गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान
गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान | |
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Gangotri National Park | |
आईयूसीएन श्रेणी द्वितीय (II) (राष्ट्रीय उद्यान) | |
अवस्थिति | उत्तरकाशी जिला उत्तराखंड, भारत |
निकटतम शहर | उत्तरकाशी |
निर्देशांक | 30°56′35″N 79°09′14″E / 30.943°N 79.154°Eनिर्देशांक: 30°56′35″N 79°09′14″E / 30.943°N 79.154°E |
क्षेत्रफल | 2,390 कि॰मी2 (920 वर्ग मील) |
स्थापित | 1989 |
शासी निकाय | वन विभाग, उत्तराखण्ड सरकार |
गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान (Gangotri National Park) भारत के उत्तराखण्ड राज्य के उत्तरकाशी ज़िले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह 2,390 वर्ग किमी क्षेत्रफल पर विस्तारित है। इसमें शंकुधारी वृक्षों के वन, पर्वतीय मर्ग (घासभूमियाँ) और हिमानियाँ बिखरी हुई हैं। गंगोत्री हिमानी के मुख पर स्थित गोमुख, जो गंगा नदी का मूल स्रोत है, भी इसी उद्यान में स्थित है। गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना सन् 1989 में करी गई थी।[1][2]
पर्यटन
[संपादित करें]अप्रैल से अक्टूबर के महीने में, राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटन अपने चरम पर होता है। निकटतम रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा देहरादून है। निकटतम रेलवे स्टेशन २१० किलोमीटर की दूरी पर है, जबकि निकटतम हवाई अड्डा राष्ट्रीय उद्यान से २२० किलोमीटर की दूरी पर है। इसके अलावा हर्शिल निकटतम शहर (३० किमी) है।
भूगोल
[संपादित करें]गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान भारत के उत्तराखंड राज्य में उत्तरकाशी जिले में भागीरथी नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में स्थित है। उद्यान की पूर्वोत्तर सीमा तिब्बत के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगी हुयी है। इसका कुल क्षेत्रफल १५५३ वर्ग कि॰मी॰ है और समुद्र सतह से औसतन ऊँचाई ७०८३ मी. है। बर्फ से ढकी पहाड़ और हिमनद इस उद्यान के विस्तृत भाग में फैले हुये हैं। गंगा नदी का उद्गम स्थान गोमुख भी इसी उद्यान के अंदर ही स्थित है। गंगोत्री हिमनद, जिसपर उद्यान का नाम दिया गया है, हिंदुओं के पवित्र स्थलों में से एक है। उद्यान क्षेत्र गोविंद राष्ट्रीय उद्यान और केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य के बीच पारस्परिक निरंतरता के रूप में है। ऊँची पर्वतश्रंखलाएँ, गहरे दर्रे और ढलवा चट्टानें, चट्टानी नुकीले हिमनद और संकरी घाटियों इस क्षेत्र की विशेषताएँ हैं। ऊँचाई में भारी विभिन्नता के कारण (समुद्र सतह से १८०० मी. से लेकर ७०८३ मी. तक) यहाँ उपोष्णकटिबंधीय परिवेष से लेकर अल्पाइन चारागाह तक देखने को मिलते हैं।
विशेषता
[संपादित करें]यह उद्यान पशुओं की १५ प्रजातियों और पक्षियों की १५० प्रजातियों का घर है। पर्यटकों को यहाँ हिम तेंदुए, भूरे भालू, कस्तूरी मृग, ताहर, बाघ तथा हिमालय क्षेत्र में पाये जाने वाले कई पक्षी भी दिख सकते हैं।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Indian Himalaya: Story of a 100 Visits," Kirit Rindani, Partridge Publishing India, 2016, ISBN 9781482858860
- ↑ "Chronicles of the Doon Valley, an Environmental Exposé," Prem K. Thadhani, Indus Publishing Company, 1993, ISBN 9788185182841