बोकारो
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बोकारो ᱵᱚᱠᱟᱨᱚ | |||
— शहर — | |||
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |||
देश | ![]() | ||
राज्य | झारखंड | ||
उपायुक्त | श्री मुकेश कुमार | ||
जनसंख्या | 17,75,961 (2011 के अनुसार [update]) | ||
क्षेत्रफल • ऊँचाई (AMSL) |
• 210 मीटर (689 फी॰) | ||
विभिन्न कोड
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आधिकारिक जालस्थल: bokaro.nic.in |
निर्देशांक: 23°17′N 86°05′E / 23.29°N 86.09°E बोकारो (संथाली: ᱵᱚᱠᱟᱨᱚ) झारखंड राज्य का एक जिला है। यह शहर अपने सरकारी क्षेत्र के इस्पात उद्योग के लिये प्रसिद्ध है तथा "स्टील सिटी" के नाम से जाना जाता है। बोकारो छोटानागपुर पठार में स्थित है।
अर्थव्यवस्था[संपादित करें]
बोकारो के मुख्य अर्थव्यवस्था का आधार बोकारो इस्पात संयंत्र है। बोकारो के अधिकतर निवासी मानसूनी कृषि पर निर्भर रहती है | यहाँ के किसान मुख्यतया धान की खेती करते है |कुछ किसान जिनके पास सिचाई के लिए कुए है वे मौसमी सब्जी की भी खेती करते है |
भौगोलिक स्थिति[संपादित करें]
बोकारो भारत के पूर्वी हिस्से में 23°29′ ऊतर 86°09′ पूर्वी देशांतर के बीच बसा है। दामोदर नदी के दक्षिणी हिस्से में पारसनाथ की पहाड़ियों के बीच स्थित है। बोकारो के दझिण-पूरब दिशा में गरगा नदी स्थित है इसके अलावा गुवाई नदी भी हैं|
जनसँख्या[संपादित करें]
२००१ के जनगणना के अनुसार बोकारो जिला की जनसन्ख्या 26,75,961 है।
दर्शनीय स्थल[संपादित करें]
गरगा डैम, तेनुघाट डैम,हथिया पत्थर, नेहरू पार्क,ललपनिया छरछरिया झरना,लुगु बुरू इत्यादि। घूमने के लिए उपयुक्त मौसम : सितंबर से फ़रवरी तक इस क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषाएँ : हिन्दी, उर्दू, बांग्ला [बोकारो जब भी आप घूमने आते ह आपके मन में सिर्फ स्टील प्लांट ही रहता है लकिन इसके अलावा भी बोकारो कई जगह देखने लायक ही लकिन इसके अधिक जानकारी नहीं होने के कारन ये स्थल गुमनामी में है मै एक ऐसा ही उधर शिम्फोर टावर के बारे में देना चाहता हु इसका निर्माण 1854 के आसपास अंगरेजों द्वारा किया गया था ये स्थल चंदनकियारी के बाबूडीह ग्राम में हैं इसकी उचाई लगभग 75 फ़ीट होगी ! इसके इतिहास के बारे इसके आसपास के लोगो को बहुत कम जानकारी , ये टावर उस समय टेलीफोन संचार के रूप जाना था |लकिन ये परियोजना अशफल रही |इसी तरह के टावर बेंगल से असम तक बनाये गए थे |के लिए गया जिस्का उपयोग शायद आज के आधुनिक मोबाइल टावर के तरह बनाने की योजना थी ...|
शौक्षणिक परिदृश्य[संपादित करें]
बोकारो में जबर्दस्त शैक्षणिक माहौल है। जन शिक्षण संस्थान बोकारो ने १५ से ३५ साल के युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए अभियान चला रखा है। इस संस्थान के चेयरमैन किशोर कुमार हैं। वह झारखंड में वर्षों सक्रिय पत्रकारिता करने के बाद सामाजिक क्षेत्र से पूरी तरह जुड़ गए। वह खुद भी केंद्र सरकार के इस अभियान को सफल बनाने में जुटे रहते हैं।
जन शिक्षण संस्थान बोकारो[संपादित करें]
मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित जन शिक्षण संस्थान बोकारो जिले में सन् 2004 से संचालित है। इस संस्थान द्वारा जिले के विभिन्न भागों में मोबाइल सेंटर खोलकर समाज के अंतिम जन के युवाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए हुनरमंद बनाने का काम किया जाता है। इसके तहत मोमबत्ती निर्माण से लेकर फर्नीचर मेकिंग तक का प्रशिक्षण दिया जाता है। साथ ही प्रशिक्षित युवा अपने पैरों पर खड़े हो सकें, इस काम में उनकी मदद की जाती है। जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) या इंस्टीट्यूट ऑफ पीपल्स एजुकेशन की शुरूआत बहुसंयोजक या बहु पहलू वयस्क शिक्षा कार्यक्रम के रूप में की गई है, जिसका लक्ष्य व्यावसायिक कौशल और जीवन की गुणवत्ता आने लाभानुभोगियों को सुधारना है। योजना का उद्देश्य शहरी / ग्रामीण जनसंख्या, विशेषकर नए साक्षरों, अर्ध साक्षर, अनु. जाति, अनु. जनजाति, महिला और बालिकाओं, झुग्गी - झोंपडियों के निवासियों, प्रवासी कामगारों आदि के लिए सामाजिक आर्थिक रूप से पिछड़े और शैक्षिक रूप से अलाभ प्राप्त समूहों के लिए शैक्षिक, व्यावसायिक और व्यावसायिक विकास करना है। वर्तमान में देश में 221 जेएसएस हैं। वे असंख्य व्यावसायिक कार्यक्रम चलाते हैं, जिसकी विभिन्न कौशल के लिए अलग-अलग अवधि है। लगभग 380 व्यावसायिक पाठ्यक्रम इन संस्थानों द्वारा प्रस्तावित किए जाते हैं। ट्रेड/पाठ्यक्रम जिनके लिए प्रशिक्षण दिया जाता है, उनमें कटाई, सिलाई और परिधान बनाना, बुनाई और कढ़ाई, सौन्दर्य वर्धन और स्वास्थ्य देखभाल, हस्तशिल्प, कला, चित्रांकन और चित्रकारी, इलेक्ट्रोनिक साफ्टवेयर की मरम्मत आदि शामिल हैं। लगभग 16.89 लाख व्यक्तियों को 2006-07 के दौरान आयोजित व्यावसायिक कार्यक्रमों एवं अन्य गतिविधियों द्वारा लाभ मिला है।
इग्नू का स्टडी सेंटर[संपादित करें]
बोकारो में पहली बार इग्नू के सौजन्य से तारा कम्युनिटी कालेज का स्टडी सेंटर खुला है। इस सेंटर में एमसीए, बीसीए तथा पीजीडीसीए की पढ़ाई हो रही है। पहले बोकारो के छात्रों को इग्नू के इन कोर्सों के अध्ययन के लिए धनबाद अथवा हजारीबाग जाना पड़ता था। यह स्टडी सेंटर रणधीर वर्मा इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नालाजी चला रहा है।
स्वास्थय सेवाएँ[संपादित करें]
बोकरो जेनरल अस्पताल (BGH) शहर अस्पताल है।
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
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