सम्बलपुरी भाषा
(कोशली भाषा से अनुप्रेषित)
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ओड़िया भाषा के पश्चिमी रूप को सम्बलपुरी या 'कोशली' कहते हैं। सम्बलपुरी एक स्वतंत्र भाषा है। ओडिशा पश्चिमाञ्चल तथा छत्तीसगढ़ में २ करोड़ लोग सम्बलपुरी भाषा का प्रयोग करते हैं। 'पश्चिम ओडिशा के 11 जिलों में तथा छत्तीसगढ़ के 4 जिलों में सम्बलपुरी भाषा व्य्वहार की जाती है।
सम्बलपुरी सहित्य का प्रारंभिक युग[संपादित करें]
सम्बलपुरी का लिखित साहित्य उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध तक आरम्भ हो गया था, ऐसा ऐतिहासिक प्रमाण मिलता है।
(१) कवि मधुसूदन
2-"जटन ' ने 1900 से 1910 के बीच 'भुला मन चौतिसा' लिखा
3- चईतन दास ने 1900 से 1910 के बीच 'टढेई चौतिसा' लिखा।
4-बालाजी मेहेर ने 1910 से 1920 के बीच निम्नलिखित ग्रन्थों की रचना की-
- गुंडीआ
- गौड़ गमन
- कुम्भार पसरा
- सुनारी पसरा
5- लक्ष्मण पति ने 1915 से 1925 के बीच निम्नलिखित ग्रन्थों की रचना की-
- अदि बन्दना
- मनुष बरन
- माँएझि बरन
- भुलिआ पसरा
- करण पसरा
- खररा पसरा
- तेली पसरा
- सबर पसरा
6- कपिल महापात्र ने 1925 से 1930 के बीच 'सम्बलपुरी रामायण ' की रचना की।