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दक्षिण अमेरिका

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दक्षिण अमेरिका
क्षेत्रफल १,७८,४०,००० किमी
जनसंख्या ३८,२०,००,०००
जनसंख्या घनत्व २१.४ प्रति किमी
राष्ट्रीयता दक्षिण अमरीकी, अमरीकन
देश १२ (देशों की सूची)
अधीनस्थ क्षेत्र
भाषा (एँ) भाषाओं की सूची
समय क्षेत्र UTC-2 से UTC-5
बड़े नगर

दक्षिण अमेरिका (स्पेनी: América del Sur; पुर्तगाली: América do Sul) उत्तर अमेरिका के दक्षिण पूर्व में स्थित पश्चिमी गोलार्द्ध का एक महाद्वीप है।[1] दक्षिणी अमेरिका उत्तर में १३ उत्तरी अक्षांश (गैलिनस अन्तरीप) से दक्षिण में ५६ दक्षिणी अक्षांश (हार्न अन्तरीप) तक एवं पूर्व में ३५ पश्चिमी देशान्तर (रेशिको अन्तरीप) से पश्चिम में ८१ पश्चिमी देशान्तर (पारिना अन्तरीप) तक विस्तृत है।[2] इसके उत्तर में कैरीबियन सागर तथा पनामा नहर, पूर्व तथा उत्तर-पूर्व में अन्ध महासागर, पश्चिम में प्रशान्त महासागर तथा दक्षिण में अण्टार्कटिक महासागर स्थित हैं।[3] भूमध्य रेखा इस महाद्वीप के उत्तरी भाग से एवं मकर रेखा मध्य से गुजरती है जिसके कारण इसका अधिकांश भाग उष्ण कटिबन्ध में पड़ता है। दक्षिणी अमेरिका की उत्तर से दक्षिण लम्बाई लगभग ७,२०० किलोमीटर तथा पश्चिम से पूर्व चौड़ाई ५,१२० किलोमीटर है। विश्व का यह चौथा बड़ा महाद्वीप है, जो आकार में भारत से लगभग ६ गुना बड़ा है। पनामा नहर इसे पनामा भूडमरुमध्य पर उत्तरी अमरीका महाद्वीप से अलग करती है। किंतु पनामा देश उत्तरी अमरीका में आता है।[4][5][6]

३२,००० किलोमीटर लम्बे समुद्रतट वाले इस महाद्वीप का समुद्री किनारा सीधा एवं सपाट है, तट पर द्वीप, प्रायद्वीप तथा खाड़ियाँ कम हैं जिससे अच्छे बन्दरगाहों का अभाव है। खनिज तथा प्राकृतिक सम्पदा में धनी यह महाद्वीप गर्म एवं नम जलवायु, पर्वतों, पठारों घने जंगलों तथा मरुस्थलों की उपस्थिति के कारण विकसित नहीं हो सका है। यहाँ विश्व की सबसे लम्बी पर्वत-श्रेणी एण्डीज पर्वतमाला एवं सबसे ऊँची टीटीकाका झील हैं। भूमध्यरेखा के समीप पेरू देश में चिम्बोरेजो तथा कोटोपैक्सी नामक विश्व के सबसे ऊँचे ज्वालामुखी पर्वत हैं जो लगभग ६,०९६ मीटर ऊँचे हैं। अमेजन, ओरीनिको, रियो डि ला प्लाटा यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं। दक्षिण अमेरिका की अन्य नदियाँ ब्राज़ील की साओ फ्रांसिस्को, कोलम्बिया की मैगडालेना तथा अर्जेण्टाइना की रायो कोलोरेडो हैं। इस महाद्वीप में ब्राज़ील, अर्जेंटीना, चिली, उरुग्वे, पैराग्वे, बोलिविया, पेरू, ईक्वाडोर, कोलोंबिया, वेनेज़ुएला, गुयाना (ब्रिटिश , फ्रेंच), सूरीनाम(इसे पहले डच गुयाना के नाम से जाना जाता था ) और फ़ाकलैंड द्वीप-समूह आदि देश हैं।

माचू पिच्चू में इंका सभ्यता के अवशेष
औपनिवेशिक युग में "पिन्तुरा दे कास्टास" में एक मेस्टिजो़ का वर्णन। "स्पेनी पिता और स्थानीय माता की संतान-मेस्टिजो़"।
गुआयाक्विल में जोस डे सैन मार्टिन और सिमोन बोलिवर की मुलाकात

दक्षिण अमेरिका का इतिहास और संस्कृति विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से हैं। पेरू की केन्द्रीय पहाड़ियों में लाखों वर्षों पूर्व मानव जीवन की शुरुआत हुई। यहाँ की सर्वप्रमुख सभ्यता इंका की सभ्यता थी जिसका अधिकारक्षेत्र पेरू, ईक्वाडोर, बोलीविया तथा अर्जेंटीना और चिली के उत्तरी भागों में फैला हुआ था। पेरू की राजधानी लीमा के समीपवर्ती क्षेत्रों में इंका सभ्यता की हजारों ममियाँ प्राप्त हुई हैं।[7] पंद्रहवी शताब्दी के अन्त में यह चरमोत्कर्ष पर थी। इंका सभ्यता में शासक को इंका कहा जाता था एवं उसका सदैव आदर किया जाता था। यह सभ्यता अपनी उत्तम यातायात, संचार एवं डाक व्यवस्था के लिए जानी जाती है। माचू पिच्चू प्रमुख नगर था जिसके सुंदर पुरातात्विक अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं। यूरोपीय समुद्र अभियानों में दक्षिणी अमेरिका की स्थिति की खोज सोलहवीं सदी के प्रारम्भ में हुई। इसके तट की विस्तृत खोज भी अमेरिगो वेस्पूची ने कुछ समय पश्चात् की, किन्तु अधिकांश आन्तरिक अगम्य भागों में दक्षिणी यूरोपवासियों का विस्तार अठारहवीं सदी में ही हुआ। यहाँ पर राज्यों एवं उनकी सीमाओं का निर्माण तथा सुचारु व्यवस्थाएँ उन्नीसवीं सदी की हैं। दक्षिण अमेरिका में अधिकांश देशवासी प्रारम्भ से ही स्पेन व पुर्तगाल से आकर बसे। फिर भी यहाँ बसने वालों को अपने पितृ देश की गुलामी सोलहवीं से उन्नीसवीं सदी तक कमोवेश भुगतनी पड़ी। यूरोपीय प्रभाव के कारण इसे लैटिन अमेरिका या लातीनी अमेरिका भी कहा गया। वर्तमान में दक्षिणी अमेरिका में मुख्य भूमि पर १३ देश एवं फाकलैण्ड द्वीप समूह है। इसके अतिरिक्त मध्य अमेरिका में ८ देश हैं एवं लेटिन अमेरिका में इन सबके साथ-साथ मेक्सिको एवं क्यूबा भी सम्मिलित है।

