"जयविलास महल, ग्वालियर": अवतरणों में अंतर
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'''जयविलास महल''', [[ग्वालियर]] में [[सिन्धिया]] राजपरिवार का वर्तमान निवास स्थल ही नहीं एक भव्य संग्रहालय भी है। इस महल के 35 कमरों को संग्रहालय बना दिया गया है। इस महल का ज्यादातर हिस्सा इटेलियन स्थापत्य से प्रभावित है। इस महल का प्रसिध्द दरबार हॉल इस महल के भव्य अतीत का गवाह है, यहां लगा हुए दो फानूसों का भार दो-दो टन का है, कहते हैं इन्हें तब टांगा गया जब दस हाथियों को छत पर चढा कर छत की मजबूती मापी गई। इस संग्रहालय की एक और प्रसिध्द चीज है, चांदी की रेल जिसकी पटरियां डाइनिंग टेबल पर लगी हैं और विशिष्ट दावतों में यह रेल पेय परोसती चलती है। इटली, फ्रांस, चीन तथा अन्य कई देशों की दुर्लभ कलाकृतियां यहाँ मौजूद हैं। |
'''जयविलास महल''', [[ग्वालियर]] में [[सिंधिया|सिन्धिया]] राजपरिवार का वर्तमान निवास स्थल ही नहीं एक भव्य संग्रहालय भी है। इस महल के 35 कमरों को संग्रहालय बना दिया गया है। इस महल का ज्यादातर हिस्सा इटेलियन स्थापत्य से प्रभावित है। इस महल का प्रसिध्द दरबार हॉल इस महल के भव्य अतीत का गवाह है, यहां लगा हुए दो फानूसों का भार दो-दो टन का है, कहते हैं इन्हें तब टांगा गया जब दस हाथियों को छत पर चढा कर छत की मजबूती मापी गई। इस संग्रहालय की एक और प्रसिध्द चीज है, चांदी की रेल जिसकी पटरियां डाइनिंग टेबल पर लगी हैं और विशिष्ट दावतों में यह रेल पेय परोसती चलती है। इटली, फ्रांस, चीन तथा अन्य कई देशों की दुर्लभ कलाकृतियां यहाँ मौजूद हैं। |
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[[File:The Maharajah Scindia of Gwalior" (r.1843-1886) as seen in the Illustrated London News.gif|thumb| [[जयाजीराव सिंधिया]] [[ग्वालियर रियासत]] के महाराजा थे, जिन्होंने जयविलास महल बनवाया।]] |
[[File:The Maharajah Scindia of Gwalior" (r.1843-1886) as seen in the Illustrated London News.gif|thumb| [[जयाजीराव सिंधिया]] [[ग्वालियर रियासत]] के महाराजा थे, जिन्होंने जयविलास महल बनवाया।]] |
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10:04, 4 मार्च 2020 का अवतरण
जयविलास महल | |
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जयविलास महल, ग्वालियर | |
सामान्य विवरण | |
वास्तुकला शैली | इतालवी, कोरिंथियान और टस्कन शैलियाँ |
शहर | ग्वालियर |
राष्ट्र | भारत |
निर्माण सम्पन्न | 1874 |
लागत | ₹1 करोड़ (1874 में); अब लगभग ₹4000 करोड़ |
ग्राहक | जयाजीराव सिंधिया |
स्वामित्व | ज्योतिरादित्य सिंधिया |
प्राविधिक विवरण | |
आकार | 1,240,771 वर्ग फ़ीट |
योजना एवं निर्माण | |
वास्तुकार | सर माइकल फ़िलोज़ |
वेबसाइट | |
Jai Vilas Palace |
जयविलास महल, ग्वालियर में सिन्धिया राजपरिवार का वर्तमान निवास स्थल ही नहीं एक भव्य संग्रहालय भी है। इस महल के 35 कमरों को संग्रहालय बना दिया गया है। इस महल का ज्यादातर हिस्सा इटेलियन स्थापत्य से प्रभावित है। इस महल का प्रसिध्द दरबार हॉल इस महल के भव्य अतीत का गवाह है, यहां लगा हुए दो फानूसों का भार दो-दो टन का है, कहते हैं इन्हें तब टांगा गया जब दस हाथियों को छत पर चढा कर छत की मजबूती मापी गई। इस संग्रहालय की एक और प्रसिध्द चीज है, चांदी की रेल जिसकी पटरियां डाइनिंग टेबल पर लगी हैं और विशिष्ट दावतों में यह रेल पेय परोसती चलती है। इटली, फ्रांस, चीन तथा अन्य कई देशों की दुर्लभ कलाकृतियां यहाँ मौजूद हैं।
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सिंधिया परिवार का ड्राइंग रूम फ़र्नीचर
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माधवराव सिंधिया का कक्ष
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डाइनिंग हाल में चाँदी की ट्रेन
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काँच की मूर्ति
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12.5 मीटर ऊँचाई पर स्थित, 3.5 टन के झूमर
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आँगन के बीचों-बीच स्थित फ़व्वारा