नैनीताल जिला

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नैनीताल
—  ज़िला  —
उत्तराखण्ड में अवस्थिति
उत्तराखण्ड में अवस्थिति
उत्तराखण्ड में अवस्थिति
निर्देशांक: (निर्देशांक ढूँढें)
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश  भारत
राज्य उत्तराखण्ड
नगर पालिका अध्यक्ष मुकेश जोशी
जनसंख्या
घनत्व
७,६२,९१२ (२००१ के अनुसार )
क्षेत्रफल
ऊँचाई (AMSL)
३८५३ वर्ग कि॰मी॰ कि.मी²
• १३७० मीटर
आधिकारिक जालस्थल: nainital.nic.in

नैनीताल जिला भारतीय राज्य उत्तराखण्ड का एक जिला है। जिले का मुख्यालय नैनीताल शहर है।

नैनीताल जिला, कुमाऊँ मण्डल में स्थित है और इसके उत्तर में अल्मोड़ा जिला और दक्षिण में उधमसिंहनगर जिला है। हल्द्वानी इस जिले में सबसे बड़ा नगर है।

प्रमुख नगर[संपादित करें]

नैनीताल जिले के महत्वपूर्ण नगर हैं:

पटुवा डाँगर

जैसे ही हम नैनीताल से हल्द्वानी की ओर आते हैं, हमें चीड़ के घने वृक्षों के मध्य एक बस्ती सड़क के दाहिनी तरफ दिखाई देती है। यही पटुवा डाँगर है। यह नैनीताल से १४.९ कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित है। पटुवा डाँगर पहाड़ों के मध्य एक सुन्दर नगर है यहाँ प्रदेश का 'वैक्सीन' का सबसे बड़ा संस्थान है, यहाँ भी देश-विदेश के पर्यटक आते रहते हैं।

हल्द्वानी

नैनीताल से ज्योलीकोट, रानीबाग और काठगोदाम होते हुए हम हल्द्वानी पहुँचते हैं। हल्द्वानी भाबर में बसाये जाने वाले नगरों में से पहला नगर है। नैनीताल जिले का ठंडियों का मुख्यालय भी हल्द्वानी है। यह नगर नैनीताल जिले का सबसे बड़ा नगर है जहाँ आधुनिक सभी प्रकार की सुविधायें उपलब्ध हैं। यह नगर उत्तर पूर्वी रेलवे से लखनऊ, आगरा और बरेली से जुड़ा हुआ है। पर्वतीय अंचल के प्राय: सभी छोटे-बड़े नगरों के लिए यहाँ से बस सेवा उपलब्ध है। काठगोदाम यहाँ से केवल ५ कि॰मी॰ दूर है। इसलिए सबी प्रकार की बस-सेवाएँ हल्द्वानी से ही प्रारम्भ होती है।

हल्द्वानी में पर्यटकों के लिए सभी प्रकार की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। अधिकांश पर्यटक हल्द्वानी रहकर ही नैनीताल के अन्य क्षेत्रों का भ्रमण करते रहते हैं। हल्द्वानी में शिक्षा सम्बन्धी सभी प्रकार की सुविधाएँ प्राप्त हैं। रहने, खाने व स्वास्थ्य की दृष्टि से बी यहाँ उत्तम प्रबन्ध है। यहाँ पर कई होटल व गेस्ट हाऊस उपलब्ध है।

पंतनगर

पण्डित गोविन्द बल्लभ पंत के नाम पर इस नगर का नाम पड़ा। यहाँ पर पंत रेलवे स्टेशन तथा विश्व-प्रसिद्ध गोविन्द बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय स्थापित है। यह विश्वविद्यालय अपने ढ़ंग का विश्वविद्यालय है, जो सोलह हजार एकड़ भूमि में फैला हुआ है। यहाँ पर प्रत्येक वर्ष सैकड़ों छात्र - कृषक संगठन, कृषि अर्थशास्र, अभियांत्रिकी, ए. एच. (बी. बी. एस-सी.) गृह विज्ञान आदि की परिक्षाएँ उत्तीर्ण करते हैं। कृषि एवं पशु - चिकित्सा सम्बन्धी नये-नये विषयों का अध्ययन किया जाता है।

यहाँ पर एक हवाई अड्डा है जहाँ दिल्ली से विमान आते-जाते हैं। नैनीताल पहुँचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा यही है।

तराई-भाबर में नैनीताल जिल के उभरते हुए नगर रुद्रपुर, किच्छा, गदरपुर, रामनगर, बाजपुर और जसपुर हैं। ये सारे नगर कृषि की उन्नति पर उभरे हैं। तराई के क्षेत्र में अधिक उपज होने के कारण ये सारे नगर दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं।

बहुत से देशी व विदेशी पर्यटक तराई-भाबर के जन-जीवन को भी देखना चाहते हैं। ऐसे पर्यटक इन नगरों में रहकर तराई-भाबर का जन-जीवन देखकर आनंद लेते हैं।

जनसांख्यिकी[संपादित करें]

२००१ की जनगणना के अनुसार, नैनीताल जिले की जनसंख्या ७,६२,९०९ है, जिनमें हिन्दू ६,५५,२९० (८५.९%), मुसलमान ८६,५३२ (११.३%) और सिख १६,१०७ (२.१%) हैं।[1]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "उत्तराखण्ड - भारत के जिले: भारत को जाने". भारत का राष्ट्रीय पोर्टल. मूल से 19 फ़रवरी 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-04-04.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]