जलप्रपात

जल प्रपात अथवा झरना एक प्रमुख प्रवाही जल (नदी) कृत अपरदनात्मक स्थलरुप हैं और जलस्रोत हैं। प्राकृतिक झरने कई नदियों के उद्गम हैं।
जलप्रपातों के प्रकार[संपादित करें]
खण्डक (Block)[संपादित करें]
पानी एक अपेक्षाकृत व्यापक धारा या नदी से नीचे गिरता है।
=== सोपानी (Cascade) : जब असमान संरचनावाली चट्टानों वाले भाग मे विशेषक अपरदन होता है तो एक ही क्रम मे नदी के ऊपरी भाग से नीचे की ओर कई प्रपात का निर्माण होता है जिसे सोपानी प्रपात कहते हैं
महाजलप्रपात (Cataract)[संपादित करें]
महाजलप्रपात अपने नाम के अनुसार एक बड़ा और शक्तिशाली जलप्रपात होता है।
ढालू (Chute)[संपादित करें]
पानी की एक बड़ी मात्रा एक उर्ध्वाधर और संकरे उद्गम से नीचे गिरती है।
पंखा (Fan)[संपादित करें]
जल गिरने के साथ साथ क्षैतिज रूप से फैलता है और नीचे गिरते समय हमेशा चट्टान के संपर्क में रहता है।
हिमाद्रि (Frozen)[संपादित करें]
हिमाद्रिपात एक ऐसा झरना है जिसके जल में बर्फ के छोटे छोटे टुकडे समाहित होते हैं।
खरदुम (Horsetail)[संपादित करें]
अवरोही पानी चट्टानी आधार के साथ कुछ संपर्क रखता है।
गोता (Plunge)[संपादित करें]
जल चट्टानी आधार की सतह से संपर्क त्याग सीधा नीचे गिरता है।
खरल (Punchbowl)[संपादित करें]
जल एक संकीर्ण जलधारा के रूप में उतरता है और फिर एक व्यापक कुण्ड में फैलता है।
विभक्त (Segmented)[संपादित करें]
पानी अलग अलग झरनों के रूप में नीचे गिरता है।
पांतिक (Tiered)[संपादित करें]
सोपानी और विभक्त पातों का मिश्रण इस जलप्रपात में पानी अलग अलग धाराओं में चट्टान की शृंखला से एक क्रम में गिरता है।
बहु-चरणी (Multi-step)[संपादित करें]
लगभग एक ही आकार के एक के बाद एक झरनों की एक शृंखला जिसमें प्रत्येक का अपना गोता-कुण्ड होता है।
कैटाडूपा (Catadupa)[संपादित करें]
कैटाडूपा एक महाजलप्रपात या झरना है, (मूल रूप से नील नदी के जलप्रपात)। शब्द कैटाडूपे (catadupae) ऐसे महाजलप्रपात के निकट रहने वाले लोगों को इंगित करता है, माना जाता है कि यह लोग जलप्रपात के निरंतर शोर के कारण बहरे हो गये हैं।
सन्दर्भ[संपादित करें]
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