१४९४ में उस समय की दो महान समुद्री शक्तियों, पुर्तगाल और स्पेन ने तोर्देसिलास की संधि पर हस्ताक्षर कर इस बात पर सहमति जताई कि, यूरोप से बाहर ढूंढी जाने वाली सारी जमीन पर उन दोनों देशों का विशेष द्वयाधिकार होगा। संधि के पालन के लिए उत्तर-दक्षिण मध्याह्न ३७० लीग, केप वर्दे द्वीप समूह के पश्चिम से एक काल्पनिक रेखा का निर्धारण किया गया जो मोटे तौर पर ४६° ३७' पश्चिम थी। संधि के अनुसार यह निश्चित किया गया कि इस रेखा के पश्चिम में पायी जाने वाली समस्त भूमि स्पेन के हिस्से मे जायेगी और पूर्व की सभी जमीन पुर्तगाल की होगी। उस समय देशांतर रेखाओं का सटीक और निश्चित मापन असंभव था, इस कारण इस संधि का अक्षरक्ष: पालन नहीं हो सका जिसके परिणामस्वरूप मध्याह्न के पश्चिम मे होने के बावजूद ब्राजील में पुर्तगाली विस्तार हो गया। १५३० के दशक के शुरुआत में, दक्षिण अमेरिका के लोगों और प्राकृतिक संसाधनों का विदेशी विजेताओं द्वारा बार बार शोषण किया गया, पहले स्पेन और बाद में पुर्तगाल द्वारा। निर्दयतापूर्वक इन पर विदेशी भाषा और धर्म लादे गए और बंधक मजदूर बनाए गए। इन दोनों प्रतिस्पर्धी औपनिवेशिक देशों ने इस महाद्वीप के संसाधनों को उनका अपना होने का दावा किया और इस महाद्वीप को उपनिवेशों में बाँट दिया।

लंबे चले स्वतंत्रता संग्राम के बाद १८०४ और १८२६ के बीच दक्षिण अमेरिका के सभी स्पैनिश उपनिवेश, स्वतंत्र हो गये। पुर्तगाली उपनिवेश ब्राजील में, डोम पेड्रो प्रथम (पुर्तगाल का डोम पेड्रो चतुर्थ भी कहते हैं), जो पुर्तगाली नरेश डोम जोआयो षष्टम का पुत्र था, ने १८२२ में ब्राजील की स्वतंत्रता की घोषणा की और ब्राजील का पहला सम्राट बना। पुर्तगाल के राज परिवार ने इसे शांति से स्वीकार कर लिया। गुयाना इसके बहुत बाद १९६६ में यूनाइटेड किंगडम के नियन्त्रण और सूरीनाम १९७५ में डच नियन्त्रण से मुक्त हुआ जबकि फ्रेंच गयाना आज भी फ्रांस का एक हिस्सा बना हुआ है। कोलम्बिया इस समय तक आंतरिक संघर्ष से जूझ रहा है, जो १९६४ में मार्क्सवादी छापामारों के गठन के साथ शुरू हुआ था और अब कई वामपंथी विचारधारा रखने वाले अवैध सशस्त्र समूह और नशीली दवाओं का व्यापार करने वाले माफियाओं की निजी सेनायें इसमें शामिल हो गये हैं।

भू-प्रकृति

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दक्षिण अमेरिका का भौतिक स्वरूप

धरातलीय स्वरूप के अन्तर की दृष्टि से दक्षिण अमेरिका महाद्वीप विशेष महत्त्वपूर्ण है। पश्चिम की ओर तट के समानान्तर एण्डीज कार्डिलेरा पर्वत शृंखला उत्तर से दक्षिण की ओर फैली हुई है[8] जो उत्तरी अमेरिका के राकी पर्वत का ही सिलसिला है। ७,२०० किलोमीटर लम्बी यह विश्व की सबसे लम्बी पर्वतमाला हिमालय के बाद सबसे ऊँची पर्वत शृंखला भी है। इसमें अनेक ऊँची-ऊँची पर्वत श्रेणियाँ, पठार, तथा ज्वालामुखी शिखर पाये जाते हैं। संसार का सबसे ऊँचा ज्वालामुखी पर्वत कोटोपैक्सी (५,९७० मीटर) इसी भाग में स्थित है। इस पर्वतमाला की सबसे ऊँची चोटी अकाकागुआ (६,९६९ मीटर) सदैव बर्फ से ढकी रहती है। एण्डीज की साधारणतः दो श्रेणियाँ हैं जिनके मध्य बोलविया एवं पेरू के पठार तथा विशाल मीठे जल की झील टिटिकाका है। इस महाद्वीप में मुख्य तीन पठारी भाग है, गायना का पठार, ब्राज़ील का पठार एवं पेटागोनिया का पठार। गायना का कटा-छटा पठारी भाग जो ओरीनीको एवं अमेजन नदी के मुहाने के बीच है, ९०० से १,८०० मीटर ऊँचा है एवं जल विभाजक का कार्य करता है। त्रिभुजाकार ब्राज़ील का पठार दक्षिण अमेरिका के मध्यवर्ती भाग में अटलांटिक महासागर के तट पर उत्तर-पूर्व में केपराग से प्रारम्भ होकर दक्षिण में रियो ग्रेडो डी सुल तक विस्तृत है। कठोर वलित चट्टाने से निर्मित होने के कारण अभी तक क्षय से बचा हुआ है। पेटागोनिया का पठार अर्जेन्टाइना में लिमये नदी से दक्षिणी अमेरिका के अन्तिम छोर तक फैला है। ३०० से ९०० मीटक ऊँचा यह पठार पश्चिम में एण्डीज पर्वतमाला से सीमित होकर पूर्व में वेदिकायुक्त ढालों के रूप में अटलांटिक महासागर तक विस्तृत है।[3]

