पंजाब का इतिहास
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पंजाब प्रवेशद्वार |
पंजाब शब्द का सबसे पहला उल्लेख इब्न-बतूता के लेखन में मिलता है, जिसनें 14वीं शताब्दी में इस क्षेत्र की यात्रा की थी।[1] इस शब्द का 16वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में व्यापक उपयोग होने लगा, और इस शब्द का प्रयोग तारिख-ए-शेरशाही सूरी (1580) नामक किताब में किया गया था, जिसमें "पंजाब के शेरखान" द्वारा एक किले के निर्माण का उल्लेख किया गया था। 'पंजाब' के संस्कृत समकक्षों का पहला उल्लेख, ऋग्वेद में "सप्त सिंधु" के रूप में होता है। यह नाम फिर से आईन-ए-अकबरी (भाग 1) में लिखा गया है, जिसे अबुल फजल ने लिखा था, उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि पंजाब का क्षेत्र दो प्रांतों में विभाजित है, लाहौर और मुल्तान। इसी तरह आईन-ए-अकबरी के दूसरे खंड में, एक अध्याय का शीर्षक इसमें 'पंजाद' शब्द भी शामिल है।[2] मुगल राजा जहांगीर ने तुज-ए-जान्हगेरी में भी पंजाब शब्द का उल्लेख किया है।[3] पंजाब, जो फारसी भाषा की उत्पत्ति है और भारत में तुर्की आक्रमणकारियों द्वारा प्रयोग किया जाता था।[4] पंजाब का शाब्दिक अर्थ है "पांच" (पंज) "पानी" (अब), अर्थात पांच नदियों की भूमि, जो इस क्षेत्र में बहने वाली पाँच नदियां का संदर्भ देते हैं। अपनी उपज भूमि के कारण इसे ब्रिटिश भारत का भंडारगृह बनाया गया था। वर्तमान में, तीन नदियाँ पंजाब (पाकिस्तान) में बहती हैं, जबकि शेष दो नदियाँ हिमाचल प्रदेश और पंजाब (भारत) से निकलती है, और अंततः पाकिस्तान में चली जाता है।
पंजाब के इतिहास की घटनाक्रम
[संपादित करें]- 3300 - 1300 ईसापूर्व: सिन्धु घाटी सभ्यता
- 2600–1900 ईसापूर्व: हड़प्पा संस्कृति
- 1500–1000 ईसापूर्व: वैदिक सभ्यता
- 599 ईसापूर्व: जैन धर्म
- 567–487 या 400 ईसापूर्व: बौद्ध धर्म
- 550–600 ईसापूर्व: बौद्ध धर्म प्रचलित बने रहे
- 550–515 ईसापूर्व: सिन्धु नदी के पश्चिम में फारसी आक्रमण
- 326 ईसापूर्व: सिकंदर का आक्रमण
- 322–185 ईसापूर्व: मौर्य साम्राज्य
- 45–180 ईसवी: कुषाण साम्राज्य
- 200–400 ईसवी: हिंद-सासनिद् राज्य
- 320–550: गुप्त साम्राज्य
- 500: श्वेत हुणों का आक्रमण
- 510–650: हर्षवर्धन काल
- 770-810: पाल साम्राज्य
- 647–1192: गुर्जर प्रतिहार काल
- 711–713: मुहम्मद बिन क़ासिम, अरब जनरल, उमय्यद ख़िलाफ़त के लिए सिंधु नदी (आधुनिक पाकिस्तान) के सिंध और मुल्तान क्षेत्रों पर विजय प्राप्त करना।
- 713–1300: दिल्ली सल्तनत (तुर्किक साम्राज्य).
