कैमथल गाँव, इगलास (अलीगढ़)
![]() | इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (सितंबर 2014) |
![]() | यह भारत में स्थित किसी गाँव-सम्बन्धी लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |
कैमथल | |||
— गाँव — | |||
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |||
देश | ![]() | ||
राज्य | उत्तर प्रदेश | ||
ज़िला | अलीगढ़ | ||
आधिकारिक भाषा(एँ) | हिन्दी, अवधी, बुंदेली, भोजपुरी, ब्रजभाषा, पहाड़ी, उर्दु, अंग्रेज़ी | ||
विभिन्न कोड
| |||
आधिकारिक जालस्थल: http://aligarh.nic.in |
निर्देशांक: 27°53′N 78°04′E / 27.89°N 78.06°E
कैमथल इगलास, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश स्थित एक गाँव है।
भूगोल[संपादित करें]
जनसांख्यिकी[संपादित करें]
यातायात[संपादित करें]
इगलास शहर से मुरबार तक बस व टैम्पो चलते है तथा मुरवार से कैमथल तक ताँगे चलते है तथा ताँगे का किराया 5 रुपये कर दिया है जो काफी महँगा है क्योँकि मुरबार से गाँव कैमथल मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर है ताँगे वाले गाड़ी में खच्चर व घोड़ी को जोत कर चलाते हैँ मुरबार से कैमथल तक डाबर सड़क है जो केवल मुरबार गाँव के बाहर खराब है क्योँकि इस गाँव के व्यक्ति घरोँ का पानी सड़क पर खुला छोड़ देते हैँ
आदर्श स्थल[संपादित करें]
शिक्षा[संपादित करें]
गाँव कैमथल में शिक्षा का स्तर निम्न हैँ इसमें एक इण्टर तक स्कूल हैँ जिसमें पढाई ठीक तरह से नहीं करवायी जाती है इसके अलावा इस गाँव में 4 प्राइवेट स्कूल है जो केवल 5 तक की शिक्षा प्रदान करते है प्राइवेट स्कूलो में सरकारी नियमानुसार शिक्षक नहीं रखे जाते आपको इन स्कूलो में 12 याँ 10 वी से अधिक पढे टीचर नहीं मिलेंगे इन स्कूलोँ में प्रधानाध्यापक छात्रो के वजीफा के आधे रुपये काटकर देता है तथा फर्जी छात्रो की लिस्ट बनाकर भी सरकारी धन का दुरुपयोग करते हैँ|
सन्दर्भ[संपादित करें]
इस गाँव में लगभग सभी जातियोँ के व्यक्ति रहते हैँ इस गाँव में अनुसूचित जाति की हालत अधिक खराब है यह लोग मजदूरी करके अपना जीवन व्यापन करते हैँ यहाँ अनुसूचित जाति के व्यक्तियोँ के पास खेत नहीँ हैँ जिसके कारण इन्हैँ यहाँ के दबंग व्यक्ति इनका शोषण करते है तथा जाति सूचक शब्दो से भी सम्बोधित करते हैँ इस क्षेत्र में जाति भावना तथा छुआछूत विद्यमान है जब उच्च वर्ण कोई व्यक्ति दावत करता है तो अनुसूचित जाति के व्यक्ति को समाज से अलग बिठाकर भोजन कराया जाता हैँ| इस गाँव में कुछ समझदार व्यक्ति भी है जो इस प्रथा को समाप्त करना चाहते है लेकिन आज तक कोई सकारात्मक पहल इस दिशा में नहीँ हो पायी हैँ| इस गाँव में भी भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है।जैसे नरेगा में काम करने वाले मजदूरो से प्रधान अपने ख़ेत में करवाता हैँ तथा उनकी हाजिरी नरेगा में लगवायी जाती हैँ| इस गाँव में बी. पी. एल, अन्त्योदय कार्ड, व्रद्दाअवस्था पेंशन, इन्दिरा आवास योजना, आदि गरीबो के लिये आने वाली सुविधाओ का लाभ जमीँदार व दबंग व्यक्ति उठाते हैँ| उनके इस क्रत्य में ग्राम पंचायत के सदस्य ऐसे लोगो का पूरा सहयोग करते हैँ|
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]