पश्चिमी पहाड़ तथा पूर्वी पठारों के मध्य उत्तर से दक्षिण पूरे महाद्वीप की लम्बाई में फैला हुआ एक विशाल मैदान है। इस मैदान का क्षेत्रफल पूरे दक्षिण अमेरिका के क्षेत्रफल का लगभग आधा है। इसके उत्तरी भाग को लानोज़ कहते हैं। ओरीनिको नदी द्वारा निर्मित लानोज़ वेनेज़ुएला एवं कोलंबिया में है। मैदान का मध्य भाग अमेज़न नदी का बेसिन है जिसे ब्राज़ीलवासी सेल्वाज कहते हैं। यह नदी प्रदेश उत्तर में गायना के पठार, पश्चिम में एण्डिज पर्वत एवं दक्षिण में ब्राजील के पठार से घिरा है। अमेज़न एवं इसकी सहायक २०० नदियों में सदा बाढ़ आने के कारण इस त्रिभुजाकार मैदान का बड़ा भाग दलदल बना रहता है जिससे यातायात का विकास नहीं हो पाता है। पराना, पराग्वे और युरुग्वे नदियों ने मिलकर पम्पास क्षेत्र की रचना की है जिसे लाप्लाटा का बेसिन भी कहते हैं। मध्य दक्षिण का यह उपजाऊ मैदान आर्थिक दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। इसकी औसत ऊचाई १८५ मीटर से भी कम है एवं अर्जेंटीना, उरूग्वे, पराग्वे तथा कुछ अंशों में दक्षिण ब्राजील एवं दक्षिण बोलविया में फैला है। सबसे दक्षिण भाग में पैटागोनिया का मरुस्थल है। एण्डीज पर्वत माला तथा प्रशान्त महासागर के मध्य निम्न भूमि की अत्यन्त संकरी तटीय पट्टी पायी जाती है। लगभग १०० किलोमीटक चौड़ी यह पट्टी दक्षिणी अमेरिका के पश्चिमी तट के साथ-साथ उत्तर से दक्षिण तक फैली हुई है। पूर्वी तटीय प्रदेश अपेक्षाकृत अधिक चौड़ा है, इसकी चौड़ाई १५० से २०० किलोमीटर है। इसमें छोटी-छोटी तेज बहने वाली नदियाँ बहती हैं जो डेल्टा का निर्माण नहीं करती हैं।

राजनीति

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दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र संघ का ध्वज

२१ वीं सदी के पहले दशक के दौरान, दक्षिण अमेरिका के देशों की सरकारों का झुकाव वामपंथ की तरफ हो गया जिसके चलते चिली, उरुग्वे, ब्राजील, अर्जेंटीना, ईक्वाडोर, बोलिविया, पैराग्वे और वेनेजुएला जैसे देशों मे हुए चुनावों मे साम्यवादी नेताओं को जीत मिली है। साम्यवाद की उपस्थिति के बावजूद दक्षिण का अधिकांश भाग आज भी मुक्त बाजार की नीतियों का अनुसरण करता है और इस नीति के कारण आज पूरे महाद्वीप का आर्थिक एकीकरण बड़ी तेजी से हो रहा है। हाल ही में, एक अन्तरसरकारी संस्था का गठन किया गया है जिसका उद्देश्य दो मौजूदा सीमा शुल्क संघों: मर्कोसुर और एंडियन समुदाय, का विलय कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा व्यापार ब्लॉक बनाने का है।[9] इस नये राजनीतिक संगठन को दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र संघ के नाम से जाना जाता है और इसका उद्देशय लोगों की एक देश से दूसरे देश में मुक्त आवाजाही, आर्थिक विकास, एक आम रक्षा नीति और शुल्कों के उन्मूलन करना है।

राजनैतिक अनुभाग

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उप-विभाग
  क्षेत्र क्षेत्रफल (वर्ग किलोमीटर) जनसंख्या (करोड़)     क्षेत्र क्षेत्रफल (वर्ग किलोमीटर) जनसंख्या (करोड़)
1 अर्जेंटीना २७९१८१० ३.६२ 9 पेरु १२८५२२० २.८३
2 बोलीविया १०९८५८१ ०.८४ 10 सूरीनाम १६३२७० ०.०४३
3 ब्राज़ील ८५१४८७७ १८.७५ 11 उरुग्वे १७६२२० ०.३३
4 चिली ७५६९५० १.६१ 12 वेनेज़ुएला ९१६४४५ २.७२
5 कोलंबिया ११४१७४८ ४.२७ 13 फ़ाकलैंड द्वीप-समूह (ब्रिटेन) १२१७३ ०.०००३
6 ईक्वाडोर २८३५६० १.३४ 14 दक्षिण जोर्जिया और दक्षिण सैंडविच द्वीपसमूह (ब्रिटेन) ३०९३
7 गुयाना २१४९७० ०.०६९ 15 फ्रेंच गुयाना (फ़्राँस) ९१००० ०.०१८
8 पैराग्वे ४०६७५० ०.५८
दक्षिण अमेरिका का कोप्पेन मानचित्र

भूमध्य रेखा दक्षिणी अमेरिकी के उत्तरी भाग से होकर गुजरती है एवं इस महाद्वीप की सबसे अधिक चौड़ाई उत्तर में ही है। अतः दक्षिणी अमेरिका का अधिकांश भाग उष्ण कटिबन्ध में पड़ता है इसलिए यहाँ की जलवायु मोटे तौर पर गर्म एवं नम है। इसका अधिकांश भाग दक्षिणी गोलार्ध में पड़ने की वजह से यहाँ के ऋतुओं का क्रम उत्तरी गोलार्ध के विपरीत होता है। यहाँ जनवरी में गर्मी की ऋतु तथा जुलाई में जाड़े की ऋतु होती है। महाद्वीप के पश्चिम में उत्तर से दक्षिण दिशा में एण्डीज पर्वत स्थित है जो एक जलवायु सम्बंधी बाधा का कार्य करती है। उष्ण कटिबन्ध में स्थित होने पर भी एण्डीज पर्वत तथा ब्राज़ील एवं गायना के पठारी भागों पर अधिक ऊँचाई के कारण तापक्रम कम तथा आनन्दायक रहता है। एण्डीज पर्वत व्यापारिक हवाओं को पश्चिम की ओर जाने से रोकता है जिससे इसके पूर्वी भाग में तो खूब वर्षा होती है परन्तु पश्चिमी तटीय सँकरी पट्टी में बहुत कम वर्षा होती है। इसके विपरीत दक्षिणी अमेरिका का दक्षिणी भाग पछुआ हवाओं की पेटी में स्थित है अतः पश्चिमी तटीय भाग में तो खूब वर्षा होती है परन्तु पूर्व की ओर जाने पर ये हवाएँ शुष्क हो जाती हैं जिससे एण्डीज पर्वत के पूर्वी भाग में बहुत कम वर्षा होती है। दक्षिणी भूमध्यरेखीय तथा ब्राज़ील की गर्म धाराओं के प्रभाव से दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी भाग का तापक्रम ऊँचा रहता है। साथ ही इनके ऊपर से जाने वाली हवाएँ गर्म होकर अधिक जलवाष्प ग्रहण कर लेती हैं जिससे उनसे पर्याप्त वर्षा होती है। इसके विपरीत महाद्वीप के दक्षिणी भाग में पश्चिमी तट के समीप पीरू या हम्बोल्ट की ठण्डी धारा तथा पूर्वी तट के समीप फाकलैण्ड की ठण्डी धारा बहती है। इन धाराओं के प्रभाव से समीपवर्ती भाग की जलवायु ठण्डी एवं शुष्क रहती है। मकर रेखा के दक्षिण दक्षिणी अमेरिका की चौड़ाई अत्यन्त कम हो जाती है। अतः समुद्र की समीपता के कारण महाद्वीप के दक्षिणी भाग की जलवायु प्रायः सम रहती है।

