सरयू नदी (उत्तराखण्ड)

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सरयू नदी
Saryu River
सरजू नदी

सरयू नदी, उत्तराखण्ड
सरयू नदी (उत्तराखण्ड) is located in उत्तराखंड
सरयू नदी (उत्तराखण्ड)
उत्तराखण्ड में सरयू का काली नदी (शारद नदी) में संगमस्थल
स्थान
देश  भारत
राज्य उत्तराखण्ड
मण्डल कुमाऊँ मण्डल
ज़िले बागेश्वर ज़िला, पिथौरागढ़ ज़िला, अल्मोड़ा ज़िला, चम्पावत ज़िला
भौतिक लक्षण
नदीशीर्षसरमूल (नन्दा कोट से 15 किमी दक्षिण में)
 • स्थानबागेश्वर ज़िला, उत्तराखण्ड
 • निर्देशांक30°07′58″N 80°01′56″E / 30.1328°N 80.0322°E / 30.1328; 80.0322
नदीमुख काली नदी, उत्तराखण्ड (शारदा नदी)
 • स्थान
पंचेश्वर, चम्पावत ज़िला, उत्तराखण्ड
 • निर्देशांक
29°26′38″N 80°14′33″E / 29.4439°N 80.2425°E / 29.4439; 80.2425निर्देशांक: 29°26′38″N 80°14′33″E / 29.4439°N 80.2425°E / 29.4439; 80.2425
 • ऊँचाई
429 मीटर (1,407 फीट)
लम्बाई 130 कि॰मी॰ (81 मील)
जलसम्भर लक्षण

सरयू नदी (Saryu River) या सरज्यू नदी (Sarju River) भारत के उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मण्डल के मध्य भाग में बहने वाली एक नदी है। इसका उद्गम नन्दा कोट से लगभग 15 किमी दक्षिण में सरमूल नामक स्थान में है।[1] यहाँ से यह कपकोट, बागेश्वर, सेराघाट और रामेश्वर से निकलकर नेपाल की सीमा पर स्थित चम्पावत ज़िले में पंचेश्वर में काली नदी (शारदा नदी) में विलय हो जाती है।[2][3] यही काली नदी जब बहराइच के पास ब्रह्माघाट में घाघरा से मिलती है, तो इनके संगम से बनी नदी को पुनः सरयू ही कहा जाता है, जिसके तट पर अयोध्या शहर बसा है। सरयू नदी पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा जिलों के बीच दक्षिण-पूर्वी सीमा बनाती है।[4][5] शीतोष्ण और उप-उष्णकटिबंधीय जंगल नदी के अपवाह क्षेत्र में पाये जाते हैं।[6]

मार्ग[संपादित करें]

सरयू का गोमती नदी से संगम बागेश्वर नगर में होता है। बागनाथ मंदिर इन नदियों के संगम पर ही स्थित है।

सरयू बागेश्वर जिले के उत्तरी भाग में स्थित नंदा कोट पर्वत के पास सरमूल नामक स्थान से निकलती है। शुरुआत में लगभग ५० किलोमीटर तक यह दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहती है और इसमें पुंगर और लाहूर नदियां गिरती हैं।[7] फिर यह नदी दक्षिण की ओर मुड़कर बागेश्वर नगर से होकर बहती है, जहां इसका संगम गोमती से होता है।[8][9] बागेश्वर से निकलने के बाद अगले ६५ किमी यह मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्व दिशा में बहती है।[7] अपने मुख से २० किलोमीटर ऊपर इसका मिलन रामगंगा से होता है, जो आकार में इससे तीन गुना बड़ी है। लगभग १३० किलोमीटर लम्बी यात्रा तय करके सरयू नेपाली सीमा पर पंचेश्वर पहुँचती है, जहाँ यह काली नदी में गिर जाती है।

प्रमुख नगर[संपादित करें]

निम्नलिखित नगर नदी के तट पर बसे हुए हैं:

सहायक नदियाँ[संपादित करें]

गोमती[संपादित करें]

गोमती नदी भटकोट के समीप से निकलती है और बागेश्वर में सरयू से मिल जाती है।[10] यह कत्यूर घाटी से होकर बहती है, जो कुमाऊं का प्रमुख कृषि क्षेत्र है।[10]

कुल्यूर[संपादित करें]

कुल्यूर या कुलूर नदी का उद्गम सानि उडियार के समीप स्थित भद्रकाली मन्दिर के ऊपर से होता है। यह रावतसेरा, बांस पटान तथा गणाई गंगोली से होकर बहती हुई सेराघाट में दायीं ओर से सरयू में मिलती है।

