"सीआईडी (धारावाहिक)": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
छो भूमिका में आंशिक परिवर्तन
टैग: 2017 स्रोत संपादन
छो →‎top: निर्वाचित लेख का बिल्ला लगाया
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{निर्वाचित लेख परख}}
{{निर्वाचित लेख}}
{{तिरछा शीर्षक}}
{{तिरछा शीर्षक}}
{{Infobox television
{{Infobox television

13:01, 21 जनवरी 2018 का अवतरण


सीआईडी
सीआईडी १९वें वर्ष के दौरान
शैलीअपराध कथा, लड़ाई, नाटक, हास्य, डरावना, प्रेम
निर्माताबृजेन्द्र पाल सिंह
लेखकबृजेन्द्र पाल सिंह, श्रीराम राघवन, श्रीधर राघवन, रजत अरोड़ा,
निर्देशकबृजेन्द्र पाल सिंह, राजन वाघधरे, सीबा मिश्रा, संतोष शेट्टी, सलिल सिंह, नितिन चौधरी
अभिनीतनीचे देखें
उद्गम देशभारत
मूल भाषा(एं)हिन्दी
सीजन कि संख्या
एपिसोड कि संख्या२६ अप्रैल २०१५ को १,२२१ हुआ।
उत्पादन
कार्यकारी निर्माता
  • सतीश दुबे
  • शाश्वन्त जैन
  • राजेन्द्र पाटिल
  • विकास कुमार
निर्माताबृजेन्द्र पाल सिंह, प्रदीप उपूर
छायांकनबृजेन्द्र पाल सिंह, राकेश सारंग
संपादककेदार गोतागे, भक्ति मायालों, शचिन्द्र वत्स
प्रसारण अवधि४२ - ४४ मिनट
निर्माता कंपनीफायरवर्क्स
प्रदर्शित प्रसारण
नेटवर्कसोनी
प्रकाशित२१ जनवरी १९९८ –
वर्तमान
संबंधित
सीआईडी: स्पेशल ब्यूरो

सीआईडी सोनी चैनल पर प्रसारित होने वाला हिन्दी भाषा का एक धारावाहिक है, जिसे भारत का सबसे लंबा चलने वाला धारावाहिक होने का श्रेय प्राप्त है। अपराध व जासूसी शैली पर आधारित इस धारावाहिक में शिवाजी साटम, दयानन्द शेट्टी और आदित्य श्रीवास्तव मुख्य किरदार निभा रहे हैं। इसके सर्जक, निर्देशक और लेखक बृजेन्द्र पाल सिंह हैं। इसका निर्माण फायरवर्क्स नामक कंपनी ने किया है जिसके संस्थापक बृजेन्द्र पाल सिंह और प्रदीप उपूर हैं।

२१ जनवरी १९९८ से शुरु होकर यह धारावाहिक अब तक लगातार चल रहा है। इसका प्रसारण प्रत्येक शनिवार और रविवार को रात १० बजे होता है। इसका पुनः प्रसारण सोनी पल चैनल पर रात ९ बजे होता है जिसमें इसके पुराने प्रकरण दिखाये जाते हैं। इस धारावाहिक ने २१ जनवरी २०१८ को अपने प्रसारण के २० वर्ष पूर्ण किये और २१वें वर्ष में प्रवेश किया। इससे पहले, २७ सितम्बर २०१३ को इस धारावाहिक ने अपनी १०००वीं कड़ी पूरी की। इस धारावाहिक को कई अन्य भाषाओं में भी भाषांतरित किया गया है।

