प्रद्योत वंश

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

प्रद्योत वंश प्राचीन भारत का एक राजवंश था, जिसका शासन अवन्ति पर था। प्रद्योत राजवंश ने ल.682 से 544 ई.पू तक 128 वर्षा तक शासन किया। इसके संस्थापक प्रद्योत थे, जो सुनीक (भविष्यपुराण, १.४ के अनुसार शुनक अथवा क्षेमक) के पुत्र (वायुपुराण) थे। प्रद्योत म्लेच्छों (हारहूण, बर्बर, यवन, खस, शक, कामस आदि) से अपने पिता का प्रतिशोध लेने के लिये म्लेच्छयज्ञ करने के कारण म्लेच्छहंता कहलाए। प्रद्योत राजवंश का अंतिम शासक वर्तिवर्धन था, जिसकी हत्या बिंबिसार ने ल. 544 कर दी और मगध पर हर्यक वंश की स्थापना की।[1]

प्रद्योत राजवंश

ल. 682 – ल. 544 ई.पू
मगध के प्रद्योत वंश, हर्यक वंश और शिशुनाग वंश का विस्तार (ल. 700 से 350 ई.पू तक
मगध के प्रद्योत वंश, हर्यक वंश और शिशुनाग वंश का विस्तार (ल. 700 से 350 ई.पू तक
राजधानीराजगीर (गिरिव्रज)
प्रचलित भाषाएँसंस्कृत (मुख्य)
मागधी
धर्म
हिंदू धर्म
सरकारराजतन्त्र
महाराजा 
• ल. 682–659 ई.पू (प्रथम)
महाराजा प्रद्योत
• ल. 564–544 ई.पू (अंतिम)
महाराजा वर्तिवर्धन
ऐतिहासिक युगलौह युग
मुद्रापण
पूर्ववर्ती
परवर्ती
बृहद्रथ राजवंश (मगध)
वैदिक सभ्यता
हर्यक वंश
अब जिस देश का हिस्सा हैभारत

शासकों की सूची[संपादित करें]

प्रद्योत राजवंश के शासकों की सूची
क्रम-संख्या शासक शासन अवधि (ई.पू) शासन वर्ष टिप्पणी
1. महाराजा प्रद्योत 682–659 23 रिपुंजय की हत्या करने के बाद राजवंश की स्थापना की।
2. महाराजा पलक 659–635 24 महाराजा प्रद्योत का पुत्र
3. महाराजा विशाखयूप 635–585 5 महाराजा पलक का पुत्र
4. महाराजा अजक (राजक) 585–564 21 महाराजा विशाखयूप का पुत्र
5. महाराजा वर्तिवर्धन 564–544 20 महाराजा अजक का पुत्र, वह राजवंश के अंतिम शासक थे और जिसे बिंबिसार द्वारा मगध की गद्दी से 544 ई.पू मे हटा दिया गया और हर्यक वंश की स्थापना की।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "हिन्दी⁸ शब्दकोश". मूल से 5 मई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 अप्रैल 2016.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]