छोटी बल्लभ गाँव, इगलास (अलीगढ़)
छोटी बल्लभ | |||
— गाँव — | |||
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |||
देश | भारत | ||
राज्य | उत्तर प्रदेश | ||
ज़िला | अलीगढ़ | ||
आधिकारिक भाषा(एँ) | हिन्दी, अवधी, बुंदेली, भोजपुरी, ब्रजभाषा, पहाड़ी, उर्दु, अंग्रेज़ी | ||
विभिन्न कोड
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आधिकारिक जालस्थल: http://aligarh.nic.in |
निर्देशांक: 27°53′N 78°04′E / 27.89°N 78.06°E
छोटी बल्लभ इगलास, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश स्थित एक गाँव है। वास्तव में यह छोटी और बल्लभगढ़ नाम के दो छोटे गाँवों की एक ग्राम पंचायत है। यह अलीगढ़ जनपद के अन्तर्गत इगलास तहसील के गोण्डा विकास खण्ड में स्थित है।
भूगोल
[संपादित करें]इस गाँव की भूमि बहुत उपजाऊ है। सिंचाई की सुविधा अच्छी है। इस गाँव के दोनों ओर हाथरस और माँट ब्रांच गंग नहरें होने के कारण यहाँ का भूमि जल स्तर बहुत ऊपर रहता है। धान, आलू, गेहूँ, जौ, कपास, गन्ना, बाजरा, सरसों आदि फसलें यहाँ बहुतायत में पैदा होती हैं।
जनसांख्यिकी
[संपादित करें]छोटी बल्लभ की कुल जनसंख्या लगभग 3000 है। यहाँ स्त्री-पुरुष अनुपात 998/1000 है। अधिकतर लोग शिक्षित हैं। सभी लोग हिन्दू धर्म को मानने वाले हैं। कट्टरपंथी लोगों के लिए यहाँ कोई जगह नहीं हैं। ढकोसलों पर कोई विश्वास नहीं करता और न ही भूत-प्रेत जैसी बातों का कोई अस्तित्व यहाँ है। जाट जाति यहाँ बहुसंख्या में है। जाटों में भी ठकुरेले और सिनसिनवार गोत्र के लोग मिलते हैं। इसके अलावा जाटव, नाई, खटीक, धीमर, बढ़ई जातिओं के अलावा दो घर बाल्मीकियों के भी हैं। यहाँ की भाषा हिन्दी का एक बृजभाषा रूप है।
यातायात
[संपादित करें]छोटी बल्लभ पहुँचने के लिए गाँव तक पक्की सड़क उपलब्ध है। भारी वाहन भी गाँव तक आसानी से जा सकते हैं। अलीगढ़ नगर से गाँव तक बस द्वारा भी जाया जा सकता है। अलीगढ़ से खैर और फिर खैर शहर से टैंटीगाँव वाली बस से नगला बिरखू गाँव तक पहुँचा जा सकता है। नगला बिरखू से छोटी वाँव एक किलोमीटर दूर है। इस बीच पक्की सड़क है। गाँव में लोगों के पास मोटर साइकिल और साइकिल ही ज्यादा हैं। कुछ लोगों के पास कार भी हैं। खेतों तक जाने के लिए भैंसा-बुग्गी का उपयोग बहुतायत में होता है।
आदर्श स्थल
[संपादित करें]छोटी बल्ल्भ गाँव ने देश को अनेक सिपाही दिये हैं। यहाँ लगभग प्रत्येक घर से कोई न कोई सेना में नौकरी करता है। कारगिल युद्ध में शहीद होने वाले नरेश सिंह जैसा सिपाही इसी गाँव ने दिया। यहाँ शहीद नरेश सिंह की समाधि का महत्व किसी तीर्थ-स्थल से कम नहीं है। अनेक लोग शहीद नरेश सिंह की समाधि देखने यहाँ आते रहते हैं।
शिक्षा
[संपादित करें]गाँव में प्राथमिक विद्यालय के साथ-साथ जूनियर हाईस्कूल भी है। गाँव में शिक्षा की ओर बहुत ध्यान दिया जाता है। सभी बच्चे नित्य विद्यालय जाते हैं।
आस पास के गांव
- नगला विरखू
- सरकोरिया
- बृषभानपुर
- सहबाजपुर
- किनमासा
- प्रहलाद गढ़ी
- रामहेतगढ़ी
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]गाँव के बारे में अधिक जानकारी के लिए स्वप्नलोक नामक ब्लॉग पर जाया सकता है। यह ब्लॉग विवेक सिंह चलाते हैं जो इसी गाँव के निवासी हैं।
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