पंच केदार

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पंचकेदार या पञ्चकेदार (पाँच केदार) हिन्दुओं के पाँच शिव मंदिरों का सामूहिक नाम है। ये मन्दिर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित हैं। इन मन्दिरों से जुड़ी कुछ किंवदन्तियाँ हैं जिनके अनुसार इन मन्दिरों का निर्माण पाण्डवों ने किया था।

उत्तराखंड कुमाउँ-गढ्वाल और नेपाल का डोटी भाग में असीम प्राकृतिक सौंदर्य को अपने गर्भ में छिपाए, हिमालय की पर्वत शृंखलाओं के मध्य, सनातन हिन्दू संस्कृति का शाश्वत संदेश देने वाले, अडिग विश्वास के प्रतीक केदारनाथ और अन्य चार पीठों सहित, नव केदार के नाम से जाने जाते हैं। श्रद्धालु तीर्थयात्री, सदियों से इन पावन स्थलों के दर्शन कर, कृतकृत्य और सफल मनोरथ होते रहे हैं।

मंदिर[संपादित करें]

केदारनाथ[संपादित करें]

केदारनाथ मंदिर समुद्र तल से ३५८३ मीटर की ऊँचाई पर है। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक प्रमुख ज्योतिर्लिंग है, इसे जीवित ज्योतिर्लिंग भी कहा जाता है। मंदिर के लिए पैदल मार्ग का आरंभ गौरीकुंड से होता है, जिसकी दूरी लगभग वर्तमान में 18 किलोमीटर है। गंगोत्री यात्रा के बाद केदारनाथ यात्रा का विधान है जो गंगोत्री से लगभग 343 किलोमीटर दूरी पर जनपद रुद्रप्रयाग में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।

तुंगनाथ[संपादित करें]

तुंगनाथ मंदिर विश्व का सर्वाधिक ऊंचा शिव मंदिर है, यह समुद्र तल से 3680 मीटर की ऊँचाई पर है। उखीमठ तथा गोपेश्वर दोनों से ही लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चोपता (मिनी स्विट्जरलैंड) से मंदिर के लिए लगभग 3.5 किलोमीटर का पैदल मार्ग आरंभ होता है। तुंगनाथ में भगवान शिवजी की भुजाओं की पूजा होती है।

रुद्रनाथ[संपादित करें]

रुद्रनाथ मंदिर समुद्र तल से २२८६ मीटर की ऊंचाई पर है। यहां के लिए सागर नामक स्थान से मंदिर तक लगभग 18 किलोमीटर का पैदल मार्ग है।

मध्यमहेश्वर[संपादित करें]

मध्यमहेश्वर मंदिर समुद्र तल से 3850 मीटर की ऊँचाई पर है। उखीमठ से रांसी तक सड़क मार्ग है लेकिन वहां से आगे लगभग 18 किलोमीटर पैदल मार्ग है।

कल्पेश्वर[संपादित करें]

कल्पेश्वर मंदिर समुद्र तल से २२०० मीटर की ऊँचाई पर है। हेलांग नामक स्थान से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर है, जिसमें लगभग 3 किलोमीटर का पैदल मार्ग है।