देव आनन्द
देव आनन्द | |
---|---|
चित्र:Dev Anand.jpg | |
जन्म |
धरमदेव पिशोरीमल आनंद 26 सितम्बर 1923 शकरगढ़, गुरदासपुर, पंजाब, ब्रितानी भारत, वर्तमान पंजाब, पाकिस्तान में।[1] |
मौत |
3 दिसम्बर 2011 लंदन, इंग्लैंड | (उम्र 88 वर्ष)
आवास | मुम्बई, महाराष्ट्र, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
उपनाम | देव साहब, सदाबहार |
शिक्षा | बी. ए. |
पेशा | अभिनेता, निर्माता, निर्देशक, नवकेतन फ़िल्मस के सह-संस्थापक (1949) |
कार्यकाल | 1946–2011 |
जीवनसाथी | कल्पना कार्तिक (1954–2011 his death) |
बच्चे | सुनील आनन्द |
पुरस्कार |
|
हस्ताक्षर |
देव आनन्द (जन्म; धरमदेव पिशोरीमल आनंद २६ सितंबर १९२३ - ३ दिसम्बर २०११) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता, लेखक, फिल्म निर्माता, फिल्म निर्देशक थे।[2] आनंद को भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे महान और सबसे सफल अभिनेताओं में से एक माना जाता है। छह दशक से अधिक लंबे करियर में उन्होंने 100 से अधिक फिल्मों में काम किया। आनंद चार फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता हैं, जिनमें दो सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए शामिल हैं। भारत सरकार ने उन्हें 2001 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण और 2002 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया।
व्यक्तिगत जीवन
[संपादित करें]धर्मदेव आनंद, जो की देव आनन्द के नाम से प्रसिद्ध थे, का जन्म २६ सितम्बर १९२३ में गुरदास पुर (जो अब नारोवाल जिला, पाकिस्तान में है) में हुआ और उनका निधन ३ दिसम्बर २०११ रात १० बजे को लंदन में हृदयघात से हुआ। वे भारतीय सिनेमा के बहुत ही सफल कलाकार, निर्देशक और फ़िल्म निर्माता थे। उनके पिता किशोरीमल आनंद पेशे से वकील थे। उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। देव आनंद के भाई, चेतन आनंद और विजय आनंद भी भारतीय सिनेमा में सफल निर्देशक थे। उनकी बहन शील कांता कपूर प्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक शेखर कपूर की माँ है। भारतीय सरकार ने देव आनंद को भारतीय सिनेमा के योगदान के लिए २००१ में पद्म भूषण और २००२ में दादासाहेब फाल्के पुरस्कारों से सम्मानित किया।
फिल्मी सफर
[संपादित करें]देव आनंद काम की तलाश में मुंबई आये और उन्होंने मिलट्री सेंसर ऑफिस में १६० रुपये प्रति माह के वेतन पर काम की शुरुआत की! शीघ्र ही उन्हें प्रभात टाकीज़ की एक फ़िल्म हम एक हैं में काम करने का मौका मिला! और पूना में शूटिंग के वक़्त उनकी दोस्ती अपने ज़माने के सुपर स्टार गुरु दत्त से हो गयी! कुछ समय बाद अशोक कुमार के द्वारा उन्हें एक फ़िल्म में बड़ा ब्रेक मिला! उन्हें बॉम्बे टाकीज़ प्रोडक्शन की फ़िल्म ज़िद्दी में मुख्य भूमिका प्राप्त हुई और इस फ़िल्म में उनकी सहकारा थीं कामिनी कौशल, ये फ़िल्म १९४८ में रिलीज़ हुई और सफल भी हुई! १९४९ में देव आनंद ने अपनी एक फ़िल्म कम्पनी बनाई, जिसका नाम नवकेतन रखा गया, इस तरह अब वो फ़िल्म निर्माता बन गए! देव आनंद साहब ने अपने मित्र गुरुदत्त को निर्देशक के रूप में चयन किया और एक फ़िल्म का निर्माण किया, जिसका नाम था बाज़ी, ये फ़िल्म १९५१ में प्रदर्शित हुई और काफी सफ़ल हुई।
इसके बाद देव साहब नें कुछ भूमिकाएं निभाई जो कुछ नकरात्मक शेड लिए थीं! जब राज कपूर की आवारा पर्दर्शित हुई, तभी देव आनंद की राही और आंधियां भी प्रदर्शित हुईं! इसके बाद आई टेक्सी ड्राईवर, जो हिट साबित हुई! इस फ़िल्म में इनके साथ थीं कल्पना कार्तिक, जिन्होंने देव साहब के साथ विवाह किया और १९५६ में इन्हें एक पुत्र हुआ, जिसका नाम सुनील आनंद रखा गया।
इसके बाद उनकी कुछ फ़िल्में आयीं जैसे, मुनीम जी, सी आई डी और पेइंग गेस्ट, उसके बाद तो हर नौजवान उनके स्टाइल का दीवाना हो गया और उनका स्टाइल अपनाने की कोशिश करता।१९५५ में उन्होंने उस ज़माने के एक और सुपर स्टार दिलीप कुमार के साथ काम किया और फ़िल्म का नाम था इंसानियत. १९५८ में उनको फ़िल्म काला पानी के लिए बेहतरीन कलाकार के पुरस्कार से नवाज़ा गया।
