क्षमासागर
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मुनि श्री क्षमासागर जी महाराज | |
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![]() नैनागिरी में मुनि श्री का एक चित्र | |
धर्म | जैन धर्म |
उपसंप्रदाय | दिगम्बर |
व्यक्तिगत विशिष्ठियाँ | |
जन्म |
वीरेन्द्र कुमार सिंघई 20 सितम्बर 1957 सागर, मध्य प्रदेश |
निधन |
13 मार्च 2015 सागर शहर | (उम्र 57)
पिता | जीवन कुमार सिंघई |
माता | आशा देवी |
जैन धर्म |
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प्रार्थना |
मुख्य व्यक्तित्व |
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मुनि क्षमासागर एक दिगम्बर साधु थे जो आचार्य विद्यासागर जी के शिष्य थे।
जीवन[संपादित करें]
इनका जन्म २० सितम्बर १९५७ को हुआ था।[1]मार्च २०१५ में इनका समाधि मरण हो गया।।[2]
लेखन[संपादित करें]
मुनि श्री ने कई पुस्तकों का लेखन किया था जिनमें आचार्य विद्यासागर जी पर लिखी ‘आत्मानवेषी’ पुस्तक प्रमुख है।
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ जीवन के अनसुलझे प्रश्नisbn=81-7628-040-2. मैत्रीसमूह.
- ↑ "मुनिश्री क्षमासागर ने ली समाधि, 50 हजार श्रद्धालु हुए शामिल", पत्रिका, 13 मार्च 2015, मूल से 7 मार्च 2016 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 31 अगस्त 2016
ग्रन्थ[संपादित करें]
- Kshamasagar (2007), In Quest of Self : The life story of Acharya Shri Vidyasagar, Delhi: भारतीय ज्ञानपीठ, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-263-1166-5, मूल से 14 सितंबर 2016 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2016