अरवान सिमाई बहादुरगढ़ गाँव, फूलपुर (इलाहाबाद)
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अरवांसी मय बहादुरगढ़ | |||
— गाँव — | |||
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |||
देश | भारत | ||
राज्य | उत्तर प्रदेश | ||
ज़िला | इलाहाबाद | ||
आधिकारिक भाषा(एँ) | हिन्दी, अवधी, भोजपुरी अंग्रेज़ी | ||
विभिन्न कोड
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आधिकारिक जालस्थल: http://allahabad.nic.in |
निर्देशांक: 25°27′N 81°51′E / 25.45°N 81.85°E
अरवांसी मय बहादुरगढ़ फूलपुर, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में स्थित एक गाँव है। यह गांव इलाहाबाद गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है। इलाहाबाद जौनपुर सीमा से सटा हुआ गांव आगरा पट्टी (बुड़िया का इनारा) इसके पड़ोसी गांव हैं। यह गांव जनसंख्या और क्षेत्रफल दोनों के आधार में काफी बड़ा है। यह गांव में कई पुरवा में बटा हुआ है जैसे शुकुलपुर, छोटी अरवांसी, बड़ी अरवांसी, जुब्बा का पूरा, रानी का तालाब, चमरौटी और दक्खिन।
इस गांव के लोग काफी संपन्न हुई है और साथ ही साथ कुछ गरीब तबके के लोग भी हैं यहां के लोग खेती करते हैं। मवेशी पालन भी इनका एक व्यवसाय है, हालांकि इस गांव में कुछ बनिया बिरादरी के लोग भी हैं जो दुकान व्यवसाय करते हैं।
यह गांव काफी विकसित है यहां पर पानी की बड़ी टंकी भी है जिससे गांव वालों को जलापूर्ति हमेशा होती रहती है इस गांव के पड़ोसी गांव के नाम निम्न है आगरा पट्टी, हरभानपुर, आदि।
गांव के पीछे एक बड़ी सी झील है जिसे स्थानीय लोग ताल कहते हैं। बारिश के मौसम में झील भर जाती है, जिससे गांव वालों को धान की खेती तथा अन्य फसलों को उगाने में मदद मिलती है।
भूगोल
[संपादित करें]यातायात
[संपादित करें]राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे होने के कारण यहां पर यातायात की अच्छी सुविधा है। सरकारी तथा निजी दोनों प्रकार की बसें गांव से होकर जाती हैं। कुछ किलोमीटर की दूरी पर फूलपुर है, जहां गांव से निकटतम रेलवे स्टेशन स्थित है। यहां पर सड़क के पहले 2 लेन की थी, परंतु अब सड़क चौड़ीकरण के दौरान इसे चार लेन में बदला जा रहा है। गांव के अंदर की सड़क व्यवस्था अच्छी होने के कारण प्राइवेट वाहनों का इस्तेमाल भी बहुतायत में होता है।
आदर्श स्थल
[संपादित करें]इस गांव में ऐतिहासिक धरोहर रानी का तालाब स्थित है, जिसका निर्माण फूलपुर के राजा मानिकचंद की रानी गोमती ने करवाया था। कहा जाता है कि फूलपुर से रानी गोमती रानी के तालाब में आरती करती थी। समय के साथ रानी का तालाब खंडहर होता गया, परंतु गांव वालों की सहकार्यता से अब इसे अच्छा कर लिया गया है। पास ही में श्री हनुमान जी का एक मंदिर भी है। विजयदशमी अक्टूबर-नवंबर में यहां पर रामलीला का आयोजन भी होता है। यह आयोजन बहुत भव्य होता है। यहां से कुछ दूरी पर वरना ग्राम में श्री गवरुडेश्वर महादेव का भव्य मंदिर है। ग्राम में सड़क के किनारे सन 1994 में बना एक भगवान शंकर का मंदिर भी है।
शिक्षा
[संपादित करें]इस गांव में कई विद्यालय हैं, जिसमें से ग्राम का सरकारी विद्यालय, लाल बहादुर सिंह इंटर कॉलेज, सरस्वती शिशु मंदिर तथा यशराज सिंह पूर्व माध्यमिक विद्यालय है। बच्चे तथा बच्चियों दोनों के लिए यहां पर निम्न स्तर से इंटरमीडिएट तक की शिक्षा की व्यवस्था है। गांव में कब बच्चियों को पढ़ाया जाता है तथा सबको शिक्षा मिले इसलिए समय-समय पर विद्यालयों के द्वारा सर्व शिक्षा अभियान भी चलाया जाता है, परंतु आज भी गांव में कई ऐसे बच्चे आपको मिल जाएंगे जो अपनी आठवीं तक की शिक्षा भी ना ग्रहण कर सके और मुंबई शहर को कमाने के लिए परिवार चलाने के लिए चले गए हैं।
सन्दर्भ
[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ
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