भारत-इज़राइल सम्बन्ध
![]() | |
![]() भारत |
![]() इज़राइल |
---|---|
Diplomatic Mission | |
Embassy of India, Tel Aviv, Israel | Embassy of Israel, New Delhi, India |
Envoy | |
Indian Ambassador to Israel Pavan Kapoor | Israeli Ambassador to India Daniel Carmon |
भारत-इज़राइल सम्बन्ध भारतीय लोकतंत्र तथा इज़राइल राज्य के मध्य द्विपक्षीय संबंधो को दर्शाता है। १९९२ तक भारत तथा इज़राइल के मध्य किसी प्रकार के सम्बन्ध नहीं रहे। इसके मुख्यतः दो कारण थे- पहला, भारत गुट निरपेक्ष राष्ट्र था जो की पूर्व सोवियत संघ का समर्थक था तथा दूसरे गुट निरपेक्ष राष्ट्रों की तरह इज़राइल को मान्यता नहीं देता था। दूसरा मुख्य कारण भारत फिलिस्तीन की आज़ादी का समर्थक रहा। यहाँ तक की १९४७ में भारत ने संयुक्त राष्ट्र फिलिस्तीन (उन्स्कोप) नमक संगठन का निर्माण किया परन्तु १९८९ में कश्मीर में विवाद तथा सोवियत संघ के पतन तथा पाकिस्तान के गैर कानूनी घुसपैठ के चलते राजनितिक परिवेश में परिवर्तन आया और भारत ने अपनी सोच बदलते हुए इज़राइल के साथ संबंधो को मजबूत करने पर जोर दिया और १९९२ में नए दौर की शुरुआत हुई।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की हार के बाद भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आते ही भारत और इज़राइल के मध्य सहयोग बढ़ा और दोनों राजनितिक दलों की इस्लामिक कट्टरपंथ के प्रति एक जैसे मानसिकता होने की वजह से और मध्य पूर्व में यहूदी समर्थक नीति की वजह से भारत और इज़राइल के सम्बन्ध प्रगाढ़ हुए। आज इज़राइल, रूस के बाद भारत का सबसे बड़ा सैनिक सहायक और निर्यातक है।

सैनिक तथा कूटनीतिक सम्बन्ध[संपादित करें]
भारत तथा इज़राइल में आतंकवाद के बढ़ने के साथ ही भारत तथा इज़राइल के सम्बन्ध भी मजबूत हुए। अब तक भारत ने इज़राइल के लगभग ८ सैनिक उपग्रहों को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के माध्यम से प्रक्षेपित किया है।
कालक्रम[संपादित करें]
- १७ सितम्बर १९५०: को भारत ने इज़राइल राष्ट्र को आधिकारिक तौर पर मान्यता प्रदान की।
- १९९२: इज़राइल के साथ भारत के राजनयिक संबंध स्थापित हुए। प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने इज़राइल के साथ कूटनीतिक संबंध शुरू करने को मंजूरी दी।
- भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल अवधि में इज़राइल के साथ सम्बन्धों को नए आयाम तक पहुंचने की पुरजोर कोशिश की गयी। अटल बिहारी के प्रधानमंत्री रहते हुए ही इज़राइल के तत्कालीन राष्ट्रपति एरियल शेरोन ने भारत की यात्रा की थी। वह यात्रा भी किसी इज़राइल राष्ट्रपति की पहली यात्रा थी।
- २०१५: पहली बार भारतीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का इज़राइल दौरा।
- जुलाई २०१७: पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इज़राइल यात्रा।
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
- साझे की सफल फसल
- भारत-इजराइल संबंध (नमस्ते इजराइल)
- इजराइल का बढ़ता वैश्विक प्रभुत्व (चौथी दुनिया)
- Israeli Prez in India: 5 things you should know about the bilateral relations
- भारत और इजराइल के बीच बढ़ते संबंध
- भारत का कितना बड़ा मददगार है इसराइल? (जनवरी २०१६)
- नए आयाम पर पहुंचा भारत-इजरायल संबंध, दोनों के बीच हुए 7 अहम समझौते (जुलाई २०१७)