बिरयानी

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हैदराबादी बिर्यानी दुसरे व्यंजनों के साथ परोसना।
ईरानी बिर्यानी (इस्फ़हान)।
ईरानी बिर्यानी शेफ।
चिकेन दम बिर्यानी।

बिर्यानी भारतीय उपमहाद्वीप का चावल के साथ सब्जियों और माँस के मिश्रण से बना एक प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय व्यंजन है. यह महाद्वीप मे तो लोकप्रिय है हीं, दुनिया भर मे बसे अनिवासी भारतीयों के बीच भी इसकी माँग कम नही है. आम तौर पर इसके प्रमुख अवयव चावल, मसाले, मसूर दाल, माँस या सब्जियाँ होते हैं.h

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शब्द व्युत्पत्ति (नाम के पीछे का इतिहास)[संपादित करें]

बिरयानी शब्द मूल रूप से फ़ारसी भाषा से लिया गया है जो माध्यमिक काल मे भारत के विभिन्न भागों मे मध्य एशिया से आए हुए मुगल, अफ़ग़ान ओरब तुर्क शासकों के दरबार की अधिकारिक भाषा थी। [1] इसके बारे मे एक परिकल्पना यह भी है कि इसकी उत्पत्ति चावल के लिए प्रयुक्त फ़ारसी शब्द 'ब्रिंज़' से हुई है. एक दूसरे विचार के अनुसार इसका नामकरण फ़ारसी शब्द "बिरयन" अथवा "बेरियँ" से हुआ है जिसका अर्थ होता है भुनना अथवा सेकना.

उत्पत्ति[संपादित करें]

लाहौर की बिरयानी

इसकी मूल उत्पत्ति का स्थान अभी भी अनिश्चित है. उत्तरी भारत के विभिन्न शहरों जैसे कि दिल्ली (मुगल व्यंजन), लखनऊ (अवध व्यंजन) और अन्य छोटे-छोटे राजघरानों मे इसके कई प्रकार विकसित हुए हैं. दक्षिण भारत मे, जहाँ चावल खाने का प्रमुख अंग होता है, तेलंगाना,केरल,तमिलनाडु और कर्नाटक मे इसके कई विशिष्ट प्रकारों का विकास हुआ है. आंध्र , दक्षिण भारत का एक मात्र राज्य है जिसमे बिरयानी के किसी स्थानीय प्रकार का विकास नही हुआ.[2]

लिज़्ज़ी कोल्लिंघम का कहना है कि शाही मुगल बावरची खानों मे बिरयानी को फ़ारसी व्यंजन पिलाफ और भारत के स्थानीय मसालेदार चावल से बने व्यंजनों के एक संगम के रूप मे विकसित किया गया था। [3] पर एक विचार यह भी है कि बाबर के भारत आगमन से पूर्व ही बिरयानी एक व्यंजन के रूप मे लोकप्रिय जो चुकी थी। १६ वीं सदी मे लिखा गया मुगल दस्तावेज़ आइन-ए-अकबरी बिरयानी और पुलाव मे कोई अंतर नही पाता है और इसके अनुसार बिरयानी शब्द भारत मे पहले से ही प्रचलित था। [4] इसी प्रकार का एक और विचार कि बिरयानी भारत मे तैमूरलंग के आक्रमण के साथ आई भी तथ्यों पर आधारित नही है क्योंकि उसके अपने मूल स्थान मे उसके दौर मे इस व्यंजन का कोई प्रमाण नही मिलता.

प्रतिभा कर्ण के अनुसार बिरयानी दक्षिण भारतीय मूल का व्यंजन है जो अरब व्यापारियों के द्वारा लाए गये पिलाफ के विभिन्न प्रकारों पर आधारित है. उनका मानना है कि पुलाव एक फ़ौजी व्यंजन है. फौज के पास हमेशा विविधता वाले व्यंजन पकाने के लिए बर्तनो का अभाव रहता था अतः वे चावल के साथ माँस और सभी प्रकार अन्य अवयवों को एक ही बर्तन के रख कर पका देते थे. समय के साथ पकाने के विभिन्न तरीकों के आधार पर बिरयानी के कई प्रकार विकसित होते गये और पुलाव तथा बिरयानी के बीच का अंतर मनमाना ही है.