- 1206–1290: ग़ुलाम वंश कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा स्थापित, जिसे मोहम्मद ग़ौरी ने नियुक्त किया था।
- 1290–1320: ख़िलजी वंश जलालुद्दीन फ़िरोज़ ख़िलजी द्वारा स्थापित।
- 1320–1413: तुग़लक़ वंश गयासुद्दीन तुग़लक़ द्वारा स्थापित।
- 1414–1451: सैयद वंश ख़िज्र खाँ द्वारा स्थापित।
- 1451–1526: लोदी वंश बहलूल खान लोदी द्वारा स्थापित।
- 1526–1707: मुगल शासन
- 1526–1530: जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर
- 1530–1540: नासिरूद्दीन मुहम्मद हुमायूं
- 1540–1545: शेरशाह सूरी
- 1545–1554: इस्लाम शाह सूरी
- 1555–1555: नासिरूद्दीन मुहम्मद हुमायूं
- 1556–1556: हेमचन्द्र विक्रमादित्य
- 1556–1605: जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर
- 1605–1627: नूरुद्दीन मुहम्मद जहांगीर
- 1627–1658: शाहाबुद्दीन मुहम्मद शाहजहां
- 1658–1707: मोहिउद्दीन मुहम्मद औरंगजेब आलमगीर
- 1707: मुगल साम्राज्य का शासन क्षीण पड़ना
- 1469–1539: गुरु नानक देव (पहलें गुरु) सिख धर्म से
- 1539–1675: गुरू अंगद देव से गुरु तेग बहादुर तक 8 सिख गुरुओं की अवधि
- 1675–1708: गुरु गोबिंद सिंह (10वें सिख गुरु)
- 1708–1715: बन्दा सिंह बहादुर का शासन
- 1716–1759: सिखों का मुगल राज्यपालों के खिलाफ लड़ाई
- 1739: मुगल भारत में नादिर शाह का आक्रमण
- 1748–1769: अहमद शाह दुर्रानी का भारतीय अभियान। क्षेत्र पर नियंत्रण पाने के लिए सिख और दुराणी साम्राज्य के बीच प्रतिस्पर्धा। गोहलवार की लड़ाई (अमृतसर,1757)।
- 1761 : पानीपत का तृतीय युद्ध, सियालकोट की लड़ाई (1761), गुर्जरवाला की लड़ाई, सियालकोट की लड़ाई (1763)।
- 1762: 1762 सिख जनसंहार, अहमद शाह के 6वें आक्रमण के समय, सिखों द्वारा इसे "बड़ा घालूघारा" के रूप में संदर्भित किया जाता है।
- 1764–1799: पंजाब के लिये अफ़गान और सिख मिसले के बीच संघर्ष
- 1799–1839: महाराजा रणजीत सिंह के नेतृत्व में सिखों द्वारा पंजाब पर शासन
- महाराजा रणजीत सिंह (जन्म 1780, राज्याभिषेक 12 अप्रैल 1801, मृत्यु 1839)
- खड़क सिंह (1801–1840), रणजीत सिंह के सबसे बड़े पुत्र।
- नौनिहाल सिंह (1821–1840), रंजीत सिंह के पोते।
- शेर सिंह (1807–1843), रणजीत सिंह के बेटे.
- दलीप सिंह (जन्म 1838, राज्याभिषेक 1843, मृत्यु 1893), रणजीत सिंह के सबसे छोटे पुत्र।
- 1849: पंजाब का विलय - 1845-1849; प्रथम और द्वितीय आंग्ल-सिख युद्ध के बाद ब्रिटिश साम्राज्य ने पंजाब का विलय कर लिया
- 1849–1947: ब्रिटिश भारत की स्थापना
- 1911: दिल्ली को पंजाब प्रांत से हटा दिया गया, और कलकत्ता से ब्रिटिश भारत की राजधानी, दिल्ली पर स्थानांतरित कर दिया गया।
- 1947: ब्रिटिश भारत का विभाजन; इस प्रकार पंजाब को दो हिस्सों, पूर्वी भाग (या दो नदियाँ) पंजाब (भारत) और पश्चिमी भाग (या 3 नदियाँ) पंजाब (पाकिस्तान)
- 1966: भारत में पंजाब को भाषाई आधार पर तीन भागों में विभाजित किया गया - हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब (वर्तमान पंजाब)
- 1984: 1984 सिख नरसंहार
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Encyclopedia of Sikhism Archived 2016-09-12 at the वेबैक मशीन - Punjab
- ↑ "Ain-i-Akbari". मूल से 14 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 फ़रवरी 2018.
- ↑ Punjabi Adab De Kahani, Abdul Hafeez Quraishee, Azeez Book Depot, Lahore, 1973.
- ↑ Canfield, Robert L. (1991). Turko-Persia in Historical Perspective. Cambridge, United Kingdom: Cambridge University Press. पृ॰ 1 ("Origins"). आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-521-52291-9.
आगे की पढ़े
[संपादित करें]- आर.एम. चोपड़ा, "पंजाब की विरासत",(अंगेजी में "The Legacy of the Punjab") (1997), पंजाबी ब्रैड्री, कलकत्ता से किया है