प्रणामसागर
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मुनि श्री 108 Pranamsagar जी महाराज एक Digambara भिक्षुहै।
जीवनी[संपादित करें]
मुनि Pranamsagar एक Digambara भिक्षु का दौरा किया जो गोवा में पहली बार के लिए 2015 के बाद के वर्षों के हजारों के के बाद से किसी भी Digambara भिक्षु राज्य का दौरा किया और प्राप्त की 150 नए अनुयायियों.[1][2] राज्य तो बन गया की जगह के लिए अपने Chaturmas वर्ष 2015 की है। [3]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "गैर-परिचित करने के लिए जैन भिक्षुओं के नेतृत्व में नंगी साधु मुद्दा", टाइम्स ऑफ इंडिया, पणजी, टाइम्स न्यूज नेटवर्क, 7 जून 2015
- ↑ "जैन मंडल कहते हैं, जागरूकता पैदा करने की जरूरत है पर दिगंबर संप्रदाय के संत" Archived 23 दिसम्बर 2015 at the वेबैक मशीन., के Navhind टाइम्स, पणजी, 7 जून 2015
- ↑ "Netas' टिप्पणी पर नंगी साधु चोट जैन समुदाय", टाइम्स ऑफ इंडिया, Margoa, टाइम्स न्यूज नेटवर्क, 9 अप्रैल 2015