बिरयानी रेस्तराँ की एक प्रसिद्ध शृंखला के मालिक विश्वनाथ शेनॉय के अनुसार बिरयानी की एक शाखा (उत्तर भारत वाली) तो मुगलो के साथ भारत आई और दूसरी अरब व्यापारियों के द्वारा दक्षिण भारत के कालीकट (कोज़िकोडे) के लाई गयी थी।

प्रमुख अवयव[संपादित करें]

बिरयानी के प्रमुख अवयवों मे आम तौर पर देशी घी, जायफल, जावित्री, काली मिर्च, लौंग, दालचीनी बड़ी और छोटी इलायची, तेजपत्ता, धनिया और पुदीना के पत्ते, अदरक, लहसुन और प्याज शामिल होते हैं. इसके विशिष्ट प्रकार के व्यंजन मे केसर भी प्रयोग किया जाता है. माँसाहारी प्रकार की बिरयानी मे मसालों के साथ आम तौर पर बकरी का माँस (मटन) और मुर्गे का माँस (चिकन) प्रयोग किया जाता है. गोमांस, सुअर के माँस और समुद्री खाद्य पदार्थों (शी फुड) से बनी बिरयानी भी बनाई जाने लगी है. इस व्यंजन को दही चट्नी अथवा रायता, कॉरमा, करी, उबले हुए अंडे और सलाद के साथ परोसा जाता है. बिरयानी को हमेशा बासमती चावल से बनाना चाहिए क्योंकि बासमती चावल से खुशबूदार और लजीज बिरयानी तैयार होती हैं|

प्रकार[संपादित करें]

2017 साल की भारत की बिरयानी पर स्टैम्प

बिरयानी दो प्रकार से बनाई जाती है - पक्की बिरयानी और कच्ची बिरयानी. पक्की बिरयानी को बनाने के दौरान पके हुए चावल और माँस की परतें एक के उपर एक करके डाली जाती हैं. कच्ची बिरयानी मे कच्चे चावल और कच्चे तेल मसाले आदि के मिश्रण में लपेटे हुए माँस को एक के उपर एक रख के पकाया जाता है. यह आम तौर पर चिकन और मटन के साथ पकाया जाता है और कभी-कभो ही झींगे (प्रॉन) और मछली का उपयोग किया जाता है. बनाते समय मसाले वाले माँस को दही मे लपेट कर हाँडी के निचले भाग मे रख दिया जाता है और इसके उपर चावल (आम तौर पर बासमती) रख कर पकाया जाता है. चावल की परत डालने से पहले अक्सर आलू भी रख दिए जाते हैं. हाँडी को गूँधे हुए आटे से सील कर दिया जाता है ताकि वे अपनी ही भाप से पक सके और व्यंजन को परोसे जाते समय ही यह सील हटाई जाती है.

हालाँकि यह मूल रूप से मुस्लिम त्योहारों पर बनने वाला एक माँसाहारी व्यंजन है पर भारत मे बड़ी संख्या मे रहने वाले शाकाहारी लोगो के कारण शाकाहारी बिरयानी भी खूब बनती है. शाकाहारी बिरयानी मे आलू, गोभी, गाजर और मटर का प्रयोग किया जाता है.[5][6] अंडा बिरयानी भी एक नये प्रकार का प्रयोग है.

स्थान और अवयवों के प्रयोग के अनुसार बिरयानी के प्रमुख प्रकार हैं :- सिंधी बिरयानी, हैदराबादी बिरयानी, तलशसेरी बिरयानी, कलकता बिरयानी, अंबुर/वानियमबदी बिरयानी, मेमोनी बिरयानी, डिंडीगुल बिरयानी, कल्याणी बिरयानी, चिकन बिरयानी.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

चिकन बिरयानी बनाने की विधि

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. नक़वी इ टी आ ल. ए थाउजेंड लौरेलस--डॉ॰ सादिक़ नक़वी: स्टडीज ऑन मिडिवल इंडिया विथ स्पेशल रिफरेन्स तो डेक्कन Archived 2016-05-18 at the वेबैक मशीन (ओरिजिनल फ्रॉम डी यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन). वॉल. १. डपट. ऑफ़ हिस्ट्री & डपट. ऑफ़ ांइंट इंडियन हिस्ट्री, कल्चर & ारचएोलोञ, ोसमंिा यूनिवर्सिटी, २००५. प ९७
  2. "१० बेस्ट बिरयानी रेसिपीज - न डी टी व् फ़ूड". मूल से 30 जून 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ६ जुलाई २०१६.
  3. लिजजीे कोल्लिंघम (६ फ़रवरी २००६). करी: ए टेल ऑफ़ कुक्स एंड कन्क्वेरोरस. ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस. पृ॰ २७. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780199883813. मूल से 13 मई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 जुलाई 2016.
  4. मुकुंद पद्मनाभन; सुबाष जेयन; सुबजयंथी विल्सन (२०१२-०५-२६). "फ़ूड सफारी: इन सर्च ऑफ़ अम्बुर बिरयानी". डी हिन्दू. मूल से 7 मई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ६ जुलाई २०१६.
  5. "स्पीसद वेजिटेबल बिरयानी". व्व्व.बीबीसीगुडफ़ूड.कॉम. बीबीसी ( ब्रिटिश ब्राडकास्टिंग कंपनी). मूल से 12 जुलाई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 जुलाई 2016.
  6. "वेजीटेरियन बिरयानी". टेस्ट.कॉम.ए ऊ. मूल से 14 जुलाई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 जुलाई 2016.