दक्षिण अमेरिका के अमेज़न नदी के बेसिन में वर्ष भर गर्म व नम भूमध्यरेखीय जलवायु पाई जाती है।[10] सवाना तुल्य जलवायु अमेज़न बेसिन के उत्तर में ओरीनिको नदी के बेसिन तथा दक्षिण में ब्राजील के पठारी भाग पर पाई जाती है। इस भाग पर तापक्रम तो ऊँचा रहता है परन्तु वर्षा केवल गर्मी के कुछ ही महीनों में तथा कम मात्रा में होती है। पूर्वी ब्राज़ील में व्यापारिक हवाओं के प्रभाव से केवल गर्मी में वर्षा होती है और जाड़े में ऋतु शुष्क होती है। यहाँ गर्मी में अधिक गर्मी तथा जाड़े में साधारण जाड़ा पड़ता है। इस प्रकार यहाँ भारत की तरह उष्ण मानसून जलवायु पाई जाती है। दक्षिण पीरू तथा उत्तरी चिली के कुछ भागों में उष्ण मरुस्थलीय जलवायु पाई जाती है। इस मरुस्थल को अटाकामा मरुस्थल कहते हैं। यहाँ की जलवायु अत्यन्त विषम होती है तथा वर्षा नाममात्र को होती है। यहाँ कई वर्षों तक तो एक बूँद भी वर्षा नहीं होती है। अटाकामा मरुस्थल के दक्षिण मध्य चिली में भूमध्यसागरीय जलवायु पाई जाती है। इस भाग में केवल जाड़े में वर्षा होती है और गर्मी की ऋतु शुष्क होती है। गर्मी में साधारण गर्मी तथा जाड़े में साधारण जाड़ा पड़ता है। उत्तरी-पूर्वी अर्जेंटीना और पश्चिमी पराग्वे के मैदानी भाग में यान चाको एवं पम्पास प्रदेश में ग्रीष्म ऋतु में कुछ वर्षा हो जाती है तथा शीत ऋतु सूखी रहती है। यहाँ गर्मी में काफी गर्मी पड़ती है तथा जाड़े में तापक्रम काफी कम हो जाता है। इस प्रकार यहाँ प्रेयरी तुल्य जलवायु पाई जाती है। उत्तरी अमेरिका के प्रेयरी प्रदेश की तुलना में इस भाग की जलवायु कम विषम है। महाद्वीप के सुदूर दक्षिण अर्थात् दक्षिणी चिली में पछुआ हवाओं से वर्ष भर वर्षा होती है। यह भाग समशीतोष्ण कटिबन्ध में स्थित है। इस प्रकार की जलवायु सामान्यतया शीत शीतोष्ण कटिबन्ध में महाद्वीपों के पश्चिमी भाग में पाई जाती है। इस जलवायु को पश्चिमी यूरोप तुल्य जलवायु या ब्रिटिश तुल्य जलवायु भी कहते हैं। पंपास प्रदेश के दक्षिण तथा एण्डीज पर्वतमाला के पूर्वी भाग पर पैटागोनिया का शीतोष्ण मरुस्थलीय भाग है। एण्डीज पर्वतों के वृष्टिछाया प्रदेश में स्थित होने के कारण यहाँ की जलवायु अत्यन्त शुष्क है। एण्डीज के पर्वतीय भाग में ऊँचाई के कारण तापक्रम काफी कम रहता है।

प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीव

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अमेजन नदी की घाटी में वर्षा वन

प्राकृतिक वनस्पति जलवायु का अनुसरण करती है। दक्षिण अमेरिका में जलवायु की विभिन्नता के आधार पर विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक वनस्पति पायी जाती है। अमेजन नदी के बेसिन में, जहाँ वर्ष भर उष्ण एवं नम जलवायु पाई जाती है अत्यन्त घने चौड़ी पत्ती वाले सदाबहार वन पाए जाते हैं। इन वनों का स्थानीय नाम सेल्वाज है। यहां वृक्ष इतने घने हैं कि सूर्य का प्रकाश भी छनकर नीचे नहीं पहुँच पाता है। वृक्ष किसी खास मौसम में अपनी पत्तियाँ नहीं गिराते हैं। इन वनों में रबड़, महोगनी, आबनूस, सिनकोना, रोजवुड, ताड़ आदि के वृक्ष पाए जाते हैं। गर्मी के कारण यहाँ की लकड़ियाँ काफी कड़ी होती हैं। इन वनों में वाल्सा नामक संसार की सबसे हल्की लकड़ी भी मिलती है। इन घने जंगलों में विभिन्न प्रकार के बन्दर, साँप, तथा अजगर जैसे सरीसृप, दरियाई घोड़े, दलदली हिरण आदि विभिन्न प्रकार के जंगली जानवर पाए जाते हैं। यहाँ एनाकोण्डा नामक १० मीटर लम्बा सर्प पाया जाता है जो घड़ियाल को भी मार कर खा जाता है। आर्मेडिलो एक विशाल चींटी-खोर जीव है। अमेजन बेसिन के उत्तर एवं दक्षिण में कम वर्षा होने के कारण उष्ण कटिबन्धीय घास के मैदान पाए जाते हैं जिन्हे उत्तर में वेनेज़ुएला देश के ओरीनिको नदी के बेसिन में लानोज तथा दक्षिण में ब्राज़ील देश में कम्पोस कहते हैं। वर्षा होते ही लम्बी घास उग आती है परन्तु सूखा पड़ने पर यह प्रदेश सूखकर भूरा और पीला हो जाता है। पूर्वी ब्राज़ील में जहाँ केवल गर्मी में वर्षा होती है, चौड़ी पत्ती वाले पतझड़ के वन पाए जाते हैं। शुष्क मौसम के शुरू होते ही ये वृक्ष अपने पत्ते गिरा देते हैं। यहाँ के वनों में मुख्य वृक्ष पिराना पाइन तथा सीसल हैं। दक्षिणी पीरू तथा उत्तरी चिली के अटाकामा के मरुस्थल में वर्षा न होने से केवल नागफनी तथा कँटीली झाड़ियाँ पाई जाती हैं।

