सीधी ज़िला
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के लिए उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (जनवरी 2021) स्रोत खोजें: "सीधी ज़िला" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
सीधी जिला | |
---|---|
मध्य प्रदेश का जिला | |
चन्द्रेश मंदिर
का निर्माण चेदी राजवंश | |
मध्य प्रदेश में सीधी जिला | |
निर्देशांक (Sidhi): निर्देशांक: 24°25′N 81°53′E / 24.42°N 81.88°E | |
देश | India |
राज्य | मध्य प्रदेश |
संभाग | रीवा संभाग |
मुख्यालय | सीधी |
तहसीलें | 7 |
शासन | |
• लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र | सीधी |
क्षेत्रफल | |
• Total | 4851 किमी2 (1,873 वर्गमील) |
जनसंख्या (2011) | |
• Total | 1,127,033 |
• घनत्व | 230 किमी2 (600 वर्गमील) |
• महानगर | 93,121 |
जनसांख्यिकी | |
• साक्षरता | 66.09per cent |
• Sex ratio | 952 |
समय मण्डल | IST (यूटीसी+05:30) |
मुख्य राजमार्ग | NH-39 |
औसत वार्षिक वर्षा | normal mm |
वेबसाइट | sidhi |
सीधी मध्य प्रदेश के उत्तर-पूर्व छोर पर स्थित जिला है। इसका मध्य प्रदेश में एक ऐतिहासिक स्थान है। सीधी जिले का प्राकृतिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है। सोन इस जिले की महत्वपूर्ण नदी है। यह नदी प्राकृतिक संपदा से भरपूर है। सिंगरौली (24 मई 2008 को सीधी जिला से अलग हुआ) बहुत बड़ा कोयला उत्पादन क्षेत्र है। इससे देश भर के कई उद्योग को कोयले की आपूर्ति की जाती है। यहीं पर विंध्याचल सुपर थर्मल पावर स्टेशन स्थित है, जिससे बहुत बड़े क्षेत्र में विद्युत की आपूर्ति होती है।
सीधी जिला राज्य के उत्तर-पूर्वी सीमा पर 22’’, 47’’5’ और 24.42’’10’’ उत्तर अक्षांश और 81ः18’’40 और 82’’48’’30 पूर्व देशांतर के मध्य स्थित है। सीधी जिला रीवा संभाग के 4 जिलों में से एक है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सीधी की दूरी 632 कि॰मी॰ है। वहीं संभागीय मुख्यालय से इसकी दूरी 80 कि॰मी॰ है। यह जिला पूर्व-पश्चिम में 155 और उत्तर-दक्षिण में 95 कि॰मी॰ क्षेत्र में फैला है। इसका कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 10,532 कि॰मी॰ है।
जिले में चौफाल,छुहीया,मोहनिया,खाम्ह घाटी में विशाल दृश्य जंगल की ज्वाला और फूलों का खुबसूरत नजारा है। वहीं महुआ के फूलों की खुशबू मदमस्त कर देती है।सीधी जिले में कुसमी तहसील के अंतर्गत बना बरचर बांध जिले का सबसे बड़ा बांध है !इस बांध से सिंचाई होती है तथा मछली पालन होता है !यह बांध संजय टाइगर रिजर्व के बफर जोन में स्थित है !बांध के आसपास साल के घने वन आच्छादित है जो काफी मनमोहक है !
हाल ही मे मोहनिया टनल बनकर तैयार हुआ है जिसको रीवा सीधी टनल के नाम से भी जाना जाता हैं। इसकी लंबाई 2280 मीटर है। यह मध्य प्रदेश की सबसे लंबी सुरंग है जो रीवा सीधी की यात्रा में 45 मिनट की बचत करता है।
इतिहास
[संपादित करें]सीधी मध्यप्रदेश का हिस्सा है, इसकी छवि गौरवशाली इतिहास और कला की है। सीधी, राज्य की उत्तर-पूर्वी सीमा में स्थित है। सीधी को इसके प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक कला के लिए जाना जाता है। सीधी प्राकृतिक संसाधनों से भरा हुआ है, सोन नदीं यहाँ से गुजरती है। संजय राष्ट्रीय उद्याान दुबरी में जो सीधी मुुुख्यालय से 80 कि.मी. की दूरी पर दक्षिणी छोर में स्थ्ति है । राष्ट्रीय अम्यारण्य भी हैै जोेे बगदरा में है। जिला मुख्यालय सीधी से लगभग 37 कि.मी.की दूरी पर जोगदहा मे सोन घड़ियाल अभ्यारण स्थित है| इस अभ्यारण मे घड़ियाल,मगरमच्छ,कछुऐ एवं अन्य दुर्लभ प्रकार के जीव - जन्तु पाये जाते हैं|
गोपद बनास तहसील क्षेत्र में घोघरा देवी का मन्दिर हैै जहां प्रतिवर्ष नवरात्रि में मेला लगता है। माना जाता है कि अकबर के नौ रत्नों में से एक बीरबल का जन्म भी यहीं हुआ था।
