प्रवासी भारतीय
जो लोग भारत छोड़कर विश्व के दूसरे देशों में जा बसे हैं उन्हे प्रवासी भारतीय कहते हैं । ये विश्व के अनेक देशों में फैले हुए हैं। 48 देशों में रह रहे प्रवासियों की जनसंख्या करीब 2 करोड़ है। इनमें से 11 देशों में 5 लाख से ज्यादा प्रवासी भारतीय वहां की औसत जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं और वहां की आर्थिक व राजनीतिक दशा व दिशा को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहां उनकी आर्थिक, शैक्षणिक व व्यावसायिक दक्षता का आधार काफी मजबूत है। वे विभिन्न देशों में रहते हैं, अलग भाषा बोलते हैं परन्तु वहां के विभिन्न क्रियाकलापों में अपनी महती भूमिका निभाते हैं। प्रवासी भारतीयों को अपनी सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण बनाए रखने के कारण ही साझा पहचान मिली है और यही कारण है जो उन्हें भारत से गहरे जोड़ता है।
जहां-जहां प्रवासी भारतीय बसे वहां उन्होंने आर्थिक तंत्र को मजबूती प्रदान की और बहुत कम समय में अपना स्थान बना लिया। वे मजदूर, व्यापारी, शिक्षक अनुसंधानकर्ता, खोजकर्ता, डाक्टर, वकील, इंजीनियर, प्रबंधक, प्रशासक आदि के रूप में दुनियाभर में स्वीकार किए गए। प्रवासियों की सफलता का श्रेय उनकी परंपरागत सोच, सांस्कृतिक मूल्यों और शैक्षणिक योग्यता को दिया जा सकता है। कई देशों में वहां के मूल निवासियों की अपेक्षा भारतवंशियों की प्रति व्यक्ति आय ज्यादा है। वैश्विक स्तर पर सूचना तकनीक के क्षेत्र में क्रांति में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिसके कारण भारत की विदेशों में छवि निखरी है। प्रवासी भारतीयों की सफलता के कारण भी आज भारत आर्थिक विश्व में आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है।
डॉ॰ एल. एम. सिंघवी की अध्यक्षता में गठित एक कमेटी ने प्रवासी भारतीयों पर 18 अगस्त 2000 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी। रिपोर्ट में प्रवासी भारतीयों पर बनाई गई उच्चस्तरीय कमेटी को पहला ऐतिहासिक कदम बताते हुए इस बात की आशा व्यक्त की गई है कि कमेटी द्वारा जो सुझाव दिए पर सरकार पहल करेगी।[18]
दोहरी नागरिकता
[संपादित करें]भारत में दोहरी नागरिकता नहीं है। हमारे देश में भारतीयों के बहुत अधिक जनसंख्या होने के कारण इस विषय पर अब तक कोई भी पदक्षेप भारत सरकार ने नहीं लिया है।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "India and its Dia18". Ministry of Overseas Indian Affairs. मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2012-09-12.
- ↑ "POPULATION OF NON-RESIDENT Indians (NRIs): COUNTRY WISE" (PDF). Ministry of Overseas Indian Affairs. 9 April 2012. मूल (PDF) से 13 फ़रवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 May 2012.
- ↑ सन्दर्भ त्रुटि:
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का गलत प्रयोग;usacensus1
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ "500K Indian workers arrive in 16 months". Arab News. मूल से 1 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 April 2016.
- ↑ "Population to hit 30 million this week, Statistics Department says". मूल से 9 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 April 2016.
- ↑ "Population to hit 30 million this week, Statistics Department says". मूल से 9 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 April 2016.
- ↑ "Indian community in Nepal". मूल से 4 मई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 जून 2016.
- ↑ सन्दर्भ त्रुटि:
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का गलत प्रयोग;UK Stat
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ Asia Pacific Foundation of Canada. "Population by Ethnic Origin by Province". Asia Pacific Foundation of Canada. मूल से 22 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 April 2016.
- ↑ सन्दर्भ त्रुटि:
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का गलत प्रयोग;statcan2006
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ सन्दर्भ त्रुटि:
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का गलत प्रयोग;SA
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ "In limbo: The stateless Indians of Myanmar". Rediff. 14 October 2011. मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 April 2016.
- ↑ सन्दर्भ त्रुटि:
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का गलत प्रयोग;bq magazine
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ सन्दर्भ त्रुटि:
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का गलत प्रयोग;theage.com.au
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ सन्दर्भ त्रुटि:
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का गलत प्रयोग;Singapore Census
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ सन्दर्भ त्रुटि:
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का गलत प्रयोग;ch8
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ सन्दर्भ त्रुटि:
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का गलत प्रयोग;ch11
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 30 अप्रैल 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 मार्च 2008.
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- अमेरिका-ब्रिटेन समेत 15 देशों में नेतृत्व के पद पर हैं 200 से ज्यादा भारतीय मूल के लोग, 60 ने कैबिनेट में बनाई जगह
- एनआरआई प्रवासी भारतीय पर विशेष
- प्रवासी दुनिया (हिन्दी-अंग्रेजी पत्रिका)
- भारतीय दिवस २००७ का आधिकारिक जाल -स्थान
- भारतवंशियों का कभी नहीं डूबता है सूरज
- प्रवासी लेखन : नयी ज़मीन, नया असमान (अनिल जोशी)