भूमध्यसागरीय वन

अटाकामा मरुस्थल के दक्षिण अर्थात् मध्य चिली में भूमध्यसागरीय वन पाए जाते हैं। गर्मी में वर्षा न होने पर भी यहाँ चौड़ी पत्ती वाले सदाबहार वृक्ष पाए जाते हैं क्योंकि गर्मी की शुष्कता से बचने के लिए यहाँ के वृक्षों ने कई उपाय कर लिए हैं जैसे इन वृक्षों की छालें मोटी, जड़े गहरी तथा पत्तियाँ मोटी होती हैं। इस प्रदेश के मुख्य वृक्ष ओक, अखरोट, चेस्टनट तथा अंजीर हैं। यहाँ जंगली जानवरों का अभाव है। मुख्यतः पालतू पशु पाए जाते हैं। उत्तरी अर्जेंटीना और पश्चिमी पराग्वे में जहाँ वर्षा कम होती है शीतोष्ण कटिबन्धीय घास के मैदान पाए जाते हैं। इन्हें उत्तरी भाग में ग्रान चाको तथा दक्षिणी भाग में पंपास कहते हैं। घासें छोटी-छोटी होती हैं। इन घास के मैदानों में पशुपालन का काम होता है। यहाँ रिया, ग्वानाको, जगुआर, हिरण तथा मारा नामक जानवर पाए जाते हैं। दक्षिण चिली में, जहाँ पश्चिमी यूरोप तुल्य जलवायु पाई जाती है, शीतोष्ण मिश्रित वन पाए जाते हैं। चीड़ और बीच इन वनों के मुख्य वृक्ष हैं। इन वनों में नुकीली पत्ती वाले सदाबहार तथा पतझड़ के वृक्षों के मिश्रित वन पाए जाते हैं। एण्डीज पर्वत के पूर्वी भाग में स्थित पैटागोनिया के मरुस्थल में मरुस्थलीय वनस्पति मिलती हैं। वनस्पति का प्रायः अभाव है। कहीं-कहीं कुछ घास के पौधे व झाड़ियाँ मिलती हैं। एण्डीज के उच्च पर्वतीय भागों में हिमपात होने के कारण नुकीली पत्ती वाले कोणधारी वन पाए जाते हैं। इनकी लकड़ियाँ मुलायम होती हैं।

जल अपवाह प्रणाली

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अमेजन नदी का जल अपवाह क्षेत्र

दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के पश्चिमी तट पर एण्डीज पर्वतमाला उत्तर से दक्षिण को फैली है। यह पर्वतमाला जल विभाजक का कार्य करती है। इस महाद्वीप की सबसे प्रमुख नदी अमेजन विश्व की सबसे विशाल नदी है जिसमें दुनिया की किसी भी नदी की तुलना में अधिक जल प्रवाहित होता है। ६३०० किलोमीटर लम्बी यह नदी पेरु देश में एण्डीज पर्वत श्रृंखला से निकलकर ब्राज़ील देश में पश्चिम से पूर्व बहती हुई अन्ध महासागर में गिरती है। इसकी सहायक नदियाँ तपैजा, रियोनीग्रो, टोकिण्टिन्स मैरानन तथा मैडीरा है। विश्व की सबसे शक्तिशाली या तीव्रवाहिनी ओरीनिको नदी भी दक्षिण अमेरिका में ही बहती है। यह एण्डीज पर्वतमाला से निकलकर गायना के पठार का चक्कर काटती हुई २,४०० किलोमीटर की दूरी तय करके वेनेज़ुएला तथा कोलोंबिया देशों में बहती हुई अन्ध महासागर में गिरती है। इसकी सहायक नदियाँ मेटा, आपूर, ग्वावियार, कारा तथा कारोनी हैं। ओरीनिको नदी की एक सहायक नदी रियो गायना पर विश्व का सबसे ऊँचा जलप्रपात एन्जेल प्रपात (९७९ मीटर) है जो नियाग्रा जलप्रपात से भी १३ गुना ऊँचा है।[11] ब्राज़ील के पठार के मध्यवर्ती भाग से पराना और उसकी सहायक पराग्वे निकलती है। उरुग्वे सेरा दो मार पर्वत से निकलती है। पिल्कोमायो तथा सलादो नदियाँ एण्डीज पर्वत से निकलकर क्रमशः पैराग्वे तथा पराना नदियों से मिल जाती हैं। अर्जेंटीना की उत्तरी सीमा पर पैराग्वे नदी पराना नदी में मिल जाती हैं। पराना, पैराग्वे एवं उरूग्वे नदियों की मिली हुई धारा को लाप्लाटा कहते हैं। लाप्लाटा के मैदान को उत्तरी भाग में ग्रान चाको तथा दक्षिण भाग में पंपास कहते हैं। दक्षिण अमेरिका की अन्य नदियाँ ब्राज़ील की साओ फ्रांसिस्को, कोलोंबिया की मैगडालेना तथा अर्जेंटीना की रायो कोलोरेडो हैं।