इस जिले के भवरसेंंन मे वाणभट्ट का जन्म हुआ माना जाता है।
विभाजन
[संपादित करें]सीधी में 5 तहसीलें हैं : गोपदबनास, सिहावल, रामपुर नैकिन, मझौली, कुसमी। जिले में 4 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं - चुरहट, सीधी, सिहावल और धौहानी। ये सारे विधानसभा क्षेत्र, लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र सीधी के अंतर्गत आते हैं। चुरहट एवंं मझौली नगर परिषद है रामपुर नैकिन नगर पंचायत है
अर्थव्यवस्था
[संपादित करें]विंध्यांचल सुपर थर्मल पॉवर स्टेशन एक बड़े क्षेत्र में बिजली पहुँचाता है।
2006 में पंचायती राज मंत्रालय ने सीधी को देश के सबसे पिछड़े 250 जिलो की सूची में शामिल किया था। यह मध्य प्रदेश के उन 24 जिलों में से एक है जिन्हें पिछड़ा क्षेत्र अनुदान कोष (BRGF) कार्यक्रम के तहत अनुदान मिलता है। सीधी में आय का प्रमुुुुख स्त्रोत कृषि है।
सीधी के शासक
[संपादित करें]17वीं शताब्दी में तीन अलग अलग शासक सीधी के तीन क्षेत्रों पर शासन करते थे:
- बर्दी (खटाई) के चंदेला शासक।
- सीधी 24°25′N 81°53′E / 24.42°N 81.88°E.<ref
FallingRainGenomics, Inc - Sidhi</ref> में स्थित है। इसकी औसत ऊंचाई 272 मीटर (892 फीट) है। यह बालेंदु राजपूतों (चेदि वंश)का एक राज्य था जिन्हें सीधी जिले के निर्माण का श्रेय जाता है, तथा कोरिया जिले(छत्तीसगढ़)के निर्माण का भी श्रेय जाता है। वर्तमान में बालेंदु राजाओं के वंसज सीधी जिले के मड़वास तथा कंचनपुर,उमरिया(मझौली) में निवास करते हैं। [1] [2] [3] [4] [5] [6] [7] [8] [9] [10]
- सिंगरौली के राजा रूद्र प्रताप सिंह खैरवार बेनवंशी शासक राजासाहब।
इनके बाद कसौटा, रीवा से बघेल राजपूत आये। इनका आगमन सीधी में 19वीं शताब्दी में हुआ। तब से लेकर भारत की स्वतंत्रता तक इन्होने पश्चिमी सीधी (चुरहट/रामपुर) पर राज किया। चुरहट के अंतिम राजा राव रणबहादुर सिंह, अर्जुन सिंह के बड़े भाई थे।
राजा कान्तदेव सिंह बर्दी खटाई अभी भी सोन के किनारे स्थित अपनी पुश्तैनी हवेली में रहते हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं।
भूगोल
[संपादित करें]सीधी जिला राज्य के उत्तर-पूर्वी सीमा पर, 22.475 से 24.4210 उत्तरी अक्षांश तथा 81.18 40 से 82.4830 पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है। जिले के उत्तर-पूर्व में सिंगरौली जिला, पूर्व में छतीसगढ़ का कोरिया जिला तथा पश्चिम में रीवा जिला स्थित है।
सीधी जिले की कुल जनसंख्या 18,31,152 है, जो कि 2001 के मध्य प्रदेश का 3.03% हिस्सा है।
जनसांख्यिकी
[संपादित करें]सीधी जिले की 2001 की जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या 18,31,152 है। जो मप्र की कुल आबादी का 3.03 प्रतिशत है। इसमें 11.9 प्रतिशत अनुसूचित जाति तथा 29.9 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के लोग हैं। जिले में पुरुष साक्षरता 67.4 प्रतिशत तथा महिला साक्षरता दर 36.0 प्रतिशत है। यह आंकड़े 2001 की जनगणना अनुसार हैं।
सीधी जिले में 5 तहसीले है
- गोपद बनास-सीधी जिला का मुख्यालय हैं सीधी शहर को मिनी स्मार्ट सिटी घोषित किया गया है|(2018)
- मझौली- एक नगरपरिषद है सन् 2016 मेे नगर परिषद बना..एक सरकारी महाविद्यालय है।
- मझौली तहसील के करमाई मे संगमरमर पाया जाता हैं एवं सोना होने की संभावना बताई गई है|
- मझौली के परसिली मे रेस्ट हाउस है(बनास नदी के किनारे)
- चुरहट - अर्जुन सिंह (पूर्व मुख्यमंत्री) और म. प्र. विधानसभा के विपक्ष के नेता श्री अजय सिंह का गृह क्षेत्र है। (2018) वर्तमान विधायक शरतेन्दु तिवारी
- रामपुर नैकिन
- सिहावल - सोन घड़ियाल अभ्यारण इसी के समीप स्थित है | स्व.इन्द्रजीत पटेल (पूर्व शिक्षामंत्री म.प्र.शासन) एवं कमलेश्वर इन्द्रजीत पटेल (पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक)जी का विधानसभा एवं गृह क्षेत्र है|