पन्हाला दुर्ग
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पन्हाला दुर्ग | |
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पन्हाला ,महाराष्ट्र ,भारत | |
![]() तीन दरवाज़ा का आंतरिक प्रवेशद्वार | |
Shown within महाराष्ट्र | |
निर्देशांक | 16°48′32″N 74°06′33″E / 16.80889°N 74.10917°E |
प्रकार | पहाड़ी दुर्ग |
ऊँचाई | 845 मी॰ (2,772 फीट) ASL |
स्थल जानकारी | |
स्वामित्व | भारत सरकार |
नियंत्रक | भोज द्वितीय ,बीजापुर सल्तनत , मराठा ,मुग़ल ,ईस्ट इण्डिया कम्पनी |
जनता प्रवेश | हां |
स्थल इतिहास | |
निर्मित | ११७८से १४८९ |
निर्माणकर्ता | भोज द्वितीय ,आदिल शाह |
प्रयोगाधीन | ११७८–१९४७ |
सामग्री | पत्थर ,लीड |
युद्ध/संग्राम | पवन खिण्ड वंश |
दुर्गरक्षक जानकारी | |
पूर्व कमांडर | Bhoja II, Ibrahim Adil Shah I, Shivaji, Aurangzeb, Tarabai |
निवासी | सम्भाजी ,रामचन्द्र पंत अमात्य |
पन्हाला दुर्ग जो कि इन नामों से (पन्हालगढ़ ,पनाला ,पहाला) भी जाना जाता है। जो भारतीय राज्य महाराष्ट्र के कोल्हापुर ज़िले से दक्षिण पूर्व से २० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
पन्हाला दुर्ग का निर्माण ११७८ में किया था इनके साथ १५ और दुर्गों का निर्माण भी किया था। .[1]

पन्हाला दुर्ग में बाजी प्रभु देशपांडे की मूर्ति
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ Gazetteer of the Bombay Presidency. Bombay, India: Govt Central Press. 1866. पपृ॰ 314–315. मूल से 22 जून 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २४ दिसम्बर २०१५.