का नियंत्रण था, खुद को उस क्षेत्र का राजा घोषित कर दिया और उसकी सीमा में २४ परगना (जिलों) आ गये।
पूरा क्षेत्र कोयला और खनिज जैसे अभ्रक में समृद्ध है और झारखंड के भारतीय राज्य के अधीन आता है।
राजा बहादुर कामाक्षय नारायण सिंह (जन्म १९१६, १९१९-४७ शासन किया, मृत्यु १९७०) रामगढ़ राज के अंतिम शासक थे। १९४५ में, उन्होने भारत सरकार को नियंत्रण सौंप दिया।
स्वतंत्रता के बाद[संपादित करें]
१९४७ में आजादी के बाद वर्तमान रामगढ़ जिला तत्कालीन क्षेत्र हजारीबाग जिले का एक भाग बन गया। १२ सितंबर २००७ को रामगढ़ एक नया जिला बन गया है।
विभाग[संपादित करें]
रामगढ़ जिले केवल एक उप संभाग, रामगढ़ शामिल हैं। यह छह विकास खंडों में विभाजित है - रामगढ़, गोला, मांडू पतरातू,दुलमीऔर चितरपुर।
दर्शनीय स्थल[संपादित करें]
- राजरप्पा
- माता वैष्णो देवी मंदिर
- टूटी झरना मंदिर
- चुटुपल्लु
- बानखेट्टा
- लिरिल झरना
- बिरसा मुंडा प्राणी उद्यान
- माया टुंगरी
- पोना पर्वतधाम
- कैथा शिवमंदिर
- धारा फॉल
- पतरातुघाटी
- पतरातु डैम
- सिकिदीरी घाटी
- धोड़धोड़िया(सिदवार)