तरुणसागर
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तरुणसागर | |
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जन्म | दमोह |
निधन | नई दिल्ली |
जैन धर्म |
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प्रार्थना |
मुख्य व्यक्तित्व |
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मुनि तरुण सागर (26 जून 1967- 1 सितम्बर 2018) जैन दिगंबर साधु और लेखक जिनके ओजस्वी प्रवचनों , अहिंसा के प्रचार एवं प्रसिद्ध हुए। उनकी एक पुस्तक श्रृंखला शीर्षक कड़वे प्रवचन बहुत मशहुर हुई।
जीवनी[संपादित करें]
तरुण सागर (26 जून 1967- 1 सितम्बर 2018) जैन दिगंबर साधु और लेखक जिनके ओजस्वी प्रवचनों , अहिंसा के प्रचार एवं प्रसिद्ध हुए। उनकी एक पुस्तक श्रृंखला शीर्षक कड़वे प्रवचन बहुत मशहुर हुई।[संपादित करें]
जैन मुनि तरुण सागर का जन्म 26 जून, 1967 को मध्य प्रदेश के दहोह जिले में हुआ था। जैन मुनि तरुण सागर का बचपन का नाम पवन जैन था। जैन धर्म की दीक्षा लेने के बाद 8 मार्च, 1981 को उन्होंने अपना घर छोड़ दिया था और एक मुनि का जीवन अपना लिया था। दिगम्बर जैन मुनि तरुण सागर अपने उपदेशों ‘कड़वे वचन’ के लिए काफी प्रसिद्ध हैं।
तरुण सागर महाराज का देहावसान पीलिया बीमारी के कारण दिनांक ०१ सितम्बर २०१८ को सुबह लगभग ०३:३० बजे दिल्ली के राधेपुरी में हुआ।
*तरुण सागर जी महाराज का परिचय!*
पूर्व नाम : श्री पवन कुमार जैन
जन्म तिथि : २६ जून, १९६७, ग्राम गुहजी
(जि.दमोह ) म. प्र.
माता-पिता : महिलारत्न श्रीमती शांतिबाई जैन एव
श्रेष्ठ श्रावक श्री प्रताप चन्द्र जी जैन
लौकिक शिक्षा : माध्यमिक शाला तक
गृह - त्याग : ८ मार्च , १९८१
शुल्लक दीक्षा : १८ जनवरी , १९८२, अकलतरा ( छत्तीसगढ़) में
मुनि- दीक्षा : २० जुलाई, १९८८, बागीदौरा (राज.)
दीक्षा - गुरु युगसंत आचार्य पुष्पदंत सागर जी मुनि
लेखन : हिन्दी
बहुचर्चित कृति : मृत्यु- बोध
मानद-उपाधि : 'प्रज्ञा-श्रमण आचार्यश्री पुष्पदंत सागरजी द्वारा प्रदत
प्रख्यायती : क्रांतिकारी संत
कीर्तिमान : आचार्य भगवंत कुन्दकुन्द के पश्चात गत दो हज़ार
वर्षो के इतिहास मैं मात्र १३ वर्ष की वय में जैन
सन्यास धारण करने वाले प्रथम योगी ।
: राष्ट्र के प्रथम मुनि जिन्होंने लाल किले (दिल्ली)
से संबोधन।
: जी.टी.वी. के माध्यम से भारत सहित १२२ देशों में
' महावीर - वाणी ' के विश्व -व्यापी प्रसारण की ऐतिहासिक सुरुआत करने का प्रथम श्रेय ।
मुख्य - पत्र : अहिंसा - महाकुम्भ (मासिक)
आन्दोलन : कत्लखानों और मांस -निर्यात के विरोध में निरंतर
अहिंसात्मक रास्ट्रीय आन्दोलन ।
सम्मान : ६ फरवरी ,२००२ को म.प्र. शासन द्वारा' राजकीय अतिथि ' का दर्जा ।
२ मार्च , २००३ को गुजरात सरकार द्वारा ' राजकीय अतिथि 'का सम्मान ।
साहित्य : तीन दर्जन से अधिक पुस्तके उपलब्ध और उनका हर वर्ष लगभग दो लाख
प्रतियों का प्रकाशन ।
राष्ट्रसंत : म. प्र. सरकार द्वारा २६ जनवरी , २००३ को दशहरा मैदान , इंदौर में।
संगठन : तरुण क्रांति
मंच .केन्द्रीय कार्यालय दिल्ली में देश भर में इकाईया
प्रणेता : तनाव मुक्ति का अभिनव प्रयोग ' आनंद- यात्रा ' कार्यक्रम के प्रणेता
पहचान : देश में सार्वाधिक सुने और पढ़े जाने वाले तथा दिल और दिमाग को झकझोर देने
वाले अद्भुत प्रवचन | अपनी नायाब प्रवचन शैली के लिए देशभर में विख्यात रहें।
जैन मुनि के रूप में पहचान |
मिशन : भगवान महावीर और उनके सन्देश " जियो और जीने दो " का विश्व व्यापी प्रचार -प्रसार एवम जीवन जीने की..
