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लालकोट

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दिल्ली के महरौली में लाल कोट का बुर्ज

लाल कोट यानी लाल रंग का किला, जो कि वर्तमान दिल्ली क्षेत्र का प्रथम निर्मित नगर था। इसकी स्थापना तोमर शासक राजा अनंग पाल ने 1060 में की थी। साक्ष्य बताते हैं कि तोमर वंश ने दक्षिण दिल्ली क्षेत्र में लगभग सूरज कुण्ड के पास शासन किया, जो 700AD से आरम्भ हुआ था। फिर चौहान राजा, पृथ्वी राज चौहान ने बारहवीं शती में शासन ले लिया और उस नगर एवं किले का नाम किला राय पिथौरा रखा।

चित्र:Map Lal Kot.jpg
लालकोट का दिल्ली के दक्षिण में नक्शा

दिल्ली का नाम गौतम क्षत्रिय राजवंश के राजा ढिल्लू के "दिल्हीका"(800 ई.पू.)[1] के नाम से माना गया है, जो मध्यकाल का पहला बसाया हुआ शहर था, जो दक्षिण-पश्चिम सीमा के पास स्थित था। जो वर्तमान में महरौली के पास है। यह शहर मध्यकाल के सात शहरों में सबसे पहला था। इसे योगिनीपुरा के नाम से भी जाना जाता है, जो योगिनी (एक् प्राचीन देवी) के शासन काल में था।

लेकिन इसको महत्व तब मिला जब 12वीं शताब्दी में राजा अनंगपाल तोमर ने अपना तोमर राजवंश लालकोट[2] से चलाया, जिसे बाद में अजमेर के चौहान राजा ने मुहम्मद गोरी से जीतकर इसका नाम किला राय पिथौरा रखा। 1192 में जब पृथ्वीराज चौहान मुहम्मद गोरी से तराएन का युद्ध में पराजित हो गये थे, तब गोरी ने अपने एक दास को यहं का शासन संभालने हेतु नियुक्त किया। वह दास कुतुबुद्दीन ऐबक था, जिसने 1206 से दिल्ली सल्तनत में दास वंश का आरम्भ किया। इन सुल्तानों में पहले सुल्तान कुतुबुद्दीन ऐबक जिसने शासन तंत्र चलाया इस दौरान उसने कुतुब मीनार बनवाना शुरू किया जिसे एक उस शासन काल का प्रतीक माना गया है।

बाद में उसके वंश के बाद्, खिलजी वंश के अलाउद्दीन खिलजीने यहाँ अलाई मीनार बनवानी आरम्भ की, जो कुतुब मीनार से दोगुनी ऊँची बननी प्रस्तावित थी, परन्तु किन्हीं कारणवश नहीं बन पायी। उसी ने सीरी का किला और हौज खास भी बनवाये।

सन्दर्भ

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  1. मातृभूमि ब्लॉगस्पॉट
  2. "दिल्ली के सात शहर". Archived from the original on 25 अप्रैल 2010. Retrieved 23 मई 2008.