अतुल्य भारत

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अतुल्य भारत
अतुल्य भारत! अभियान के नारे का प्रतीक पाठ
अतुल्य भारत! अभियान के नारे का प्रतीक पाठ
स्वामित्व
राष्ट्र  भारत
विषय पर्यटन
स्थापन वर्ष २००२
समापन वर्ष जारी
अन्य जानकारी
कार्यक्षेत्र पर्यटन को बढ़ावा

अतुल्य भारत (अंग्रेज़ी: Incredible India) भारतीय पर्यटन विभाग एक अभियान है, जो देश विदेश में भारत का प्रतिनिधित्व करता है।[1] इस अभियान का उद्देश्य है भारतीय पर्यटन को वैश्विक मंच पर पदोन्नत करना।

वाक्यांश का मूल[संपादित करें]

अतुल्य भारत शीर्षक को आधिकारिक तौर पर अमिताभ कांत द्वारा ब्रांडेड किया गया और फिर, केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय के तहत संयुक्त सचिव द्वारा वर्ष-2002 में प्रोत्साहित किया गया था।[2]

विपणन अभियान[संपादित करें]

हर साल, 3 मिलियन से अधिक पर्यटक आगरा में ताज महल देखने आते हैं।

भारत विश्व के पाँच शीर्ष पर्यटक स्थलों में से एक है। इसीलिए भारतीय पर्यटन विभाग ने सितंबर 2002 में 'अतुल्य भारत' नाम से एक नया अभियान शुरू किया था। सरकार और एक्सपीरियेंस इंडिया सोसायटी ने शुरुआती चरण के पहले तीन माह का खर्च वहन किया था। यह संस्था ट्रैवेल एजेंट्स से जुड़ी हुई है। इस अभियान के तहत हिमालय, वन्य जीव, योग और आयुर्वेद पर अंतर्राष्ट्रीय समूह का ध्यान खींचा गया। देश के पर्यटन क्षेत्र के लिए इस अभियान से संभावनाओं के नए द्वार खुले हैं। देश की पर्यटन क्षमता को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करने वाला अपने किस्म का यह पहला प्रयास था। पर्यटन के क्षेत्र में विकास इसके पहले राज्य सरकारों के अधीन हुआ करता था। राज्यों में समन्वय के स्तर पर भी बहुत थोड़े प्रयास दिखते थे। देश के द्वार विदेशी सैलानियों के लिए खोलने का काम यदि सही और सटीक विपणन ने किया तो हवाई अड्डों से पर्यटन स्थलों के सीधे जुड़ाव ने पर्यटन क्षेत्र के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज सैलानी पर्यटन के लिहाज़ से सुदूर स्थलों की सैर भी आसानी से कर सकते हैं। निजी क्षेत्रों की विमान कंपनियों को देश में उड़ान भरने की इजाज़त ने भी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है।[3]

भारतीय पर्यटन पर प्रभाव[संपादित करें]

हिमाचल प्रदेश का हिमालय परिदृश्य स्कीइंग जैसे बाह्य गतिविधियों के लिए आदर्श है

मार्च 2006 में वीजा एशिया प्रशांत 4 द्वारा जारी कारोबारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन कारोबार के मामले में एशिया प्रशांत क्षेत्र में सबसे तेजी से बढ़ते बाजार के रूप में उभरा है। अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के डाटा के अनुसार वर्ष 2005 की चौथी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर) में भारत में US$ 372 बिलियन का कारोबार हुआ था, जो वर्ष 2004 की चौथी तिमाही की तुलना में 25% अधिक था। इस क्षेत्र में दूसरे पायदान पर चीन है, जो वर्ष 2005 की चौथी तिमाही में US$ 784 बिलियन अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों से कारोबार करने में सफल रहा था, जो वर्ष 2004 की चौथी तिमाही की तुलना में 23% अधिक था। इस लिहाज से भारतीय पर्यटन विभाग और पर्यटन मंत्रालय के लिए यह अत्यंत सुखद बात है, जो अपने लंबे समय से चल रहे 'अतुल्य भारत' संचार अभियान के माध्यम से पर्यटन के उच्च बाजार को लक्षित करने में सफल हुआ था।[4] ‘अतुल्‍य भारत’ ब्रांड लाइन की शुरुआत से वर्ष 2010 में देश में विदेशी पर्यटन आगमन 2.38 मिलियन से बढ़कर 5.58 मिलियन हो गया और वर्ष 2009 में घरेलू पर्यटक यात्राएं 269.60 मिलियन से बढ़कर 650.04 मिलियन हो गई।[5]


