उत्तर प्रदेश का खाना
यह एक शृंखला है जो भारतीय खाना के बारे में है। |
भारतीय खाना |
---|
क्षेत्रीय व्यंजन पंजाबी • उत्तर प्रदेश • केरल • तमिल • उड़ीसा • छत्तीसगढ़ • सिक्किम • असमिया • गोआ • गुजराती • मराठी •
इंडो-चाइनीज • फास्ट-फूड · |
सामग्री एवं प्रकार |
इन्हें भी देखें |
भारत प्रवेशद्वार |
अवधी व्यंजन
[संपादित करें]अवध क्षेत्र की अपनी एक अलग खास नवाबी खानपान शैली है। इसमें विभिन्न तरह की बिरयानीयां, कबाब, कोरमा, नाहरी कुल्चे, शीरमाल, ज़र्दा, रुमाली रोटी और वर्की परांठा[1] और रोटियां आदि हैं, जिनमें काकोरी कबाब, गलावटी कबाब, पतीली कबाब, बोटी कबाब, घुटवां कबाब और शामी कबाब प्रमुख हैं।[1] शहर में बहुत सी जगह ये व्यंजन मिलेंगे। ये सभी तरह के एवं सभी बजट के होंगे। जहां एक ओर १८०५ में स्थापित राम आसरे हलवाई की मक्खन मलाई एवं मलाई-गिलौरी प्रसिद्ध है, वहीं अकबरी गेट पर मिलने वाले हाजी मुराद अली के टुण्डे के कबाब भी कम मशहूर नहीं हैं।[2] इसके अलावा अन्य नवाबी पकवानो जैसे 'दमपुख़्त', लच्छेदार प्याज और हरी चटनी के साथ परोसे गय सीख-कबाब और रूमाली रोटी का भी जवाब नहीं है। लखनऊ की चाट देश की बेहतरीन चाट में से एक है। और खाने के अंत में विश्व-प्रसिद्ध लखनऊ के पान जिनका कोई सानी नहीं है।
-
कोफ़्ते की सब्जी
-
रायता सभी खाने के साथ चलता है
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ अ आ first= (२० जून). "क्युज़ाइन्स ऑफ़ लखनऊ" (अंग्रेज़ी में). राष्ट्रीय सूचना केन्द्र. पपृ॰ ०१. मूल (एचटीएमएल) से 19 अगस्त 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २१ जून २००९.
|last=
में पाइप ग़ायब है (मदद);|date=, |year= / |date= mismatch
में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) - ↑ "लखनऊ कबाब्स कंटिन्यू टू बि गोर्मेन्ट्स डिलाइट बेयॉण्ड टाइम". मूल से 5 मई 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 अप्रैल 2007.