तरुण सागर महाराज का देहावसान पीलिया बीमारी के कारण दिनांक ०१ सितम्बर २०१८ को सुबह लगभग ०३:३० बजे दिल्ली के राधेपुरी में हुआ।[संपादित करें]
काम करता है[संपादित करें]
मुनि Tarunsagar का गठन किया है एक राष्ट्रीय पुरस्कार - तरुण क्रांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जो करने के लिए बाबा रामदेव, विजय दरदा और JITO द्वारा 2012 में तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदीहै। [1] उन्होंने अपने प्रकाशित discources में एक पुस्तक श्रृंखला शीर्षक Kadve प्रवचन (कड़वे प्रवचन) में 2003 में अहमदाबाद.[2][14][3] अपने साहित्य प्रसारित और देखा में 100 से अधिक देशों द्वारा जैन समुदाय.[4] ज्योति Amgeहै, जो कम से कम 25 इंच लंबा, जारी Tarunsagar के Kadve प्रवचन (कड़वा बयान), एक किताब को मापने के 30 फुट, 24 फीट और वजन 2,000 किलोग्राम, पर 18 अगस्त 2013 में जयपुर.[5]
अखबारों में लेख[संपादित करें]
- ईर्ष्या fetches आप कुछ भी नहीं[6]
- नहीं किया जा अहंकारी अपने पैसे का![7]
- धर्म आवश्यक लगता है?[8]
- मैं विरोधी नहीं हूँ पंडित लेकिन एंटी-पंडित-पाखंड[9]
- जहां कारण है, वहाँ नरक है[10]
दर्शन[संपादित करें]

मुनि Tarunsagar ने कहा कि लव जिहाद एक साजिश है परिवर्तित करने के लिए हिंदू लड़कियों में मुस्लिम। [11][12]
- देखभाल की मौत और भगवान[13]
- नहीं के जाल में गिर 100[14]
- मोहन भागवत के लिए चला गया के आशीर्वाद सेंट[15]
- जैन मुनि बताया कि कई महत्वपूर्ण चीजों में कड़वा तरीके से[16]
- जैन मुनि बताया छोड़ने के लिए मादक पेय और गैर-शाकाहारी[17]
नोट[संपादित करें]
- ↑ "CM presents 'Tarun-Kranti Puraskar' to Baba Ramdev, Vijay Darda and JITO", narendramodi.in, 29 July 2012
- ↑ "Muni Tarunsagar's 'Kadve Pravachan' burrows through hearts", Daily News and Analysis, 10 August 2012
- ↑ "आचार्य श्री के कड़वे-प्रवचन के कुछ अंश" Archived 22 अक्टूबर 2016 at the वेबैक मशीन., jainreligion.in
- ↑ "Shivraj Singh Chauhan fit for PM, Jain muni says at RSS function" Archived 23 जून 2016 at the वेबैक मशीन., The Times of India, 14 October 2013
- ↑ "Indian media: Interest in 'militant' arrest" Archived 4 नवम्बर 2018 at the वेबैक मशीन., BBC, 19 August 2013
- ↑ "ईर्ष्या से कुछ नहीं मिलता" Archived 29 मई 2016 at the वेबैक मशीन., navbharattimes.indiatimes.com
- ↑ "कडवे प्रवचन : धन का अहंकार न करें!" Archived 19 अगस्त 2016 at the वेबैक मशीन., hindi.webdunia.com
- ↑ "धर्म जरूरी लगता है?" Archived 25 मार्च 2016 at the वेबैक मशीन., satsanglive.com
- ↑ "मैं पंडितों का नहीं उनके पाखंड का विरोधी हूं : मुनि तरुणसागर" Archived 10 सितंबर 2016 at the वेबैक मशीन., satsanglive.com
- ↑ "जहां तर्क है, वहां नर्क है : मुनि तरुणसागर" Archived 4 मार्च 2016 at the वेबैक मशीन., satsanglive.com
- ↑ "तरुण सागर के लव-जिहाद संबंधी बयान पर गरमाई सियासत" Archived 31 अगस्त 2016 at the वेबैक मशीन., jagran.com
- ↑ "'हिंदू लड़कियों को मुस्लिम बनाने की साजिश है लव जिहाद'" Archived 31 जनवरी 2016 at the वेबैक मशीन., Amar Ujala, 11 May 2015
- ↑ "'मौत और भगवान का ध्यान रखो'" Archived 25 मार्च 2016 at the वेबैक मशीन.. jagran.com.
- ↑ "सौ के फेर में नहीं पड़ें" Archived 12 दिसम्बर 2016 at the वेबैक मशीन.. jagran.com.
- ↑ "संत की शरण में भागवत" Archived 25 मार्च 2016 at the वेबैक मशीन.. jagran.com.
- ↑ "जैन मुनि ने कड़वे ढंग से बताई कई अहम बातें" Archived 4 मार्च 2016 at the वेबैक मशीन., amarujala.com
- ↑ "जैन मुनि ने शराब और मांस त्यागने को कहा" Archived 4 मार्च 2016 at the वेबैक मशीन., amarujala.com
सन्दर्भ[संपादित करें]
- Tarunsagar (9 जून 2014), Kadve प्रवचन द्वारा मुनि Tarunsagar (हिंदी में), हीरा किताबें, ISBN 978-9351652403