नान
| नान | |
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| उद्भव | |
| संबंधित देश | दक्षिण एशिया |
| देश का क्षेत्र | दिल्ली |
| व्यंजन का ब्यौरा | |
| मुख्य सामग्री | आटा, ख़मीर, नमक, चीनी, घी, पानी |
| यह एक शृंखला है जो भारतीय खाने से सम्बन्धित विषयों पर केन्द्रित है। |
| भारतीय भोजन |
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क्षेत्रीय व्यञ्जन पञ्जाबी • उत्तर प्रदेश • केरल • तमिळ • ओड़िशा • छत्तीसगढ़ • सिक्किम • असमिया • गोवा • गुजराती • मराठी •
भारतीय-चीनी • फ़ास्ट-फूड · |
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सामग्री तथा प्रकार |
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इन्हें भी देखें |
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नान एक फुली हुई प्रकार की रोटी है, जिसे एक तवा या तंदूर में पकाया जाता है। यह एशियाई व्यंजनों का एक महत्वपूर्ण भाग है।
नाम
[संपादित करें]नान का मूल फ़ारसी शब्द نان है, जिसका अर्थ है किसी भी प्रकार की डबलरोटी।
इतिहास
[संपादित करें]नान को दिल्ली सल्तनत के राज के समय बनाया गया था। हिन्द-फ़ारसी कवि अमीर ख़ुसरो ने दो प्रकार के नान का उल्लेख किया: नान-ए-तुनुक, जो हल्का एवं पतला था और नान-ए-तनूरी, जिसे तंदूर में सेंका जाता था।
मुग़ल साम्राज्य के समय, नान केवल शाही परिवार और कुलीनों के लिए बनाया जाता था। इसका यह कारण था कि नान बनाना एक लंबी प्रक्रिया थी, और नान बनाना केवल कोई लोंगो को आता था। आईन-ए-अकबरी के अनुसार, नान में कबाब या कीमा भरकर खाया जाता था। 18वीं शताब्दी तक, नान पूरे दक्षिण एशिया में एक प्रसिद्ध व्यंजन बन पड़ा।
गैलरी
[संपादित करें]- पनीर नान
- मक्खन-लहसुन नान