द्वादश ज्योतिर्लिंग

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द्वादश ज्योतिर्लिंग is located in भारत
सोमनाथ
सोमनाथ
मल्लिकार्जुन
मल्लिकार्जुन
महाकालेश्वर
महाकालेश्वर
ॐकारेश्वर
ॐकारेश्वर
वैद्यनाथ
वैद्यनाथ
भीमाशंकर
भीमाशंकर
रामेश्वर
रामेश्वर
नागेश्वर
नागेश्वर
विश्वनाथ
विश्वनाथ
त्रयम्बकेश्वर
त्रयम्बकेश्वर
केदारनाथ
केदारनाथ
घृष्णेश्वर
घृष्णेश्वर
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिरों की स्थिति।

हिन्दू धर्म में पुराणों के अनुसार शिवजी जहाँ-जहाँ स्वयं प्रगट हुए उन बारह स्थानों पर स्थित शिवलिंगों को ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजा जाता है। ये संख्या में १२ है। सौराष्ट्र प्रदेश (काठियावाड़) में श्रीसोमनाथ, श्रीशैल पर श्रीमल्लिकार्जुन, उज्जयिनी (उज्जैन) में श्रीमहाकाल, ॐकारेश्वर अथवा ममलेश्वर, परली में वैद्यनाथ, डाकिनी नामक स्थान में श्रीभीमशंकर, सेतुबंध पर श्री रामेश्वर, दारुकावन में श्रीनागेश्वर, वाराणसी (काशी) में श्री विश्वनाथ, गौतमी (गोदावरी) के तट पर श्री त्र्यम्बकेश्वर, हिमालय पर केदारखंड में श्रीकेदारनाथ और शिवालय में श्रीघृष्णेश्वर।[क] हिंदुओं में मान्यता है कि जो मनुष्य प्रतिदिन प्रात:काल और संध्या के समय इन बारह ज्योतिर्लिंगों का नाम लेता है, उसके सात जन्मों का किया हुआ पाप इन लिंगों के स्मरण मात्र से मिट जाता है।[1] प्रत्येक ज्योतिर्लिङ्ग का एक एक उपलिंग भी है जिनका वर्णन शिव महापुराण की कोटिरुद्र संहिता के प्रथम अध्याय से प्राप्त होता है