पुंगर[संपादित करें]

पुंगर नदी का उद्गम संगर गांव के पास होता है और बाली घाट में ये बायीं ओर से सरयू में मिल जाती है।[11]

लाहूर[संपादित करें]

लाहूर एक छोटी सी नदी है, जो कि सरयू में दायीं ओर से मिलती है।[7]

पनार [संपादित करें]

पनार नदी अल्मोड़ा के दक्षिण-पूर्व में स्थित मोरनौला पर्वत श्रंखला की उत्तरी ढलान से निकलती है।[10] पनार रामेश्वर के पास सरयू में मिल जाती है।[10]

रामगंगा[संपादित करें]

रामगंगा सरयू की सबसे बड़ी सहायक नदी है। यह पिथौरागढ़ जिले में स्थित नमिक हिमनद से निकलती है और दक्षिण पूर्व की ओर बहती है।[3][12] कई छोटी-बड़ी नदियां इसमें गिरती हैं। रामेश्वर में, पिथौरागढ़ के घाट के पास रामगंगा सरयू में मिल जाती है।[13]

छवि गैलरी[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

टिप्पणियाँ[संपादित करें]

  1. Negi, Kumaun: The Land and the People, pg-82
  2. Gulia, Discovering Himalaya: Tourism Of Himalayan Region, pg-84
  3. Rawat, Forest Management in Kumaon Himalaya, pg-18
  4. Aggarwal, Uttarakhand: Past, Present, and Future, pg-170
  5. Aggarwal, Uttarakhand: Past, Present, and Future, pg-331
  6. Negi, Himalayan Rivers, Lakes, and Glaciers, pg-120
  7. Aggarwal, Uttarakhand: Past, Present, and Future, pg-182
  8. Budhawar, The Call of the Mountains: Uttrakhand Explored, pg-39
  9. Guneratne, Culture and the Environment in the Himalaya, pg-134
  10. Rawat, Forest Management in Kumaon Himalaya, pg-19
  11. Aggarwal, Uttarakhand: Past, Present, and Future, pg-183
  12. Negi, Himalayan Rivers, Lakes, and Glaciers, pg-115
  13. Negi, Himalayan Rivers, Lakes, and Glaciers, pg-48

पुस्तक सूची[संपादित करें]

  • Rawat, Ajay Singh. Forest Management in Kumaon Himalaya: Struggle of the Marginalised People (अंग्रेज़ी में). Indus Publishing. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788173871016. मूल से 21 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अक्तूबर 2017.
  • Gulia, K. S. Discovering Himalaya : Tourism Of Himalayan Region (2 Vols.) (अंग्रेज़ी में). Gyan Publishing House. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788182054103. मूल से 9 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अक्तूबर 2017.
  • Negi, Sharad Singh. Kumaun: The Land and the People (अंग्रेज़ी में). Indus Publishing. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788185182896. मूल से 18 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अक्तूबर 2017.
  • Negi, Sharad Singh. Himalayan Rivers, Lakes, and Glaciers (अंग्रेज़ी में). Indus Publishing. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788185182612. मूल से 18 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अक्तूबर 2017.
  • Bhatt, Shanker D.; Pande, Ravindra K. Ecology of the Mountain Waters (अंग्रेज़ी में). APH Publishing. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788170243663. मूल से 18 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अक्तूबर 2017.
  • Conder, Josiah. India (अंग्रेज़ी में). J. Duncan. मूल से 9 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अक्तूबर 2017.
  • Aggarwal, J. C.; Agrawal, S. P. Uttarakhand: Past, Present, and Future (अंग्रेज़ी में). Concept Publishing Company. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788170225720. मूल से 12 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अक्तूबर 2017.
  • Bhatt, Shanker D.; Pathak, Jugal K. Himalayan environment, water quality of the drainage basins (अंग्रेज़ी में). Shree Almora Book Depot. मूल से 8 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अक्तूबर 2017.
  • Budhwar, Prem K. The Call of the Mountains: Uttrakhand Explored (अंग्रेज़ी में). Har-Anand Publications. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788124115299. मूल से 9 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अक्तूबर 2017.
  • Guneratne, Arjun. Culture and the Environment in the Himalaya (अंग्रेज़ी में). Routledge. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781135192877. मूल से 8 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अक्तूबर 2017.
  • Sati, Vishwambhar Prasad; Kumar, Kamlesh. Uttaranchal: Dilemma of Plenties and Scarcities (अंग्रेज़ी में). Mittal Publications. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788170998983. मूल से 9 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अक्तूबर 2017.