अच्युत पिषारटि
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अच्युत पिषारटि (१५५० - ७ जुलाई १६२१) भारत के खगोलशास्त्री, ज्योतिषी, गणितज्ञ तथा संस्कृत के वैयाकरण थे। वे ज्येष्ठदेव के शिष्य एवं केरलीय गणित सम्प्रदाय के प्रमुख गणितज्ञ थे। वे अपने शिष्य मेल्पत्तूर नारायण भट्टतिरि को नारायणीयम की रचना करते समय दिए गए योगदान के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं।
प्रधान कृतियाँ[संपादित करें]
- गोळदीपिक (एक प्रामाणिक गणितशास्त्र ग्रन्थ),
- उपरागक्रियाक्रमं (ग्रहस्फुटगणना तथा ग्रहण आदि से सम्बन्धित ज्योतिषग्रन्थं),
- करणोत्तमं (दृकगणित का ग्रन्थं),
- जातकाभरणं
- होरासारोच्चयं (श्रीपति पद्धति का संक्षेपं),
- होरासारोच्चय परिभाष,
- वेण्वारोहपरिभाष
- प्रवेशकं
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
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