जनसांख्यिकी

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लैटिन अमेरिका की जनसंख्या का एक बड़ा भाग मेक्सिको, अर्जेंटीनाब्राज़ील में रहता है। इन तीनों देशों की जनसंख्या कुल मिलाकर ३० करोड़ से अधिक है। इस महाद्वीप की आज भी अधिकतर जनसंख्या तटीय क्षेत्रों में पायी जाती है, जहाँ तट एवं तटीय सागर में विकसित यातायात अत्यन्त सुगम है और विदेशों से सम्पर्क आसानी से रखा जा सकता है। ऐसे क्षेत्र ब्राज़ील के साओ पाउलो और सेंटोस तक तथा पठारी व पूर्वी मेक्सिको, उत्तरी अर्जेंटीना और वेनेज़ुएला के तटीय भाग में हैं। मध्यवर्ती अक्षांशों में अर्जेंटीना और उरुग्वे से लाप्लाटा नदी के मैदान में कृषि और सुविधाओं के कारण जनसंख्या अधिक सघन मिलती है।[12] उत्तरी-पूर्वी ब्राज़ील में उष्णार्द्र खेती के अन्तर्गत कहवा और कपास पैदा किए जाने से जनसंख्या अधिक सघन मिलती है। यहाँ पर सभी प्रकार की उष्ण, अर्धोष्ण व शीतोष्ण फसलें पैदा की जाती हैं। यहाँ पर जन-घनत्व २५ से १०० व्यक्ति के मध्य है। ६५ प्रतिशत आबादी तटीय नगरों में बसी है। इन क्षेत्रों के विपरीत, अमेजन के जंगली और दलदली भाग, एण्डीज की ऊँचाइयों, पैटागोनिया, चिली और पेरु के मरुस्थलीय तथा मध्य अमेरिका की मलेरिया कारक जलवायु, ग्रेनचाको के गर्म, दलदली और बाढ़ग्रस्त क्षेत्र तथा ब्राज़ील के गर्म घास के मैदान में जनसंख्या बहुत ही विरल मिलती है। यहाँ का घनत्व ५ व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से भी कम है।

ब्राज़ील में अफ्रीकी मूल की कुछ लड़किया

बोलिविया और पेरू जैसे दक्षिण अमेरिका देशों की कुल जनसंख्या का अधिकांश यहां के मूल निवासियों के वंशज जैसे क्वेशुआ और आयमारा से बना है।[13][14] इसके अलावा अधिकतर अन्य पूर्व स्पेनी उपनिवेशों में भी इनका प्रतिशत, जनसंख्या के हिसाब से महत्वपूर्ण हैं। वेनेज़ुएला और कोलोंबिया की जनसंख्या का लगभग 25% श्वेत और यूरोपीय वंश के व्यक्तियों का है।[15] जबकि यूरोपीय मूल के लोग अर्जेंटीना[16], उरुग्वे[17] और चिली[18][19] में बहुसंख्यक हैं। दक्षिण अमेरिका में बड़ी संख्या में अफ्रीकाई मूल के लोग भी निवास करते हैं। अफ्रीकाई मूल के लोग मुख्यतः गुयाना, ब्राज़ील, कोलोंबिया, वेनेज़ुएला, सूरीनाम, फ्रेंच गयाना और ईक्वाडोर[20] में रहते हैं। मेस्टिज़ो (श्वेत और मूलनिवासियों की मिश्रित संतानें) पैराग्वे, वेनेज़ुएला, कोलंबिया और ईक्वाडोर का सबसे बड़ा जातीय समूह है। भारतीय मूल के लोगों के वंशज गुयाना और सूरीनाम के सबसे बड़े जातीय समूहों में से हैं। ब्राज़ील और उसके बाद पेरू में दक्षिण अमेरिका का सबसे बड़ा जापानी और चीनी समुदाय है।[21] ब्राज़ील दक्षिण अमेरिका का सबसे ज्यादा विविधतापूर्ण देश है, जिसमें श्वेतों, अश्वेतों और मुलाटुओं की एक बड़ी आबादी के साथ साथ मध्य पूर्वी और एशियाई समुदाय का भी एक बड़ा हिस्सा मौजूद है। अमेजन बेसिन एवं लैटिन अमेरिका के अन्य प्रदेशों के भोजन एकत्र करने वालों और पशुचारी समुदायों की जीवन-शैली, अर्थव्यवस्था, समाज, धर्म, आस्थाएं एवं सांस्कृतिक मूल्य अधिकांशतः जलवायु एवं प्राकृतिक वनस्पति द्वारा नियन्त्रित होती हैं।[22]

अर्थव्यवस्था

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कृषि एवं खनिज

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कॉफी के बीज

दक्षिण अमेरिका खनिज पदार्थों की दृष्टि से विपन्न महाद्वीप है, यानि खनिज पदार्थों की प्रचुरता यहाँ नहीं है। चिली, ब्राज़ील तथा अर्जेंटीना में लोहे की खानें हैं। ब्राज़ील विश्व में उच्च कोटि के लौह-अयस्क का सबसे बड़ा उत्पादक है। पेरू और चिली ताँबे के सबसे बड़े उत्पादक हैं। बोलिविया, अर्जेंटीना, तथा वेनेज़ुएला में भी ताँबा मिलता है। मैंगनीज़ की खानें ब्राज़ील में हैं। संसार के टिन उत्पादन का पाँचवां भाग केवल बोलिविया से ही प्राप्त होता है। ब्राज़ील भी टिन के सबसे बड़े उत्पादकों में है। गुयाना तट पर ऐल्यूमिनियम मिलता है। चाँदी उत्पादक क्षेत्र चिली, पेरू तथा बोलिविया हैं। ब्राज़ील, पेरू, बोलिविया, वेनेज़ुएला, कोलोंबिया, चिली तथा ईक्वाडोर में सोने की खानें हैं। खनिज तेल वेनेज़ुएला, अर्जेंटीना, चिली, पेरू और कोलोंबिया में प्राप्त होता है।

