जिनेन्द्र वर्णी
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जिनेन्द्र वर्णी 20वीं शताब्दी के एक जैन विद्वान थे। यह अपने अग्रणी पाँच-खंड जैनेंद्र सिद्धांत कोश और समणसुत्तं संकलन के लिए जाने जाते हैं।[1] इनका जन्म सन १९२२ में पानीपत में एक अग्रवाल जैन परिवार में हुआ था। वें समणसुत्तं नामक जैन ग्रन्थ के रचयिता थे। १२ अप्रैल १९८३ में उनका देहांत हो गया।[2][3]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Progressive Jains of India By Satish Kumar Jain, 1975, Shraman Sahitya Sansthan
- ↑ Progressive Jains of India By Satish Kumar Jain, 1975, Shraman Sahitya Sansthan
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 13 मई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 अगस्त 2014.
बाहरी कड़ियाँ
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