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बान्द्रा-वर्ली समुद्रसेतु

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निर्देशांक: 19°02′11″N 72°49′15″E / 19.03648°N 72.82077°E / 19.03648; 72.82077

बांद्रा-वर्ली समुद्रसेतु
बांद्रा-वर्ली समुद्रसेतु
निर्देशांक19°1′40″N 72°48′56″W / 19.02778°N 72.81556°W / 19.02778; -72.81556
आयुध सर्वेक्षण राष्ट्रीय ग्रिड[1]
वहनयातायात हेतु ८ लेन जिसमें से २ बसों के लिए
पारमाहिम खाड़ी
स्थानमुम्बई
आधिकारिक नामराजीव गांधी सागर सेतु
लक्षण
डिज़ाइनरज्जु कर्षण
कुल लम्बाई5.6 किलोमीटर (3 मील)
इतिहास
खुला३० जून, २००९[1]
सांख्यिकी
टोल५० रू एक ओर के ७५ रू आने-जाने के

बांद्रा-वर्ली समुद्रसेतु (आधिकारिक राजीव गांधी सागर सेतु) ८-लेन का, तार-समर्थित कांक्रीट से निर्मित पुल है। यह बांद्रा को मुम्बई के पश्चिमी और दक्षिणी (वर्ली) उपनगरों से जोड़ता है और यह पश्चिमी-द्वीप महामार्ग प्रणाली का प्रथम चरण है। १६ अरब रुपये (४० करोड़ $) की महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम की इस परियोजना के इस चरण को हिन्दुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा पूरा किया गया है। इस पुल का उद्घाटन ३० जून, २००९ को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन प्रमुख श्रीमती सोनिया गांधी द्वारा किया गया लेकिन जन साधारण के लिए इसे १ जुलाई, २००९ को मध्य-रात्रि से खोला गया। साढ़े पांच किलोमीटर लंबे इस पुल के बनने से बांद्रा और वर्ली के बीच यात्रा में लगने वाला समय ४५ मिनट से घटकर मात्र ६-८ मिनट रह गया है।[2] [3] इस पुल की योजना १९८० के दशक में बनायी गई थी, किंतु यह यथार्थ रूप में अब जाकर पूर्ण हुआ है।[3][4]

यह सेतु मुंबई और भारत में अपने प्रकार का प्रथम पुल है। इस सेतु-परियोजना की कुल लागत १६.५० अरब रु है।[2][3] इस पुल की केवल प्रकाश-व्यवस्था करने के लिए ही ९ करोड़ रु का व्यय किया गया है। इसके कुल निर्माण में ३८,००० कि.मी इस्पात रस्सियां, ५,७५,००० टन कांक्रीट और ६,००० श्रमिक लगे हैं। इस सेतु में लगने वाले इस्पात के खास तारों को चीन से मंगाया गया था। जंग से बचाने के लिए इन तारों पर खास तरह का पेंट लगाने के साथ प्लास्टिक के आवरण भी चढ़ाए गए हैं।[2] अब तैयार होने पर इस पुल से गुजरने पर यात्रियों को चुंगी (टोल) कर देना तय हुआ है। यह चुंगी किराया प्रति वाहन ४०-५० रु तक होगा। इस पुल की कुल ७ कि.मी (ढान सहित) के यात्रा-समय में लगभग १ घंटे की बचत और कई सौ करोड़ वाहन संचालन व्यय एवं ईंधन की भी कटौती होगी। इस बचत को देखते हुए इसकी चुंगी नगण्य है। प्रतिदिन लगभग सवा लाख वाहन इस पुल पर से गुजरेंगे।

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. जय शंकर पसाद शुक्ला. "बांद्रा-वर्ली समुद्री पुल पर सरपट दौड़ीं गाडियां". समय लाइव. मूल से से 3 जुलाई 2009 को पुरालेखित।. {{cite web}}: Cite has empty unknown parameters: |accessdaymonth=, |month=, and |coauthors= (help)
  2. गुरमीत सिंह. "समुद्र सेतु से बांद्रा-वर्ली का फासला हुआ कम" (एचटीएम). तुरन्त न्यूज़. अभिगमन तिथि: ३० जून २००९. {{cite web}}: Cite has empty unknown parameter: |9= (help)[मृत कड़ियाँ]
  3. "एक सेतु समुद्र यह भी". नवभारत टाइम्स. 13 जुलाई 2009 को मूल से पुरालेखित. {{cite web}}: Cite has empty unknown parameters: |accessdaymonth=, |18=, |month=, and |coauthors= (help)

बाहरी कड़ियाँ

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चित्र