दक्षिणी अमरीका के निवासियों की आजीविका का मुख्य साधन कृषि और पशुपालन है। कृषि महाद्वीप के केवल पाँच प्रतिशत भाग में होती है। महाद्वीप के दो बड़े देश ब्राज़ील और अर्जेटीना कृषि में अग्रणी है। कृषि योग्य भूमि के लगभग आधे भाग में खाद्यान्नों की उपज होती है एवं शेष आधे भाग में अन्य व्यापारिक एवं औद्योगिक कच्चे मालों का उत्पादन होता है। गेहूँ प्रमुख खाद्यान्न है जिसकी उपज का ६० प्रतिशत भाग निर्यात कर दिया जाता है। गेहूँ प्रमुखता से अर्जेंटीना, मध्यचिली, दक्षिण ब्राज़ील के रिओ ग्रैंडे दू सूल एवं उरग्वे में उगाई जाती है। कहवे की उपज इस महाद्वीप में सबसे अधिक होती है। साओ पाउलो सहित ब्राज़ील के सभी राज्यों में इसकी खेती होती है। इसके अतिरिक्त वेनेज़ुएला, कोलोंबिया, गुयाना, ईक्वाडोर तथा बोलिविया में भी कहवा पैदा होता है। गुयाना, ब्राज़ील, कोलोंबिया, पेरू, तथा ईक्वाडोर के मैदानी भाग में धान उत्पन्न होता है। ब्राज़ील, अर्जेंटीना, पेरू, कोलोंबिया, वेनेज़ुएला, बोलिविया तथा पैराग्वे में कपास की खेती होती है। इसके अतिरिक्त दक्षिणी अमरीका में मक्का, जई, तंबाकू, कोको, रबर तथा फलों की खेती भी की जाती है। प्लाटा क्षेत्र में मवेशियों का पालन अधिक होता है। अन्य मवशियों की तुलना में यहाँ की उष्ण कटिबंधीय जलवायु भेड़ों के लिये अधिक प्रतिकूल है, परन्तु पेरू के उच्च भागों में काफी संख्या में भेड़ें पाली जाती हैं। पेपांज़ और उरुग्वे के घास के मैदान में इनकी संख्या अधिक है। कृषि योग्य भूमि के विस्तार के साथ-साथ इनकी संख्या अब कम हो गई है। भेड़ों का मांस, ऊन एवं चमड़ा भी बाहर भेजा जाता है।

ब्यूनस आयर्स का राष्ट्रीय राजमार्ग

थल गोलार्द्ध में दक्षिणी अमेरिका की स्थिति केन्द्र से बहुत दूर सीमावर्ती पेटी में है। अतः यूरोपियन देशों से प्रवास करके जाने वाले मनुष्यों ने जब तक अपना साथ ले जाई हुई यूरोपीय टैक्नोलॉजी को इन दूरस्थ देशों में नहीं पहुँचा दिया था, तब तक इस दक्षिणी क्षेत्र में आदिकालीन लोगों का निवास रहा था।[23] उद्योग-धंधों की दृष्टि से दक्षिणी अमरीका अविकसित महाद्वीप है। यहाँ पर कृषि, पशुपालन, मांस को सुरक्षित रखने, मक्खन तथा पनीर (चीज़) बनाने और भेड़ों के पालने का उद्योग होता है। चीनी बनाना, आटा पीसना भी प्रमुख उद्योग है। यहाँ उद्योगों का आधार कोयला नहीं के बराबर पाया जाता है। खनिज पदार्थों के वर्तमान क्षेत्र रिक्त हो चुके हैं। खनिज भंडार महाद्वीप के पठारी और पर्वतीय क्षेत्र में हैं, जिनका विकास आवागमन एवं यातायात की कठिनाइयों के कारण नहीं हो पाया है। महाद्वीप का एक विस्तृत भाग सदाबहार वनों से ढका है। इन क्षेत्रों में बहनेवाली नदियाँ भी बड़ी और नौगम्य हैं। परन्तु श्रम की कमी तथा वनों की सघनता के कारण काष्ठ उद्योग अधिक विकसित नहीं है। इन वनों की लकड़ियाँ भी शीतोष्ण वनों की तुलना में अधिक कठोर होती हैं।

ब्राजील का सबसे बड़ा तथा दक्षिण अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा शहर साओ पाउलो का अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा

दक्षिणी अमरीका में यातायात के प्रमुख साधन नदियाँ, सड़कें, वायुमार्ग और समुद्रीं मार्ग हैं। पर्वतीय और पठारी प्रदेशों के विस्तार के साथ-साथ विषुवत रेखीय घने जंगलों की दुर्गमता के कारण महाद्वीप का अधिकतर भाग यातायात के साधनों से विहीन है। महाद्वीप के आयात-निर्यात में समुद्री मार्गों का विशेष स्थान है। तटीय प्रदेशों के अन्तर्क्षेत्रीय व्यापार में इसका उपयोग होता है। रेलों का भी विकास हुआ है। इस महाद्वीप के लिये वर्तमान युग में वायुमार्ग का अधिक महत्व है। सेंटियागो से उत्तर पश्चिमी किनारे के प्रमुख नगर वायुमार्ग से जुड़े हुए हैं। अन्तर्देशीय संबंध की दृष्टि से यहाँ सड़कों का महत्व कम है। धरातल की विषमता के कारण सड़कों का विस्तार अधिक नहीं हो सका है, केवल मैदानी भागों में कुछ सड़कों का निर्माण हुआ है। दक्षिण अमरीका कहवा, कपास, गेहूँ, खाल तथा चमड़ा, सूखा दूध, मांस, तंबाकू, चाय, सोना, चाँदी, रबड़, चीनी, ताँबा, आदि का निर्यात करता है। मशीनें, कपड़े, लोहे और इस्पात के सामान, चावल, सूखे फल, आटा, ऊनी वस्त्र, तेल, कोयला, रसायन, तथा दवाओं का आयात करता है। इसके व्यापारिक संबंध संयुक्त राज्य अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जापान, बेल्जियम, कनाडा, नीदरलैंड आदि देशों से हैं।

साहित्य एवं संस्कृति

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गेब्रियल गार्सिया मार्केज़ नोबेल पुरस्कृत विश्वविख्यात साहित्यकार।

दक्षिण अमेरिका सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है। यूरोप के साथ ऐतिहासिक संबन्ध होने के कारण दक्षिण अमेरिकी लोगों पर यूरोपीय संस्कृति, विशेष रूप से स्पेन तथा पुर्तगाल की संस्कृतियों की झलक देखी जा सकती है। दक्षिण अमेरिका पर संयुक्त राज्य अमेरिका की संस्कृति का भी प्रभाव है। कोलम्बिया, बोलीविया और अमेज़न के कुछ हिस्से में उपनिवेश-पूर्व स्वदेशी संस्कृति का गहरा प्रभाव था। औपनिवेशिक युग के बाद हुए राज्यों के विभाजन का आधार सांस्कृतिक विभिन्नता ही थी। दक्षिण अमेरिकी देशों के संगीत में बहुत विविधता है। कोलोंबिया की कम्बिया, ब्राज़ील के साम्बा और बोस्सा नोवा तथा अर्जेंटीना एवं उरुग्वे के टैंगो प्रमुख पारंपरिक संगीत हैं। इसके अलावा न्यूवा कांसिओन नामक अव्यावसायिक लोकसंगीत आन्दोलन भी बहुत प्रसिद्ध है जो अर्जेण्टिना एवं चिली में शुरू होकर शेष लैटिन अमेरिका में बहुत तेजी से फैल गया। दुनिया भर में दक्षिण अमेरिकी संस्कृति विभिन्न रूपों में मौजूद है। उदाहरण के लिए रेडियन हस्तशिल्प जैसे हस्तशिल्प के रूप की यूरोप के विभिन्न बाजारों में काफी मांग है।