भारत में पर्यटन सबसे बड़ा सेवा उद्योग है, जहां इसका राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 6.23% और भारत के कुल रोज़गार में 8.78% योगदान है। भारत में वार्षिक तौर पर 5 मिलियन विदेशी पर्यटकों का आगमन और 562 मिलियन घरेलू पर्यटकों द्वारा भ्रमण परिलक्षित होता है।[6] 2008 में भारत के पर्यटन उद्योग ने लगभग US$100 बिलियन जनित किया और 2018 तक 9.4% की वार्षिक वृद्धि दर के साथ, इसके US$275.5 बिलियन तक बढ़ने की उम्मीद है।[7] भारत में पर्यटन के विकास और उसे बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय नोडल एजेंसी है और "अतुल्य भारत" अभियान की देख-रेख करता है।

विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद के अनुसार, भारत, सर्वाधिक 10 वर्षीय विकास क्षमता के साथ, 2009-2018[8] से पर्यटन का आकर्षण केंद्र बन जाएगा.[9] यात्रा एवं पर्यटन प्रतिस्पर्धा रिपोर्ट 2007 ने भारत में पर्यटन को प्रतियोगी क़ीमतों के संदर्भ में 6वां तथा सुरक्षा व निरापदता की दृष्टि से 39वां दर्जा दिया है।[10] होटल के कमरों की कमी के रूप में,[11] लघु और मध्यमावधि रुकावट के बावजूद, 2007 से 2017 तक पर्यटन राजस्व में 42% उछाल की उम्मीद है।[12]

उल्लेखनीय प्रगति[संपादित करें]

गोवा अपने रिसॉर्ट्स और समुद्र तटों के लिए विख्यात है।

भारत में केवल गोवा, केरल, राजस्थान, उड़ीसा और मध्यप्रदेश में ही पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है, बल्कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पर्यटन को भी अच्छा लाभ पहुँचा है। हिमाचल प्रदेश में पिछले वर्ष 6.5 मिलियन पर्यटक गए थे। यह आंकड़ा राज्य की कुल आबादी के लगभग बराबर बैठता है। इन पर्यटकों में से 2.04 लाख पर्यटक विदेशी थे। आंकड़ों के लिहाज़ से देखें तो प्रदेश ने अपेक्षा से कहीं अधिक सफल प्रदर्शन किया।[13]

भारत के बारे में जितना भी कहा जाए उतना ही कम है। उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक इसकी खूबसूरती की कहीं कोई मिसाल नहीं है। इसीलिए यहां आने वाले सैलानी भारत को अपने दिलों दिमाग में बसा लेते हैं। भारत में अनगिनत ऐसी जगह हैं जहां पर प्रकृति ने अपनी बेहतरीन छटा को खूब बिखेरा है फिर चाहे वो ऊंची चोटियों पर मौजूद चर्च हो या फिर घाटी में बने चाय के बागान या फिर खूबसूरत हरी भरी वादियां सभी को देखकर दिल एक बार मचल ही जाता है। भारत की इन्हीं धरोहरों पर तो आखिर कहा जाता है-अतुल्य भारत....।

—अतुल्य भारत!, भारतीय पर्यटन विभाग का अभियान[14]

भारत के सात आश्चर्य की उदघोषणा[संपादित करें]

भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा वर्ष-2012 में कराए गए एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण के तहत कोणार्क सूर्य मंदिर, मीनाक्षी मंदिर, तवांग मठ, जैसलमेर दुर्ग और नालंदा विश्वविद्यालय को भारत के सात आश्चर्यजनक स्थलों के रूप में चिह्नित किया गया था। पर्यटन मंत्रालय के अतुल्य भारत अभियान के तहत इन सात आश्चर्यजनक स्थलों की घोषणा की गई थी।

  1. ताजमहल
  2. कोणार्क सूर्य मंदिर
  3. नालन्दा विश्वविद्यालय
  4. स्वर्ण मंदिर
  5. मीनाक्षी सुन्दरेश्वर मन्दिर
  6. तवांग मठ
  7. जैसलमेर का क़िला

विश्‍व विरासत[संपादित करें]

यूनेस्को द्वारा विश्‍व विरासत घोषित किए गए भारतीय सांस्‍कृतिक और प्राकृतिक स्‍थलों की सूची[15] -

