संजय राष्ट्रीय उद्यान
संजय राष्ट्रीय उद्यान | |
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अवस्थिति | सीधी जिला, मध्य प्रदेश, भारत |
निकटतम शहर | सिधी |
क्षेत्रफल | ४६६.६५७ वर्ग किलोमीटर |
स्थापित | १९८१ |
संजय राष्ट्रीय उद्यान भारत के मध्य प्रदेश राज्य में सीधी जिले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। इस उद्यान का विस्तार ४६६.६५७ वर्ग कि॰मी॰ का है और यह संजय-डुबरी टाइगर रिज़र्व के अंतर्गत पड़ता है। जिसे 2008 में बाघ आरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है।संजय टाइगर रिज़र्व से ही सोन घड़ियाल अभयारण्य एवं बगदरा अभयारण्य संबद्ध हैं।जो कि खासे आकर्षण का केंद्र हैं।
वन्य जीवन[संपादित करें]
राष्ट्रीय उद्यान ज्यादातर साल जंगलों से बना है। उद्यान बाघ, तेंदुआ, चीतल, सांबर, जंगली सूअर, नीलगाय, चिंकारा, सिवेट, साही, गोह और पक्षियों के तीन सौ नौ प्रजातियाँ होने का दावा करता है। सबसे आकर्षक पक्षियों में गोल्डन हुडेड ओरियल, रैकेट पूंछ ड्रोंगो, भारतीय पित्त रूफुस-ट्रीपाइ, लेसर एडजुटेंट, लाल सिर वाला गिद्ध, सॅनरस गिद्ध, भारतीय सफेद पूंछ वाला गिद्ध, मिस्र का गिद्ध, नाईटजार्स और कई अन्य प्रजातियां हैं।
इतिहास[संपादित करें]
संजय राष्ट्रीय उद्यान को सन् १९८१ में मध्य प्रदेश में स्थापित किया गया था। सन् २००० में मध्य प्रदेश के विभाजन के बाद इसका एक बड़ा भाग (१४४० वर्ग कि.मी.) छत्तीसगढ़ राज्य के पास चला गया।
विस्तार[संपादित करें]
संजय टाइगर रिज़र्व का विस्तार सीधी जिले के कुसुमी,मझौली तहसील एवम शहडोल जिले की ब्यौहारी तहसील के अंतर्गत आता है।साथ ही साथ इससे बगदरा अभयारण्य जो कि सिंगरौली जिले की चितरंगी में है, और सोन घड़ियाल अभयारण्य जोकि सीधी जिले के साथ ही शहडोल,सतना और सिंगरौली जिले के क्षेत्रों में पड़ता है, संबद्ध हैं।
विशेषता[संपादित करें]
इस उद्यान में मुख्यतः साल के वन हैं। बाघ, तेंदुआ, चीतल, सांबर, जंगली सुअर, चिंकारा, नीलगाय, सेही, गोह इत्यादि यहाँ के मुख्य आकर्षण हैं। इसके अलावा इस उद्यान में पक्षियों की ३०९ प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इससे सम्बद्ध सोन घड़ियाल अभयारण्य में घड़ियाल,मगर और कछुओं की प्रजातियां ,इंडियन स्कीमर्स मुख्य आकर्षण का केंद्र हैं।साथ ही बगदरा में पाए जाने वाले काले मृग भी आकर्षण का केंद्र हैं।छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान से सटा होने के कारण यहाँ से प्रतिवर्ष आने वाला हाथियों का झुंड भी खासा आकर्षित करते हैं।