दक्षिण अमेरिका में काफी मह्त्त्वपूर्ण साहित्य रचा गया है। गेब्रियल गार्सिया मार्ख़ेस एवं पाब्लो नेरूदा जैसे लेखकों को लोकप्रिय स्वीकृति प्राप्त हुई है।[24] खेल दक्षिण अमेरिकी संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। फुटबॉल सबसे महत्त्वपूर्ण खेल है, अन्य खेलों का भी खूब अभ्यास किया जाता है। महाद्वीप की सबसे महत्त्वपूर्ण खेल प्रतियोगिता कोपा अमेरिका कप को उन्माद के स्तर पर खेला और देखा जाता है। प्रथम फीफा विश्व कप का आयोजन १९३० में उरूग्वे में ही हुआ था। बास्केटबाल, तैराकी और वॉलीबॉल अन्य लोकप्रिय खेल हैं। विभन्न देशों में किसी विशेष खेल को राष्ट्रीय खेल का दर्जा प्राप्त है।

लैटिन अमेरिका की रोमांस भाषायें: ██ स्पेनी██ पुर्तगाली██ फ़्रांसीसी

उपनिवेशवाद का अन्त होते-होते अधिकतर लैटिन अमेरिकी देशों ने यूरोपीय भाषाओं को अपना लिया और उन्हें स्थानीय भाषाओं के साथ राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिया। स्पेनिश एवं पुर्तगाली भाषा दक्षिण अमेरिका में प्रमुखता से बोली जाती है। पुर्तगाली दक्षिण अमेरिका की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। पुर्तगाली ब्राज़ील की आधिकारिक भाषा है जबकि स्पेनिश महाद्वीप के अधिकांश देशों की आधिकारिक भाषा है। डच सूरीनाम की आधिकारिक भाषा है तथा अंग्रेजी गुयाना की आधिकारिक भाषा है गुयाना में बारह अन्य भाषायें भी बोली जाती हैं जिनमें हिंदी और अरबी प्रमुख हैं।[25] अंग्रेजी फ़ॉकलैंड द्वीप में भी बोली जाती है। फ्रांसीसी, फ्रेंच गयाना की आधिकारिक भाषा है। ईक्वाडोर में क्वेशुआ, पैराग्वे और बोलीविया में गुआरानी, पेरू, चिली एवं बोलीविया में आयमारा नामक स्थानीय भाषाएँ बोली जाती है। मापुदुंगुन चिली के कुछ क्षेत्रों और अर्जेंटीना के कुछ लोगों द्वारा बोली जाती है। क्वेशुआ, आयमारा और गुआरानी ऐसी तीन भाषायें हैं जिन्हें मुख्य भाषा स्पैनिश के साथ साथ राष्ट्रीय भाषा के रूप में मान्यता मिली है।

दक्षिण अमेरिका की अन्य भाषाओं में हिंदी और इंडोनेशियाई सूरीनाम में, इतालवी अर्जेंटीना, ब्राज़ील, उरुग्वे, वेनेज़ुएला चिली और जर्मन अर्जेंटीना, चिली, वेनेज़ुएला और पैराग्वे के कुछ इलाकों में बोली जाती है। ब्राज़ील के दक्षिणी राज्यों के कई क्षेत्रों में जर्मन भी बोली जाती है। वेल्श को बोलने और लिखने वाले अर्जेंटीना वासी पैटागोनिया के ऐतिहासिक शहर ट्रेल्यू और रॉसन में मिलते हैं। जापानी-वक्ताओं के छोटे समूह ब्राज़ील, बोलिविया, कोलोंबिया, पैराग्वे, पेरू और ईक्वाडोर में मिलते हैं। अरबी लेबनान, सीरिया फिलीस्तीनी मूल के लोगों द्वारा एवं ब्राज़ील, ईक्वाडोर, पेरू, चिली, अर्जेंटीना के अरब समुदायों के बीच बोली जाती है। इस महाद्वीप के अधिकांश देशों के उच्च और उच्च शिक्षित वर्ग नियमित रूप से अंग्रेजी, फ्रांसीसी, जर्मन, या इतालवी भाषाओं का अध्ययन करते हैं और इन भाषाओं मे पारंगत होते हैं। उन क्षेत्रों में जहां पर्यटन एक महत्वपूर्ण उद्योग है, अंग्रेजी तथा कुछ अन्य यूरोपीय भाषायें अक्सर बोली जाती हैं। ब्राज़ील से निकटता के कारण उत्तरी उरुग्वे के क्षेत्रों में पुर्तगाली बोली जाती हैं।

दक्षिण अमेरिका के अधिकांश लोग रोमन कैथोलिक ईसाई[26] हैं, इसके अलावा प्रोटेस्टेंट ईसाईयो की संख्या ब्राजील, चिली, ग्वाटेमाला और प्यूर्टो रीको में विशेष रूप से बढ़ रही है। बोलिविया, ग्वाटेमाला, मेक्सिको और पेरू जैसे देशों के मूल निवासी आज भी अपने मूल सम्प्रदाय और अनुष्ठानों का पालन करते हैं। अफ्रीकी मूल के दक्षिण अमेरिकी नागरिक मुख्य रूप से क्यूबा, ब्राजील और हैती में अपने विभिन्न पुरातन पंथों जैसे कि सैंटेरियो, कैंडोम्बल, उम्बाण्डा, माकुम्बा और आदिवासी-वूडू आदि का पालन आज भी करते हैं। दुनिया में एलन कार्डेक के अध्यात्मवाद के सर्वाधिक अनुयायी ब्राज़ील में बसते है। यहूदी, मोर्मोनिज्म, जेनोवा के गवाह, बौद्ध, इस्लाम, हिंदू, बहाई और शिंटो धर्म के मानने वाले भी दक्षिण अमेरिका में बसते हैं।[27] हाल के वर्षों मे दक्षिण अमेरिका के अधिकतर देशों ने धर्मनिरपेक्षता को अपनाया है साथ ही नास्तिक लोगों की संख्या भी बड़े नगरों और अर्जेंटीना, ब्राजील, चिली, क्यूबा और मेक्सिको जैसे देशों में तेज़ी से बढ़ी है।

चित्र दीर्घा

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सन्दर्भ

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