  1. अजन्‍ता गुफाएं (1983), महाराष्‍ट्र
  2. एलोरा गुफाएं (1983), महाराष्‍ट्र
  3. आगरा किला (1983), उत्‍तर प्रदेश
  4. ताजमहल (1983), उत्‍तर प्रदेश
  5. सूर्य मंदिर, कोणार्क (1984), ओडि‍शा
  6. स्‍मारक समूह, महाबलीपुरम (1984), तमिलनाडु
  7. चर्च तथा कॉन्‍वेंट, गोवा (1986), गोवा
  8. मंदिर समूह, खजुराहो (1986), मध्‍य प्रदेश
  9. स्‍मारक समूह, हम्‍पी (1986), कर्नाटक
  10. स्‍मारक समूह, फतेहपूर (1986), उत्‍तर प्रदेश
  11. मंदिर समूह, पट्टडकल (1987), कर्नाटक
  12. एलिफेंटा गुफाएं (1987), महाराष्‍ट्र
  13. तंजावुर, गंगईकोंडाचोलापुरम तथा दारासुरम स्‍थित महान जीवित चोल मंदिर (1987 तथा 2004), तमिलनाडु
  14. बौद्ध स्‍मारक, सांची (1989), मध्‍य प्रदेश
  15. हुमायूं का मकबरा, दिल्‍ली (1993), दिल्‍ली
  16. कुतुब मीनार परिसर, दिल्‍ली (1993), दिल्‍ली
  17. प्रागैतिहासिक शैलाश्रय, भीमबेटका (2003), मध्‍य प्रदेश
  18. चम्‍पानेर – पावागढ़ पुरातत्‍वीय उद्यान (2004), गुजरात
  19. लाल किला परिसर, दिल्‍ली (2007), दिल्‍ली
  20. राजस्‍थान के पहाड़ी किले (चित्‍तौड़गढ़, कुम्‍भलगढ़, जैसलमेर, रणथम्‍भौर, आमेर और गगरौन किले) (2013)
  21. भारत का पर्वतीय रेलवे- दार्जिलिंग (1999), पश्‍चिम बंगाल ; नीलगिरि (2005), तमिलनाडु ; कालका-शिमला (2008), हिमाचल प्रदेश
  22. छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (पूर्व विक्‍टोरिया टर्मिनस), (2004), महाराष्‍ट्र
  23. महाबोधि मंदिर, बोधगया (2002), बिहार
  24. जन्‍तर मन्‍तर, जयपुर (2010), राजस्‍थान
  25. काजीरंगा राष्‍ट्रीय उद्यान (1985), असम
  26. मानस वन्‍यजीव अभ्‍यारण्‍य (1985), असम
  27. केवला देव राष्‍ट्रीय उद्यान (1985), राजस्‍थान
  28. सुन्‍दरबन राष्‍ट्रीय उद्यान (1987), पश्‍चिम बंगाल
  29. नन्‍दादेवी और वैली ऑफ फलावर्स राष्‍ट्रीय उद्यान (1988, 2005), उत्‍तराखण्‍ड
  30. पश्‍चिमीघाट (2012), कर्नाटक, केरल, महाराष्‍ट्र, तमिलनाडु

प्रशंसा और आलोचना[संपादित करें]

वर्ष-2002 में शुरू किया गया ‘अतुल्य भारत’ अभियान, देश को एक पर्यटन स्थल बनाने में मददगार साबित हुआ। इसके बाद बड़ी संख्या में पर्यटक भारत की तरफ रुख कर रहे हैं। लेकिन एक क्षेत्र ऐसा भी है, जो महसूस करता है कि वो इस सुअवसर से वंचित रह गया है। “उत्तरपूर्व ‘अतुल्य भारत’ अभियान का हिस्सा नहीं बन पाया। “विचार ये है कि अगर आपने उत्तरपूर्व नहीं देखा, तो स्वर्ग नहीं देखा,” टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ की प्रिया एम.वर्गीस ने कहा, जो इस परियोजना पर काम कर रही हैं। वो दावा करती हैं कि ये क्षेत्र ठीक वैसा है, जिसकी चाह पर्यटकों को रहती है। उत्तरपूर्व भारत में, पर्यटन उद्योग निम्न आधार से शुरुआत कर रहा है। सरकारी आंकड़े दिखाते हैं कि भारत में 2002 में आए विदेशी पर्यटकों की संख्या 2.38 मिलियन थी, लेकिन जब ‘अतुल्य भारत’ अभियान शुरू किया गया, पिछले वर्ष ये आंकड़ा बढ़कर रिकॉर्ड 6.29 मिलियन हो गया, इसके बावजूद उत्तरपूर्व में पर्यटकों की संख्या अब भी नगण्य है। उदाहरण के लिए, महज़ 389 विदेशी पर्यटकों ने ही 2010 में उत्तरपूर्वी राज्य मणिपुर का दौरा किया, ताज़ातरीन वर्ष जिसके लिए राज्यों के आंकड़े उपलब्ध हैं-ये आंकड़े देश के बाकी राज्यों के मुकाबले सबसे कम हैं। कुल मिलाकर, इस क्षेत्र ने 0.3 फीसदी अंतर्राष्ट्रीय और 0.9 फीसदी घरेलू पर्यटकों को आकर्षित किया। मशहूर ट्रेकिंग स्थल और रहस्यमय ढंग से आकर्षित करने वाले सिक्किम में 2010 में करीब 90,000 पर्यटक आए, जिसमें 20,000 से ज्यादा विदेशी थे। लेकिन बाकी बचे सात राज्य, जो सिक्किम से ज्यादा दूरस्थ हैं, उनके लिए मार्केटिंग संबंधी चुनौती ज्यादा बड़ी हैं। केरल में एक तुलनीय ब्रांडिग पहल (गॉड्स ओन कंट्री, भगवान का अपना देश) ने दक्षिण भारतीय इस राज्य को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर पहुंचाने में मदद की, उत्तरपूर्व भारत के लिए इसे दोहराना एक कठिन पहेली साबित हो सकता है। जबकि, इस क्षेत्र में काफी-कुछ चल रहा है-अनछुई प्रकृति और विविधतापूर्ण देशज संस्कृति प्रचार हेतु इसके मज़बूत मार्केटिंग बिंदु हैं-इसके कुछ नकारात्मक पहलू भी हैं। यो लोनली प्लानेट गाइड पुस्तक में संक्षेप में कहा गया है: “गुस्सा दिलाने वाले (पर्यटन) परमिट…..और ‘ज़रूर देखने ’ वाले स्थलों की कमी के अलावा, यहां ज़रूरत से ज्यादा सुरक्षा संबंधी चिंताएं हैं, जो ज्यादातर पर्यटकों को उत्तरपूर्व से दूर रखती हैं।”