कहानी

इस धारावाहिक की जासूसी कहानियाँ मुंबई अपराध अनुसंधान विभाग द्वारा आपराधिक मामलों की गुत्थी सुलझाने से संबंधित हैं। इसका संचालन एसीपी प्रद्युम्न (शिवाजी साटम) करते हैं, जो अपने दायित्व के कारण अपने अपराधी बेटे नकुल (राहील आज़म) को गोली मार देते हैं। वरिष्ठ निरीक्षक विरेन (आशुतोष गोवरिकर) के बच्चे को खेलते समय एक व्यक्ति सामने आने वाली गाड़ी से बचा लेता है जिसमें बच्चे को तो कुछ नहीं होता है, लेकिन उस व्यक्ति को चोट लग जाती है। विरेन उसे अपने घर लाकर उसे दवाई लगाते हुए उसका धन्यवाद करता है। बाद में विरेन को पता चलता है कि जिस व्यक्ति ने उसके बेटे की जान बचाई थी, वह एक अपराधी है। जैसे ही उस व्यक्ति को पता चल जाता है कि उसका राज खुल गया है, वैसे ही वह व्यक्ति विरेन के परिवार को अपने कब्जे में ले लेता है। वह विरेन से कहता है कि यदि वह सही सलामत किसी दूसरे शहर में उसे नहीं ले जा पाया तो वह उसके परिवार को मार देगा। विरेन मजबूरी में उसकी बात मान लेता है। हालांकि बाद में उसे ऐसा करना सही नहीं लगता और वह सारी बात सीआईडी को बता देता है। उस अपराधी की सहायता करने के कारण वह अपने आप को दोषी मानने लगता है और सीआईडी से बाहर जाने की सोचता है। हालांकि एसीपी प्रद्युम्न उसे ऐसा करने से रोक देता है और कहीं दूसरे स्थान पर उसका तबादला कर देता है।

इसके कुछ दिनों बाद एक मामले का अन्वेषण करते समय सीआईडी को गाड़ी से एक व्यक्ति मिलता है। उसके पहचान पत्र से पता चलता है कि वह पुलिस में काम करता है व उसका नाम अभिजीत (आदित्य श्रीवास्तव) है लेकिन उस व्यक्ति को अपना नाम भी याद नहीं रहता है। वह सीआईडी की कई तरह से मदद करता है जिसके कारण एसीपी प्रद्युम्न उसे सीआईडी से जुड़ने के लिए कहता है। अभिजीत पहले जुड़ने से मना कर देता है लेकिन बाद में मान जाता है। इसी के बाद अभिजीत और दया (दयानन्द शेट्टी) की दोस्ती हो जाती है।

निर्माण

सीआईडी श्रृंखला के निर्माता बृजेन्द्र पाल सिंह हैं, जिन्होंने वर्ष १९७३ में दूरदर्शन पर समाचारों के लिए कैमरामैन के रूप में लगभग दस वर्षों तक कार्य किया। इसी दौरान उनके मन में एक जासूसी धारावाहिक बनाने का विचार आया।[1] उस समय इस प्रकार के जासूसी के धारावाहिक नहीं बनते थे और उनके पास इस प्रकार के धारावाहिक बनाने का कोई ज्ञान भी नहीं था। उन्होंने दूरदर्शन से इस बारे में बात की और साथ-साथ वे अपने नए धारावाहिक की तैयारी में भी लगे रहे। इसी दौरान वे पुलिस की अपराध शाखा का दौरा करने के लिए भी गए। वहाँ उन्होंने कुछ पुलिस अधिकारियों के साथ बातचीत की और उनके द्वारा हल किए गए मामलों और उनकी जासूसी की शैली के विषय में भी अच्छे से जाना।[1] श्रीकांत सिंकर द्वारा लिखित एक जासूसी उपन्यास से भी उन्होंने प्रेरणा ली। इसी दौरान उन्होंने एक रहस्यपूर्ण हत्या पर आधारित "सिर्फ चार दिन" नामक एक फिल्म भी बनाई जिसका प्रसारण दूरदर्शन पर हुआ। दूरदर्शन के लिए ही उन्होंने एक शून्य शून्य नामक एक धारावाहिक भी बनाया जो किसी समय में तीसरा सर्वाधिक प्रसिद्ध कार्यक्रम रहा।[1] मराठी भाषा में भी उन्होंने कई कार्यक्रम बनाए। फिर उन्होंने एक और जासूसी धारावाहिक शृंखला बनाने का कार्य शुरू कर दिया, जो बाद में सी आई डी के रूप में सामने आया।[1] सोनी चैनल १९९४ में प्रारम्भ हुआ जबकि आठ वर्ष पूर्व १९८६ में ही सिंह ने सी आई डी के छह एपिसोड बना लिए थे। फिर जब भारत में सैटेलाइट टेलिविज़न का आगमन हुआ तो सिंह ने इस धारावाहिक के लिए कई चैनलों से बात की, परंतु सोनी ने इस धारावाहिक में अधिक रुचि दिखाई और इसके प्रसारण के लिए सहमति दे दी। इसके बाद सिंह को केवल इस धारावाहिक को बनाने के लिए इसके पात्र और इसके बनाने का स्थान चुनना था।[1][2]

