हिडिंब
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हिडिंब या हिडिम्ब या हिडिंबसुर महाभारत काल का एक राक्षस राजा था, जो अपनी बढी बहन हिडिंबा के साथ मिलकर वन में रहा करता था। उसकी बढी बहन हिडिंबा माता महाकाली की भक्त थी और उसे प्रतिदिन चढा़वे के रूप में एक मनुष्य की बलि माता को देनी होती थी। एक दिन हिडिंब अपनि बढी बहन को कहा कि ”मानव बलि हेतु वनवासरत् एक किसि को पकड़ लाओ। हिडिंबा बलि कि खोज मे निकलि। कुछ दुर उसने भीम को देख ली और उस पर मोहित हो गई और भीम से बोली कि "आप मेरे साथ विवाह करके मेरे साथ रहे” फिर दोनो मे प्रेम हुआ दोनो एक दुसरे को आलिंगन और कृडा करने लगे। जब बहुत समय होने पर भी हिडिंबा मानव बलि के लिए भीम को लेकर नहीं आई, तो हिडिंब अपनी बहन के पास पहुँचा और भीम के साथ आलिंगन कृडा करती हिडिंबा को देखकर आश्चर्यचकित होगया। कृडा मे मग्न हिडिम्बा ने भाई को आते देख भाई से क्रोधित होगइ। और भीम से बोलि "हे महावीर भीमसेन ये मेरा छोटा भाई हिडिम्ब है और इस के जिन्दा रहते हम दोनो का मिलन नही हो सकता इसलिए आप इसका वध करिए फिर हम दोनो काम्यक वनमे रमण करेंगे" इसपर भीम ने उसे ललकारा और उसका वध कर दिया। हिडिम्ब काम्यक वन नामक वन के राक्षसो का राजा था। हिडिम्ब के वध पश्चात भीम काम्यक वन का राजा बना था। भीम ने काम्यक वन पर 20 साल राज किया। महाभारत मे काम्यक वन के राक्षसी योद्धायो ने भी युद्ध किया था। भीम और हिडिंबा के गन्धर्व विवाह से हिडिंबा को घटोत्कच नामक पुत्र प्राप्त हुआ।
महाभारत युद्ध में घटोत्कच ने पांडवों की ओर से वीरतापूर्वक भाग लिया था।