उत्तराखण्ड की राजनीति
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उत्तराखण्ड की राजनीति भारत के उत्तराखण्ड की राजनैतिक व्यवस्था को कहते हैं। इस राज्य राजनीति की विशेषता है राष्ट्रीय दलों और क्षेत्रिय दलों के बीच आपसी संयोजन जिससे राज्य में शासन व्यव्स्था चलाई जाती है। उत्तराखण्ड राज्य २००० में बनाया गया था। एक अलग राज्य की स्थापना लम्बे समय से ऊपरी हिमालय की पहाड़ियों पर रह रहे लोगों की हार्दिक इच्छा थी।[1]भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी), उत्तराखण्ड की राजनीति में सबसे प्रमुख राष्ट्रीय दल हैं।
राष्ट्रीय स्तर के दलों को उत्तराखण्ड के राज्य स्तरीय दलों से मजबूत समर्थन प्राप्त है। विशेष रूप से, उत्तराखण्ड क्रान्ति दल (उक्राद), जिसकी स्थापना १९७० के दशक में पृथक राज्य के लिए लोगों को जागृत करने के लिए कि गई थी[2] और जो पर्वतिय निवासियों के लिए अलग राज्य के गठन के पीछे मुख्य विचारक था, अभी भी उत्तराखण्ड की राजनीति के मैदान में एक विस्तृत प्रभाव वाला दल है।
राज्य गठन के बाद सबसे पहले चुनाव २००२ में आयिजित किए गए थे। इन चुनावों में कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरा और राज्य में प्रथम सरकार बनाई। इन चुनावों में भाजपा, दूसरा सबसे बड़ा दल था। इसके बाद, फ़रवरी २००७ के दूसरे विधानसभा चुनावों में सरकार-विरोधी लहर के चलते, भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में सामने आया। भाजपा को इन चुनावों में ३४ सीटें प्राप्त हुईं, जो बहुत से एक कम थी जिसे उक्राद के तीन सदस्यों के समर्थ्न ने पूरा कर दिया।
उत्तराखण्ड राज्य विधायिका, उत्तराखण्ड की राजनीति का केन्द्र बिन्दू है।
वर्तमान (2017)चुनाव में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने राज्य की 70 विधानसभा सीटों में से 57 सीटों पर जीत का परचम लहराया है। यह राज्य में अब तक के इतिहास में न केवल भारतीय जनता पार्टी, बल्कि किसी भी दल के लिए सबसे बड़ा आंकड़ा है। वहीं, कांग्रेस के खाते में बस 11 सीटें ही आई.
वर्तमान विधानसभा के स्पीकर श्री प्रेमचन्द अग्रवाल हैं और राज्यपाल श्री गुरमीत सिंह, राज्य विधानसभा और राज्य सरकार के मुख्यमन्त्री श्री पुष्कर धामी हैं
और विपक्ष के नेता हैं रूप में डॉ. इंदिरा हृदयेश। उत्तराखण्ड न्यायपालिका की स्थापना २००० में कि गई थी जिसकी सीट नैनीताल में है। मन्त्रीपरिषद, राज्य विधानसभा में पारित कानूनों के निष्पादन को देखती है। उत्तराखंड का प्रधान मन्त्री तीरथ सिंह रावत हैं
विधानसभा सीटें
[संपादित करें]उत्तराखण्ड विधानसभा में ७० सीटे हैं और यह एकसदनीय है। एक सदस्य या इकहत्तरवां सदस्य अंग्ल-भारतीय होता है जिसे नामांकित किया जाता है। सीटों के नाम है:
पिरान कलियर
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लोकसभा सीटें
[संपादित करें]उत्तराखण्ड से पाँच सांसद चुनकर भारतीय संसद में जाते हैं। यहाँ लोकसभा की पाँच सीटें है:
- अल्मोड़ा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र
- गढ़वाल लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र
- टिहरी गढ़वाल लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र
- नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र
- हरिद्वार लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ उत्तराखण्ड राजनीति Archived 2011-05-03 at the वेबैक मशीन मैप्स ऑफ़ इण्डिया। (अंग्रेज़ी)
- ↑ उत्तराखण्ड प्रोफ़ाइल - पॉलिटिक्स Archived 2010-08-11 at the वेबैक मशीन (अंग्रेज़ी)
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- उत्तरांचलऑनलाइन.कॉम पर (अंग्रेज़ी)