जैन समुदाय
जैन धर्म |
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प्रार्थना |
मुख्य व्यक्तित्व |
जैन धर्म प्रवेशद्वार |
भारतीय जैन श्रमण परम्परा के अंतिम प्रत्यक्ष प्रतिनिधि हैं। जैन जैन धर्म के अनुयायी हैं जो धार्मिक निष्ठा के उन चौबीस प्रवर्तकों द्वारा बताया गया जिन्हें तीर्थंकर कहा जाता है।
संघ
[संपादित करें]जैन धर्म में मुनि, आर्यिका, श्रावक एवं श्राविका का चार स्तरीय क्रम होता है। इस क्रम को संघ के रूप में जाना जाता है।
सांस्कृतिक प्रभाव
[संपादित करें]जैन लोगों की साक्षरता दर राष्ट्रीय दर 65.38% की तुलना में उच्चतम 94.1% है। उनकी महिला साक्षरता दर भी राष्ट्रीय औसत 54.16% की तुलना में अधिकतम 90.6% है। यह माना जाता है कि भारत में प्रति व्यक्ति आय भी जैन लोगों की उच्चतम है।[1]
समुदाय
[संपादित करें]कुल मिलाकर भारत और अन्यदेशो में जैन लोगों के लगभग 110 समुदाय हैं। उन्हें ऐतिहासिक और वर्तमान आवास के आधार पर छः भागो में विभाजित किया जा सकत है।
मध्य भारत
[संपादित करें]पश्चिमी भारत
[संपादित करें]उत्तरी भारत
[संपादित करें]दक्षिणी भारत
[संपादित करें]पूर्वी भारत
[संपादित करें]भारत के बाहर जैन लोग
[संपादित करें]जनसंख्या
[संपादित करें]2001 की जनगणना के अनुसार भारत में जैन धर्म के लोगों की संख्या 4,225,053 है जबकि भारत की कुल जनसंख्या 1,028,610,328 है। अधिकत्तम जनसंख्या वाक्य राज्य एवं क्षेत्र निम्नानुसार हैं:
राज्य | जैन जनसंख्या (लगभग) | जैन जनसंख्या (%) |
---|---|---|
महाराष्ट्र | 1,301,900 | 1.32% |
राजस्थान | 650,493 | 1.15% |
मध्य प्रदेश | 545,448 | 0.91% |
गुजरात | 525,306 | 1.03% |
कर्नाटक | 412,654 | 0.74% |
उत्तर प्रदेश | 207,111 | 0.12% |
दिल्ली | 155,122 | 1.12% |
धर्म | पुरुष | महिला |
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जैन | 55.2 | 39.2 |
सिख | 53.3 | 20.2 |
हिन्दू | 52.4 | 27.4 |
ईसाई | 50.7 | 28.7 |
बौद्ध | 49.2 | 31.7 |
मुसलमान | 47.5 | 14.1 |
धर्म | साक्षरता दर |
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जैन | 94.1 |
ईसाई | 80.3 |
बौद्ध | 72.7 |
सिख | 69.4 |
हिन्दू | 65.1 |
मुसलमान | 59.1 |
यह सम्भव है कि जैन लोगों की कुल संख्या जनगणना के आँकड़ों से मामूली मात्र में अधिक हो सकती है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में जैन लोगों की कुल अनुमानित संख्या 10,000 से 200,000 के मध्य है।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Press Information Bureau - Indian Government". मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 सितंबर 2013.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 14 मई 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 फ़रवरी 2018.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 14 मई 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 फ़रवरी 2018.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 14 मई 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 फ़रवरी 2018.
- Shah, Natubhai (2004), Jainism, Motilal Banarsidass, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-208-1938-2, मूल से 28 जून 2014 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 17 सितंबर 2013
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