दतिया महल
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स्थापित | 1614 |
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अवस्थिति | दतिया, भारत |
प्रकार | स्मारक |
दतिया महल, जिसे बीर सिंह महल या बीरसिंह देव महल भी कहा जाता है, मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर से लगभग 75 किमी दूर स्थित है। यह महल ७ मंजिला है। वर्तमान में यहाँ पर शाही परिवार का कोई सदस्य नहीं रहता है। बुंदेलखंड में दतिया साम्राज्य के संस्थापक - महाराज बीरसिंह देओ ने देश भर में ऐसे 52 स्मारक बनवाये थे। दतिया के महल या सतखंडा महल को दतिया महल भी कहा जाता है, साथ इसे ही पुराण महल या "पुराना महल" भी इसे कहते है। इतिहासकार अब्दुल हामिद लाहोरी, शाहजहाँ के साथ 19 नवंबर 1635 इस शहर में आए थे। यह महल लगभग 80 मीटर लंबा और बहुत ही व्यापक है। यह बहुत ही सुंदर और मजबूत महलों मे से एक माना जाता है।
यह महल के निर्माण में नौ साल और 35 लाख रुपये ( 78 हजार अमेरिकी डॉलर) की लागत आई थी। यह दतिया शहर के पश्चिमी किनारे पर एक अलग चट्टान पर स्थित है। यह राजपूत वास्तुकला के साथ मुगल वास्तुकला का प्रतिनिधित्व करती है। यह राजा बिरिसिंग देव द्वारा निर्मित सभी 52 महलों में से सबसे बड़ा और सबसे प्रसिद्ध है और इसे आसानी से दूर से भी देखा जा सकता है।