विशुद्धसागर

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विशुद्धसागर एक दिगम्बर जैन साधु है।[1]उन्हें उनकी विद्वत्ता और तप के लिए जाना जाता है।

आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज
नाम (आधिकारिक) आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज
व्यक्तिगत जानकारी
जन्म नाम राजेन्द्र कुमार जी जैन
जन्म १८ दिसम्बर १९७१
भिडं (म.प्र.)
माता-पिता राम नारायण जी जैन और श्रीमती रत्तीबाई जैन
शुरूआत
सर्जक आचार्य विराग सागर जी

जीवनी[संपादित करें]

विशुद्धसागर जी का जन्म १८ दिसम्बर १९७१ को भिडं (म.प्र.) मे हुआ था | उनके पिता का नाम राम नारायण जी जैन ( मुनि श्री विश्वजीत सागर जी ) व माता का नाम श्रीमती रत्तीबाई जैन है | आचार्य श्री १०८ विराग सागर जी महाराज द्वारा क्षुल्लक दीक्षा (११ अक्टुबर १९८९ भिडं) , ऐलक दीक्षा (१९ जून १९९१ पन्ना) , मुनि दीक्षा (२१ नवंबर १९९१ श्रेयासं गिरि) एवमं आचार्य पद (३१ मार्च २००७ महावीर जयन्ती औरंगाबाद महाराष्ट्र) प्राप्त किया |[2]

शिष्य गण[संपादित करें]

मुनिश्री मनोज्ञ सागर जी महाराज, मुनिश्री प्रशम सागर जी महाराज, मुनिश्री प्रत्यक्ष सागर जी महाराज(समाधिस्थ) मुनिश्री सुप्रभ सागर जी महाराज, मुनिश्री सुव्रत सागर जी महाराज, मुनिश्री सुयश सागर जी महाराज, मुनिश्री अनुपम सागर जी महाराज, मुनिश्री प्रणत सागर जी महाराज आदि |

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "एक मंच पर आए दिगंबर और श्वेतांबर जैन समाज के आचार्य", नई दुनिया, ५ सितंबर २०१७
  2. "Jinaagam Saar". www.jinaagamsaar.com. मूल से 19 जून 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-05-27.