टैक्सी ड्राइवर (1954 फ़िल्म)
टैक्सी ड्राइवर | |
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चित्र:टैक्सी ड्राइवर.jpg टैक्सी ड्राइवर का पोस्टर | |
निर्देशक | चेतन आनन्द |
लेखक |
उमा आनन्द विजय आनन्द |
निर्माता | देव आनन्द |
अभिनेता |
देव आनन्द, जॉनी वॉकर, रशीद ख़ान, परवीन कॉल, रतन गौरंग, |
संगीतकार |
सचिन देव बर्मन (संगीत) |
प्रदर्शन तिथि |
1954 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
टैक्सी ड्राइवर 1954 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह फ़िल्म चेतन आनन्द द्वारा निर्देशित है एवं इसमें उनके भाई देव आनन्द, कल्पना कार्तिक, शीला रमानी और जॉनी वॉकर के साथ अभिनय किये हैं। इस फ़िल्म में सचिन देव बर्मन ने साहिर के गीतों को संगीतबद्ध किया है।
संक्षेप
[संपादित करें]मंगल (देव आनन्द) एक टैक्सी ड्राइवर है जिसको उसके दोस्त हीरो के नाम से पुकारते हैं क्योंकि वह सबकी मदद करता है। शाम को मंगल बार डान्सर सिल्वी (शीला रमानी) का नाच देखने जाया करता है और सिल्वी उसे चाहती भी है। एक दिन किसी अन्य टैक्सी ड्राइवर की मदद करते समय वो गाँव से आई एक भोली-भाली लड़की माला (कल्पना कार्तिक) को गुण्डों के चंगुल से बचाता है। पूछने पर माला मंगल को बताती है कि वो गाँव से शहर रतनलाल से मिलने आई है, जो कि एक संगीत निर्देशक है। बहुत खोजने के बाद भी रतनलाल का कोई पता नहीं चलता है क्योंकि उसने अपना मकान बदली कर लिया होता है।
माला अब मंगल के घर में ही रहने लगती है और दोनों एक दूसरे के क़रीब आने लगते हैं। लेकिन माला को सिल्वी के बारे में जब मालूम पड़ता है, तो वो अपनी राह चल पड़ती है। एक दिन रतनलाल मंगल की टैक्सी में बैठता है और मंगल को उसके घर का पता चल जाता है। किन्ही कारणोंवश माला वापस मंगल के पास आ जाती है। मंगल माला को रतनलाल के पास ले जाता है और रतनलाल माला को पहचान लेता है और उसे मशहूर गायिका बना देता है।
क्या मंगल को माला से अपने प्यार का इज़हार करने का मौक़ा मिल पाता है? सिल्वी की क्या प्रतिक्रिया होगी?
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- देव आनन्द — मंगल 'हीरो'
- जॉनी वॉकर — मस्ताना
- शीला रमानी —
- कल्पना कार्तिक — माला
संगीत
[संपादित करें]# | गीत | गायक/गायिका | चित्रित |
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1 | "ऐ मेरी ज़िन्दगी आज रात जी ले" | लता मंगेशकर | शीला रमानी |
2 | "चाहे कोई खुश हो" | किशोर कुमार, जॉनी वॉकर | देव आनन्द, जॉनी वॉकर और अन्य |
3 | "जायें तो जायें कहाँ" | तलत महमूद | देव आनन्द |
4 | "जायें तो जायें कहाँ" | लता मंगेशकर | कल्पना कार्तिक |
5 | "जीने दो और जियो चढ़ती जवानी के दिन हैं" | आशा भोंसले | शीला रमानी |
6 | "दिल जले तो जले" | लता मंगेशकर | शीला रमानी |
7 | "दिल से मिला के दिल" | लता मंगेशकर | शीला रमानी |
8 | "देखो माने नहीं" | आशा भोंसले, जगमोहन बक्शी | देव आनन्द, कल्पना कार्तिक |
नामांकन और पुरस्कार
[संपादित करें]- सर्वश्रेष्ठ संगीत — "जायें जायें तो कहाँ" गीत के लिये