पहाड़ी खाना
यह एक शृंखला है जो भारतीय खाना के बारे में है। |
भारतीय खाना |
---|
क्षेत्रीय व्यंजन पंजाबी • उत्तर प्रदेश • केरल • तमिल • उड़ीसा • छत्तीसगढ़ • सिक्किम • असमिया • गोआ • गुजराती • मराठी •
इंडो-चाइनीज • फास्ट-फूड · |
सामग्री एवं प्रकार |
इन्हें भी देखें |
भारत प्रवेशद्वार |
पहाड़ी खाना भारत के पहाड़ी राज्यों, विशेषकर उत्तराखण्ड में लोकप्रिय है। खाने में आम तौर से तीन प्रकार की थाली शामिल हैं जिन्हें नंदा थाली, महासू थाली व देवलगढ़ राजभोग थाली कहा जाता है। वहीं उतराखंडी मिठाई, अर्से, गुड़ की जलेबी, झंगरियाल, पल्लर, मंड़वे की रोटी, मक्के की रोटी, कंडाली का साग, तोर की दाल, व पंचमढ़ी दाल, जिसमें हींग व जख्या का तड़का लगा होगा, लाल चावल, कुमाउनी चटनी, मड़वे के समोसे व मोमो व उतराखंड में पैदा होने वाली सब्जी भी इस भोजन का हिस्सा हैं। सभी खानों में तिल व चीलू का तेल प्रयोग पारंपरिक रूप से किया जाता है। इसके साथ ही साथ ही गुड़ की चाय व शिलाजीत की चाय उल्लेखनीय हैं। खाना आम तौर से जमीन पर बैठ कर कांसे की थाली व कटोरियों में परोसा जाता है।[1]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 13 अक्तूबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 अक्तूबर 2019.
यह भारत-सम्बन्धी लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |