बंजारा
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बंजाराा समाज खूप वर्षापासून अस्तित्वात असून या समाजाचे लोक बंजारा म्हणून ओळखले जातात. या जातीतले लोक बंजारा जे आपल्या काम धंद्याबद्दल नेहमी भटकत राहावे लागते त्यामुळे या समाजातील लोकांना भटक्या जमातीचे लोंक असे म्हणू लागले.मात्र या समाजातील लोकं हे आपल्या पोटाचा उदरनिर्वाह भागवण्यासाठी एका शहरातून दुसर्या शहरात काम धंदा मिळवण्यासाठी जात असतात.बंजारा समाजात लामण , लाम्बाडी ,लांबणी, अश्या अनेक न सांगता येणार्या जाती आणि जमाती आहेत.विशेषता महाराष्ट्रात या समाजाचे वास्तव्य अतिशय जास्त प्रमाणात आहे.व त्याव्यक्तिरिक्त राजस्थान, उत्तरी भारत आणि मारवाड़ क्षेत्र आणि जास्त करून आंध्र प्रदेश नी तेलंगाना च्या दक्षिण मध्ये आढळता.
हास[संपादित करें]
९६ कुल के लोगों के लिये प्रयोग किया जाता है। १७वीं शताब्दी में, यह डेक्कन सल्तनत की सेनाओं (और बाद में छत्रपती शिवाजी महाराज ) की सेनाओं में सेवा करने वाले सैनिकों के लिए एक पद के रूप में उभरा। छत्रपती शिवाजी महाराज के पिता शहाजी राजे सहित कई मराठा योद्धा, मूल रूप से उन सेनाओं में काम करते थे। मध्य 1660 के दशक तक, छत्रपती शिवाजी महाराज ने एक स्वतंत्र मराठा राज्य स्थापित किया था। ] उनकी मृत्यु के बाद, उनके पुत्र छत्रपती संभाजी महाराज राजा बने और 27 साल के युद्ध में औरंगजेब को पराजित किया। इसे आगे बढ़ाकर पेशवाओं सहित मराठा संघ द्वारा एक विशाल साम्राज्य में विस्तारित किया गया, जो मध्य भारत से दक्षिण में पेशावर (आधुनिक पाकिस्तान में) उत्तर में अफगानिस्तान सीमा पर, और पूर्व में बंगाल के लिए अभियान के साथ। 1 9वीं शताब्दी तक, साम्राज्य मराठा प्रमुखों जैसे कि बड़ौदा के गायकवाड़ , इंदौर के होलकर , ग्वालियर की सिंधियां , धार और देवास के पवार , और नागपुर के भोसले द्वारा नियंत्रित अलग-अलग राज्यों का एक संघाध्यक्ष बन गया था। तीसरा एंग्लो-मराठा युद्ध (1817-1818) में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा अपनी हार तक भारत में कमान संभाली जाने वाली प्रमुख शक्ति बनेगी।

बंजारा समाजाच्या खूप कुळी आहेत त्यापैकी काही[संपादित करें]
1. गोत्र - ....
2. देवक - श्री संत सदगुरू सेवालाल महाराज
3. वंश - गोर बंजारा.
वंश गोत्र देवक
1. :- राठोड वंश :- सूर्य गोत्र :- भारद्वाज देवक :- पंचपल्लव
2. :- पवार वंश :- चंद्र गोत्र :- गार्ग्य देवक :- पंचपल्लव
3. :- चव्हाण वंश :- चंद्र गोत्र :- दुर्वास देवक :- कळंब, केतकी, हळद, सोने
4. :- जाधव वंश :- चंद्र गोत्र :- भारद्वाज, देवक :- देव कमळ, साळुंखी पंख
5. :- नाईक वंश :- सूर्य गोत्र :- भारद्वाज, देवक :- कळंब, केतकी, हळद, सोने
6. :- तवर वंश :- सूर्य गोत्र :- भारद्वाज देवक :- कळंब, केतकी, हळद, सोन, साळुंखी पंख
प्रमुख बंजारा संस्थान[संपादित करें]
1. कर्नाटक 2. गुजरात 3. महाराष्ट्र 3. ग्वालियर 4. नागपुर 5. तंजावर 6. अक्कलकोट 7. सावंतवाडी 8. देवास सीनियर 9. देवास जुनियर 10. धार 11. तंजोर 12. इंदोर
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "विमुक्त बंजारा समाज ने शिक्षा, राज्य सेवा में आरक्षण मांगा". Dainik Bhaskar. 2016-10-05. अभिगमन तिथि 2021-01-31.
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
हिंदू बंजारा | |||
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वर्ण | गोर | ||
वर्गीकरण | बंजारा,गोर,लंबाणी,लमन | ||
कूलदेवता | श्री संत सेवालाल महाराज | ||
गुरु | श्री संत सेवालाल महाराज | ||
मन्त्र | जय सेवालाल | ||
निशान | सेवालाल महाराज | ||
धर्म | हिन्दू धर्म | ||
भाषा | बंजारा | ||
मूल राज्य | संपूर्ण देश | ||
वासित राज्य | बहुसंख्यक: महाराष्ट्र अल्पसंख्यक: गोआ, गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना, छत्तीसगढ, मध्य प्रदेश , उत्तरप्रदेश, तमिलनाडू, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, आंध्र प्रदेश | ||
आबादी | जवळजवळ 3.0 करोड़ | ||
परिवार के नाम | राठोड,नाईक,पवार,जाधव,तवर,चव्हाण,आडे | ||
रंग | पांढरा | ||
स्थिति | आपल्याकडे बंजारा समाजाबद्दल अजून माहिती असल्यास या नंबरवर रेफरन्ससह संपर्क करावे- 9503850761 | ||
सृष्टि (मूल) | संपूर्ण देशात वास्तव्य | ||
वेबपृष्ठ | www.krishnarathod.wordpress.com |