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चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान

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युनेस्को विश्व धरोहर स्थल
चंपानेर-पावागढ पुरातत्व उद्यान
विश्व धरोहर सूची में अंकित नाम
सहर की मस्जिद
देश  भारत
प्रकार सांस्कृतिक
मानदंड iii, iv, v, vi
सन्दर्भ ११०१
युनेस्को क्षेत्र एशिया-प्रशांत
शिलालेखित इतिहास
शिलालेख २००४ (२८ वां सत्र)

चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक उद्यान एक युनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, जो कि भारत में स्थित है।[1] इसे इस सूची में सन 2004 में सम्मिलित किया गया था। यहां वृहत स्तर पर उत्खनित पुरातात्विक, ऐतिहासिक एवं जीवित सांस्कइतिक धरोहर सम्पत्ति की बहुतायत है, जो कि एक प्रभावशाली भूखण्ड में सिमटी हुई है।

इसमें प्रागैतिहासिक चैकोलिथिक स्थल, एक प्राचीन हिन्दू राज्य की राजधानी का एक महल व किला व के गुजरात प्रदेश की राजधानी के अवशेष हैं। यहां अन्य पदांकों सहित, किले, प्रासाद, धार्मिक इमारतें, आवासीय अहाते, कृषि चिह्न व जल आपूर्ति निर्माण कार्य के आठवीं शताब्दी से लेकर चौदहवीं शताब्दी तक के अनेक स्थल हैं।

जामी मस्जिद की मीनारें

पावागढ़ पहाड़ी के शिखर पर बना कालिका माता मंदिर, अति पावन स्थल माना जाता है। यहां वर्ष पर्यन्त बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यह स्थल एकमात्र पूर्ण एवं अपरिवर्तित इस्लामिक मुगल-पूर्व नगर है।

इस शहर पर वास्तुकार करण ग्रोवर द्वारा बहुत ध्यान दिया गया है, जिन्होंने काफी समय व प्रयास किये हैं, इस शहर को पुनर्स्थापित व सुधार करने हेतु। साथ ही इस भारतीय विरासत के पुनर्स्थापन में काफी योगदान भी दिया है।

चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व पार्क में अनेकों स्मारक स्थित है जिनमे से 38 स्मारकों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के दायरे में लिया गया हैं। सर्वेक्षण में धरोहर का संरक्षण तथा पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयत्न किये जा रहे हैं साथ ही साथ पर्यावरण के संरक्षण का कार्य भी किया जा रहा है।

चित्र:Hdr champaner.jpg

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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सन्दर्भ

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  1. "'यूनेस्‍को' की सूची में स्‍मारकों को शामिल किया जाना". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 14 फ़रवरी 2014. मूल से 22 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 फ़रवरी 2014.