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बिम्सटेक

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बिम्सटेक
Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Corperation
तमिल:பல துறை தொழில்நுட்ப மற்றும் பொருளாதார ஒத்துழைப்புக்கான வங்கியின் துவக்க விழா
थाई:ความริเริ่มแห่งอ่าวเบงกอลสำหรับความร่วมมือหลากหลายสาขาทางวิชาการและเศรษฐกิจ (บิมสเทค)
नेपाली:बहुक्षेत्रीय प्राविधिक तथा आर्थिक सहयोगका लागि बङ्गालको खाडीको प्रयास (बिम्स्टेक)
बंगाली:বঙ্গোপসাগরীয বহুক্ষেত্রীয় প্রযুক্তিগত ও অর্থনৈতিক সহযোগীতা উদ্যোগ (বিম্‌সটেক্)
बर्मी:ဘင်္ဂလားပင်လယ်အော် စီးပွားရေးနှင့် နည်းပညာဆိုင်ရာ ဘက်စုံ ပူးပေါင်း ဆောင်ရွက်ရေး အဖွဲ့အစည်း (ဘင်းမ်စတက်)
सिंहली:බහු සංස්කෘතික සහ තාක්ෂණික සහයෝගීතාව සඳහා බෙංගාල බොක්ක(බිම්ස්ටෙක්)
हिन्दी:बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (बिम्सटेक)
चित्र:BIMSTEClogo.jpg
ध्वज
Secretariatढाका, बांग्लादेश [1]
'
नेताओं
 -  Chairmanship Flag of थाईलैण्ड थाईलैंड (since March 2022)[2]
स्थापना 6 जून 1997; 27 वर्ष पूर्व (1997-06-06)
जालस्थल
bimstec.org

बिम्सटेक (BIMSTEC), जिसका पूरा रूप बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation) है, बंगाल की खाड़ी से तटवर्ती या समीपी देशों का एक अन्तरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग संगठन है। इसमें नवम्बर 2016 में बांग्लादेश, भारत, बर्मा, श्रीलंका, थाईलैण्ड, भूटान और नेपाल सदस्य थे।[3][4] पाकिस्तान इसका सदस्य नहीं है।

इस संगठन का उद्देश्य तीव्र आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देना और साझा हितों के मुद्दों पर समन्वय स्थापित करने के लिए सदस्य देशों के बीच सकारात्मक वातावरण बनाना है। बैंकॉक घोषणा के तहत 1997 में इस क्षेत्रीय संगठन को स्थापित किया गया था। आरम्भ में इसमें केवल चार सदस्य देश थे और इसे 'बीआईएसट-ईसी' (अर्थात् बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैण्ड आर्थिक सहयोग संगठन) कहा गया था।

हाल ही में गुरुवार 11 जुलाई 2024 को बिम्सटेक ग्रुप के देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात हुई भारतीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने बिम्सटेक के विदेश मंत्रियों की रिट्रीट की मेजबानी की । जयशंकर ने कहा कि वैश्विक और क्षेत्रीय विकास के लिए यह जरूरी है कि ग्रुप के सभी सातों देश आपस में ही कई समाधानों की दिशा में बढ़े। श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड, नेपाल और भूटान के प्रतिनिधि बैठक में मौजूद रहे। भारत के विदेश मंत्री ने कैपेसिटी बिल्डिंग और आर्थिक सहयोग आज के वक्त की जरूरत बताया। भारत के लिए बिम्सटेक नेबरहुड फर्स्ट, एक्ट ईस्ट और सागर विजन का ही प्रतिनिधित्व करता है । इन सभी पहलों में बंगाल की खाड़ी खास फोकस में है क्योंकि बीते वक्त में यह यह क्षेत्र सहयोग की क्षमता से अनजान रहा है ।ऐसे में भारत चाहता है कि यह हालात तेजी से बदले और इस लिहाज से मंत्रियों की यह रिट्रीट बेहद अहम है, क्योंकि यहां विचार खुलेपन और बिना किसी रोक-टोक के साथ साझा किए जाने की उम्मीद है। जयशंकर ने यह भी कहा कि बंगाल की खाड़ी के देशों के बीच सहयोग को लेकर इन सभी सदस्यों की ओर से नई एनर्जी नए संसाधन और नई प्रतिबद्धता लानी जरूरी है।

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. "Nepal unlikely to host fourth 'Bimstec' summit this year". Business Standard India. 3 June 2016. मूल से 20 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 December 2016.
  2. "Thailand has assumed the chairmanship of BIMSTEC for 2022 – 2023 for prosperous, resilient and robust, and open Bay of Bengal region". 30 March 2022. अभिगमन तिथि 30 March 2022.
  3. Haidar, Suhasini (15 October 2016). "BIMSTEC a sunny prospect in BRICS summit at Goa". द हिन्दू (अंग्रेज़ी में). मूल से 17 अक्तूबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 October 2016.
  4. "BRICS Summit 2016: BIMSTEC members have economic opportunities to share, said Narendra Modi - दि इकॉनोमिक टाइम्स". दि इकॉनोमिक टाइम्स. मूल से 8 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 October 2016.