इसके बाद उनके जीवन में सुरैय्या आईं, जिनके साथ उन्होंने ६ फ़िल्मो में काम किया! एक बार देव आनंद ने शूटिंग के दौरान सुरैया को पानी में डूबने से बचाया तब से वो उन्हें प्यार करने लगीं, लेकिन सुरैया की दादी धार्मिक कारणों से इनके रिश्ते के खिलाफ थीं। सुरैय्या आजीवन कुंवारी ही रहीं। देव आनंद ने अभी कुछ ही समय पहले स्वीकार किया, की वो उनसे प्यार करते थे, यदि उनकी शादी सुरैया के साथ हो गयी होती तो उनका जीवन शायद कुछ और ही होता।
१९६५ में उनकी पहली रंगीन फ़िल्म प्रदर्शित हुई, जिसका नाम था गाइड, ये एक मशहूर लेखक आर के नारायण के उपन्यास आधारित थी, जिसका निर्माण उनके छोटे भाई विजय आनंद ने किया था, इस फ़िल्म में देव आनंद के साथ थीं वहीदा रहमान! ये फ़िल्म देव साहब ही बेहतरीन फ़िल्मों में से एक है, जिसके बारे में कहा जाता है की अब दुबारा गाइड कभी नहीं बन सकती, ऐसी फ़िल्म सिर्फ एक बार ही बनती है।
उसके बाद उन्होंने विजय आनंद के साथ मिल कर एक और फ़िल्म का निर्माण किया, जिसका नाम था ज्वेल थीफ, इसमें उनके साथ थीं, वैजयंती माला, तनूजा, अंजू महिन्द्रू और हेलेन! इसके बाद उनकी अगली फ़िल्म थी जॉनी मेरा नाम, जो उस समय सफलतम फ़िल्मों में से एक थी।
१९७० में बतौर निर्देशक उनकी पहली फ़िल्म आई प्रेम पुजारी, जो सफल नहीं हुई, लेकिन अगले ही वर्ष उनके द्वारा निर्देशित फ़िल्म हरे राम हरे कृष्णा ने सफलता का स्वाद चखा इस फ़िल्म में उनकी खोज ज़ीनत अमान ने "जेनिस" नाम की लड़की का किरदार निभाया, जो माता पिता के तनाव से तंग आ कर हिप्पियों के समूह में शामिल हो जाती है।
इसी वर्ष उनकी एक और फ़िल्म तेरे मेरे सपने प्रदर्शित हुई, जिसमें उनके साथ थीं मुमताज़, ये फ़िल्म ए.जे क्रोनिन के उपन्यास The Citadel पर आधारित थी, इस फ़िल्म को उनके भाई विजय आनंद द्वारा निर्देशित किया गया था। ज़ीनत अमान के बाद उनकी नयी खोज थी टीना मुनीम, जिनके साथ उन्होंने १९७८ में फ़िल्म देस परदेस का निर्माण किया, ये भी उनकी एक सफल फ़िल्म थी।
१९७७ में उन्होंने एक राजनितिक दल नेशनल पार्टी ऑफ़ इंडिया का निर्माण किया, जो की तत्कालीन प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी के खिलाफ था ! लेकिन ये राजनितिक दल ज्यादा समय तक नहीं रहा।
देव आनंद की फ़िल्में उनके संगीत के कारण भी प्रसिद्ध है, उनकी फ़िल्मों का संगीत आज भी लोगों को मंत्र मुग्ध करता है! उन्होंने जिन संगीतकारों, लेखकों और गायकों के साथ काम किया उनमे से कुछ इस प्रकार हैं, शंकर-जयकिशन, ओ पी नैयर, कल्याण जी- आनंद जी, सचिन देव बर्मन, राहुल देव बर्मन, लेखक: हसरत जयपुरी, मज़रूह सुल्तानपुरी, नीरज, शैलेन्द्र, आनंद बख्शी, गायक: मोह्हमद रफ़ी, महेंद्र कपूर, किशोर कुमार, मुकेश आदि।
सितम्बर २००७ में उनकी आत्मकथा रोमांसिंग विद लाइफ उनके जन्म दिवस के अवसर पर प्रदर्शित की गयी, जहाँ भारत के तात्कालिक प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह जी भी उपस्थित थे।
प्रमुख फिल्में
[संपादित करें]बतौर लेखक
[संपादित करें]वर्ष | फ़िल्म | टिप्पणी |
---|---|---|
1993 | प्यार का तराना | |
1978 | देस परदेस |
बतौर निर्माता
[संपादित करें]वर्ष | फ़िल्म | टिप्पणी |
---|---|---|
1998 | मैं सोलह बरस की | |
1993 | प्यार का तराना | |
1978 | देस परदेस |
बतौर निर्देशक
[संपादित करें]नामांकन और पुरस्कार
[संपादित करें]- 2010 - किशोर कुमार सम्मान - अभिनय के क्षेत्र में
- 1967 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - गाइड
- 1959 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - काला पानी
देव आनंद को सन २००१ में भारत सरकार ने कला क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये महाराष्ट्र से हैं।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Hindus Contribution Towards Making Of Pakistan (पाकिस्तान निर्माण में हिन्दुओं का योगदान) Archived 2011-04-29 at the वेबैक मशीन 22 मई 2010 अभिगमन तिथि: 27 सितम्बर 2013
- ↑ "देव आनंद का सदाबहार सफ़र". बीबीसी हिन्दी. 26 सितम्बर 2013. मूल से 28 सितंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 सितम्बर 2013.
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]देव आनन्द से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |