सामग्री पर जाएँ

भूतबलि

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
आचार्य भूतबलि जी की प्रतिमा

आचार्य भूतबलि पहली शताब्दी के एक दिगम्बर जैन आचार्य थे। आचार्य भूतबलि ने पवित्र जैन ग्रन्थ, षट्खण्डागम की रचना पूर्ण की थी।

ग्रन्थ की रचना

[संपादित करें]

आचार्य पुष्पदंत ने “वीसदि सूत्रों” की रचना की थी। अपनी अल्प आयु शेष जानकर उन्होंने अपने शिष्य पालित को आचार्य भूतबलि के पास भेजा।आचार्य भूतबलि ने फिर सिद्धान्त ग्रन्थ षट्खण्डागम की रचना पूर्ण करी। जिस दिन ग्रन्थ पूर्ण हुआ, वह दिन श्रुत पंचमी के नाम से प्रसिद्ध हुआ। आज भी यह दिन जैन बन्धुओं द्वारा पर्व रूप में मनाया जाता है।[1]

सन्दर्भ

[संपादित करें]
  1. शास्त्री २००७, p. १८६.

सन्दर्भ सूची

[संपादित करें]
  • शास्त्री, प. कैलाशचन्द्र (२००७), जैन धर्म, आचार्य शंतिसागर 'छाणी' स्मृति ग्रन्थमाला, ISBN 81-902683-8-4