स्थल

12 ज्योतिर्लिंगों के नाम शिव पुराण अनुसार (शतरुद्र संहिता, अध्याय 42/2-4) हैं।

क्रम. ज्योतिर्लिंग चित्र राज्य स्थिति वर्णन
1 सोमनाथ Somanatha view-II.JPG गुजरात प्रभास पाटन, सौराष्ट्र श्री सोमनाथ सौराष्ट्र, (गुजरात) के प्रभास क्षेत्र में विराजमान है। इस प्रसिद्ध मंदिर को अतीत में छह बार ध्वस्त एवम् निर्मित किया गया है। 1022 ई में इसकी समृद्धि को महमूद गजनवी के हमले से सार्वाधिक नुकसान पहुँचा था।
2 मल्लिकार्जुन Srisailam-temple-entrance.jpg आंध्र प्रदेश कुर्नूल आन्ध्र प्रदेश प्रान्त के कृष्णा जिले में कृष्णा नदी के तटपर श्रीशैल पर्वत पर श्रीमल्लिकार्जुन विराजमान हैं। इसे दक्षिण का कैलाश कहते हैं।
3 महाकालेश्वर Mahakal Temple Ujjain.JPG मध्य प्रदेश महाकाल, उज्जैन श्री महाकालेश्वर (मध्यप्रदेश) के मालवा क्षेत्र में क्षिप्रा नदी के तटपर पवित्र उज्जैन नगर में विराजमान है। उज्जैन को प्राचीनकाल में अवन्तिकापुरी कहते थे।
4 ॐकारेश्वर Omkareshwar.JPG मध्य प्रदेश नर्मदा नदी में एक द्वीप पर मालवा क्षेत्र में श्रीॐकारेश्वर स्थान नर्मदा नदी के बीच स्थित द्वीप पर है। उज्जैन से खण्डवा जाने वाली रेलवे लाइन पर मोरटक्का नामक स्टेशन है, वहाँ से यह स्थान 10 मील दूर है। यहाँ ॐकारेश्वर और मामलेश्वर दो पृथक-पृथक लिंग हैं, परन्तु ये एक ही लिंग के दो स्वरूप हैं। श्रीॐकारेश्वर लिंग को स्वयम्भू समझा जाता है।
5 केदारनाथ Kedarnath Temple.jpg उत्तराखंड केदारनाथ श्री केदारनाथ हिमालय के केदार नामक श्रृंगपर स्थित हैं। शिखर के पूर्व की ओर अलकनन्दा के तट पर श्री बदरीनाथ अवस्थित हैं और पश्चिम में मन्दाकिनी के किनारे श्री केदारनाथ हैं। यह स्थान हरिद्वार से [[१५०|150॰] मील और ऋषिकेश से 132 मील दूर उत्तरांचल राज्य में है।
6 भीमाशंकर Bhimashankar.jpg महाराष्ट्र भीमाशंकर श्री भीमशंकर का स्थान मुंबई से पूर्व और पूना से उत्तर भीमा नदी के किनारे सह्याद्रि पर्वत पर है। यह स्थान नासिक से लगभग 120 मील दूर है। सह्याद्रि पर्वत के एक शिखर का नाम डाकिनी है। शिवपुराण की एक कथा के आधार पर भीमशंकर ज्योतिर्लिंग को असम के कामरूप जिले में गुवाहाटी के पास ब्रह्मपुर पहाड़ी पर स्थित बतलाया जाता है। कुछ लोग मानते हैं कि नैनीताल जिले के काशीपुर नामक स्थान में स्थित विशाल शिवमंदिर भीमशंकर का स्थान है।
7 काशी विश्वनाथ चित्र:Kashivishwnath.jpg उत्तर प्रदेश वाराणसी वाराणसी (उत्तर प्रदेश) स्थित काशी के श्रीविश्वनाथजी सबसे प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में एक हैं। गंगा तट स्थित काशी विश्वनाथ शिवलिंग दर्शन हिन्दुओं के लिए सबसे पवित्र है।
8 त्र्यम्बकेश्वर Trimbakeshwar Shiva Temple, Trimbak, Nashik district.jpg महाराष्ट्र त्र्यम्बकेश्वर, निकट नासिक श्री त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र प्रान्त के नासिक जिले में पंचवटी से 18 मील की दूरी पर ब्रह्मगिरि के निकट गोदावरी के किनारे है। इस स्थान पर पवित्र गोदावरी नदी का उद्गम भी है।
9 वैद्यनाथ Baba Dham.jpg झारखंड देवघर महाराष्ट्र में पासे परभनी नामक जंक्शन है, वहाँ से परली तक एक ब्रांच लाइन गयी है, इस परली स्टेशन से थोड़ी दूर पर परली ग्राम के निकट श्रीवैद्यनाथ को भी ज्योतिर्लिंग माना जाता है। परम्परा और पौराणिक कथाओं से परळी स्थित श्रीवैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग को ही प्रमाणिक मान्यता है।
10 नागेश्वर Nageshwar Temple.jpg गुजरात दारुकावन, द्वारका श्रीनागेश्वर ज्योतिर्लिंग बड़ौदा क्षेत्रांतर्गत गोमती द्वारका से ईशानकोण में बारह-तेरह मील की दूरी पर है। निजाम हैदराबाद राज्य के अन्तर्गत औढ़ा ग्राम में स्थित शिवलिंग को ही कोई-कोई नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मानते हैं। कुछ लोगों के मत से अल्मोड़ा से 17 मील उत्तर-पूर्व में यागेश (जागेश्वर) शिवलिंग ही नागेश ज्योतिर्लिंग है।
11 रामेश्वर Ramanathar-temple.jpg तमिल नाडु रामेश्वरम श्रीरामेश्वर तीर्थ तमिलनाडु प्रान्त के रामनाड जिले में है। यहाँ लंका विजय के पश्चात भगवान श्रीराम ने अपने अराध्यदेव शंकर की पूजा की थी। ज्योतिर्लिंग को श्रीरामेश्वर या श्रीरामलिंगेश्वर के नाम से जाना जाता है।.[2]
12 घृष्णेश्वर Grishneshwar Temple.jpg महाराष्ट्र निकट एलोरा, औरंगाबाद जिला श्रीघुश्मेश्वर (गिरीश्नेश्वर) ज्योतिर्लिंग को घुसृणेश्वर या घृष्णेश्वर भी कहते हैं। इनका स्थान महाराष्ट्र प्रान्त में दौलताबाद स्टेशन से बारह मील दूर बेरूल गाँव के पास है।

सन्दर्भ

  1. जागरण पर Archived 2007-09-28 at the Wayback Machine। याहू जागरण पर
  2. For Rameshvara as one of the twelve "Pillars of Light", see: Chakravarti 1994, पृष्ठ 140.

टीका टिप्पणी

   क.    ^

सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। :उज्जयिन्यां महाकालमोंकारममलेश्वरम्॥1॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशंकरम्।:सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥2॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।:हिमालये तु केदारं घृष्णेशं च शिवालये॥3॥
एतानि ज्योतिर्लिंगानि सायं प्रात: पठेन्नर:।:सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥4॥

स्रोत्र

इन्हें भी देखें