नागवंशी राजवंश
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नागवंशी राजवंश | |||||
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राजधानी | खुखरागड़, (नवरतनगड़)दोइसागड़, रातु | ||||
भाषाएँ | नागपुरी | ||||
धार्मिक समूह | हिन्दू धर्म(मुख्य) बौद्ध धर्म (राजाश्रय) जैन धर्म(राजाश्रय) | ||||
शासन | पूर्ण राजशाही | ||||
राजा | |||||
- | 83- 177 ई. | फणि मुकुट राय | |||
- | 1950-1952 ई. | लाल चिंतामणि शरण नाथ शाहदेव | |||
इतिहास | |||||
- | स्थापित | 83 | |||
- | अंत | 1952 ई. | |||
आज इन देशों का हिस्सा है: | |||||
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नागवंशी कोली राजवंश ब्रिटिश भारत में रियासतों के कई शासकों में से एक थे। उनकी राजधानी वर्तमान के झारखंड राज्य के नवरतनगड़, खुखरागड़, रातू में थी। [1] [2][3][4][5]
शासक[संपादित करें]
- राजा फणि मुकुट राय (64- 162 ई.)
- राजा मुकुट राय (162- 221)
- राजा धट राय (221- 278)
- राजा मदन राय (278- 307)
- राजा प्रताप राय (307- 334)
- राजा कंदरप राय (334- 365)
- राजा गोन्डु राय (548- 563)
- राजा हरि राय (563- 601)
- राजा गजराज राय (601- 627)
- राजा सुन्दर राय (627- 635)
- राजा मुकुन्द राय (635- 653)
- राजा उदय राय (653- 710)
- राजा कन्दन राय (710- 756)
- राजा जगन राय (756- 772)
- राजा भगन राय (772- 811)
- राजा मोहन राय (811- 869)
- राजा जगधट राय (869- 905)
- राजा चन्द्र राय (905- 932)
- राजा अन्दुन्द राय (932- 969)
- राजा श्रीपती राय (969- 997)
- राजा जोगन्द राय (997-1004)
- राजा न्रुपेन्द्र राय (1004-1047)
- राजा गन्धर्व राय (1047-1098)
- राजा भिम कर्ण (1098-1132)
- राजा जोश जश (1132-1180)
- राजा जय कर्ण (1280-1218)
- राजा गो कर्ण (1218-1236)
- राजा शिवदास कर्ण (1367-1389)
- राजा उदय कर्ण
- राजा प्रताप कर्ण (1451-1469)
- राजा छत्र कर्ण (1469-1496)
- राजा विराट कर्ण (1497-1501)
- राजा पानकेतु राय (1501-1512)
- राजा बौदोशाल (1512-1530)
- राजा मधु सिंह
- राजा बैरीसाल (1599-1614)
- राजा दुर्जन साल (1614-1615)(1627-1640)
- राजा राम शाह (1640-1665)
- राजा रघुनाथ शाह (1665-1706)
- राजा यदुनाथ शाह (1706-1724)
- राजा शिवनाथ शाह (1724-1733)
- राजा उदयनाथ शाह (1733-1740)
- राजा श्यामसुंदर नाथ शाह
- राजा बलराम नाथ शाह
- राजा महिनाथ शाह
- राजा ध्रुपनाथ शाह
- राजा देव नाथ शाह
- राजा गोबिंद नाथ शाह देव (1806-1822)
- महाराजा जगन्नाथ शाह देव (1817-1872)
- महाराजा उदय प्रताप नाथ शाह देव (1872–1950)
- महाराजा लाल चिंतामणि शरण नाथ शाहदेव (1950-1952)
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "Eye on Nagvanshi remains - Culture department dreams of another Hampi at Gumla heritage site". www.telegraphindia.com. मूल से 14 फ़रवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 मार्च 2019.
- ↑ "Archaeologists uncover remains of ancient empire in Jharkhand". oneindia.com. 11 May 2009. मूल से 12 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 मार्च 2019.
- ↑ "The Lost Kingdom of Navratangarh". IndiaMike.com. मूल से 7 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-11-14.
- ↑ "1600s: Heera Raja and The Nagvanshis of Chotanagpur". india-historyofournation.blogspot.in. Ranchi. 2012-03-12. मूल से 17 मार्च 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-11-14.
- ↑ "चुटिया नाम एक, विभूतियां अनेक". www.prabhatkhabar.com. मूल से 30 मार्च 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 मार्च 2019.