इसकी भरपाई के लिए, 2010 में परिषद ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ लिमिटेड को आठ उत्तर-पूर्वी स्थलरूद्ध राज्यों, जो बाकी भारत से भूमि के एक छिपटी और अल्पविकास द्वारा जुड़े हुए हैं, में पर्यटकों को आकर्षित करने के तरीके सुझाने का ज़िम्मा सौंपा गया है।[16]

अतुल्य भारत के अंतर्गत भारत के सात आश्चर्य
ताजमहल कोणार्क सूर्य मंदिर नालन्दा विश्‍वविद्यालय स्वर्ण मंदिर
ताजमहल कोणार्क सूर्य मंदिर नालन्दा विश्वविद्यालय स्वर्ण मंदिर
मीनाक्षी सुन्दरेश्वर मन्दिर तवांग मठ जैसलमेर का किला
मीनाक्षी सुन्दरेश्वर मन्दिर तवांग मठ जैसलमेर का क़िला

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Branding India : An Incredible Story [Author: Amitabh Kant, Year: 2009, ISBN 978-81-7223-809-4
  2. Branding India : An Incredible Story [Author: Amitabh Kant, Year: 2009, ISBN 978-81-7223-809-4
  3. "विश्व पर्यटन दिवस समारोहों का आयोजन". चम्बल की आवाज़. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2013. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)[मृत कड़ियाँ]
  4. Webdeveloper (16 अक्टूबर 2003). "The 'Incredible India' Campaign: Marketing India to the World | Marketing Case Studies | Business Marketing Management Cases | Case Study". Icmrindia.org. मूल से 7 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2013.
  5. "अतुल्‍य भारत अभियान". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 4 मार्च 2011. मूल से 22 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 फ़रवरी 2014.
  6. "संग्रहीत प्रति" (PDF). मूल (PDF) से 18 अगस्त 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2013. Archived 2011-08-18 at the वेबैक मशीन
  7. "Tourism & Hospitality - IBEF". मूल से 12 नवंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2013.
  8. "संग्रहीत प्रति". मूल से 23 अगस्त 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2013.
  9. Hospitality Begins at Home in the Family Palace
  10. "Tourism in India has little to cheer". 2007. मूल से 23 अक्तूबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2013.
  11. "The Trouble With India: Crumbling roads, jammed airports, and power blackouts could hobble growth". BusinessWeek. 19 मार्च 2007. मूल से 14 मई 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2013.
  12. "Tourism set to boom in India: Deloitte". मूल से 23 अगस्त 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2013.
  13. "27 सितंबर विश्व पर्यटन दिवस". जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश. मूल से 26 अक्तूबर 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2013. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) Archived 2020-10-26 at the वेबैक मशीन
  14. "जागरण में अतुल्य भारत की चर्चा और फोटो गैलरी". मूल से 8 जून 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2013.
  15. "'यूनेस्‍को' की सूची में स्‍मारकों को शामिल किया जाना". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 14 फ़रवरी 2014. मूल से 22 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 फ़रवरी 2014.
  16. "'अतुल्य भारत' का उत्तर-पूर्वी 'अज्ञात स्वर्ग'". मूल से 6 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2013. Archived 2016-03-06 at the वेबैक मशीन

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

भारत में पर्यटन

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]