उन्होंने सबसे पहले हिन्दी और मराठी फिल्म अभिनेता शिवाजी साटम को एसीपी प्रद्युम्न के किरदार के लिए चुना[3] जो कि पहले ही कई परियोजनाओं में उनके साथ कार्य कर चुके थे। सीआईडी के निर्माण दल के एक सदस्य संजय शेट्टी ने दयानन्द शेट्टी को पात्रों के चुनाव में हिस्सा लेने का सुझाव दिया था। सिंह उनसे इतने प्रभावित हुए कि पाँच मिनट में ही उन्हें दया के किरदार के लिए चुन लिया। उनका किरदार लोगों के बीच सबसे लोकप्रिय है। आशुतोष गोवरिकर को वरिष्ठ निरीक्षक विरेन की भूमिका के लिए चुना गया किन्तु अपनी फिल्म लगान के निर्देशन के कारण उन्हें इस धारावाहिक को छोड़ना पड़ा।[4] आदित्य श्रीवास्तव को १९९८ में अपराधी का किरदार मिला था, किन्तु अब उन्हें वरिष्ठ निरीक्षक अभिजीत का किरदार दे दिया गया। आदित्य ने राम गोपाल वर्मा की फिल्म सत्या में भी अभिनय किया था जिससे सिंह काफी प्रभावित थे। प्रारम्भ में वे केवल २६ एपिसोड हेतु सीआईडी में काम करने के लिए सहमत हुए थे लेकिन बाद में आगे भी कार्य करने के लिए मान गए।[3] वे २३ जुलाई १९९९ को पहली बार वरिष्ठ निरीक्षक अभिजीत की भूमिका में दिखाई दिये थे। अन्य सभी किरदारों को भी इसी तरह से चुना गया था। शिवाजी साटम, दयानन्द शेट्टी और आदित्य श्रीवास्तव के अलावा अन्य सभी किरदार आते जाते रहते हैं।[3][2]

इस धारावाहिक के पन्द्रह वर्ष पूरे होने के बाद फ़ोर्ब्स पत्रिका के साथ हुए साक्षात्कार में सिंह ने बताया कि प्रारम्भ में हर एपिसोड पर लगभग २ लाख रुपये खर्च आता था, जो कि पन्द्रह वर्ष के दौरान बढ़कर ₹५ लाख हो गया है।[4]

स्थान

इस धारावाहिक का निर्माण का कार्य मुम्बई में शुरू हुआ और मुख्यतः यहीं निर्मित किया जाता है। इसके अनेक भाग भारत के कई अन्य स्थानों में भी बनाए गए हैं। इन स्थानों में दिल्ली, जयपुर, कोलकाता, मनाली, चेन्नई, शिमला, जोधपुर, जैसलमेर, गोवा, पुणे, औरंगाबाद, कोल्हापुर, हिमाचल प्रदेश, केरल और कोच्चि आदि सम्मिलित है।[5][6] दिल्ली के सदर बाजार और जामा मस्जिद में भी इसे बनाने की योजना थी।[7] लेकिन बहुत भीड़ के कारण यह संभव नहीं हो पाया। इसे संगम विहार, दिल्ली हाट और लाजपत नगर इलाके में बनाया गया। इसके बाद आगरा और मथुरा में भी अगले एपिसोड की शूटिंग हुई, जिसका प्रसारण २४ से २६ जुलाई को "मर मिटेंगे" नाम से हुआ।[8] इसके अलावा कुछ भागों का निर्माण विदेशों में भी हुआ है। सीआईडी की आखिरी चुनौती नामक एक छोटी शृंखला को लंदन में भी बनाया गया था जिसमें महेश मांजरेकर ने हरगिज़ डोंगारा नामक अपराधी की भूमिका निभाई। २००४ में ‘सीआईडी’ के तीन प्रकरणों का निर्माण इंग्लैंड में हुआ और २०१० में ८ प्रकरणों का निर्माण स्विटजरलैंड और पेरिस में हुआ था।[9]

प्रसारण

२१ जनवरी १९९८ को रात ९:३० बजे इसका प्रसारण सोनी चैनल पर शुरू हुआ। इस धारावाहिक के २६ प्रकरण होने के पश्चात आदित्य श्रीवास्तव को वरिष्ठ निरीक्षक अभिजीत की भूमिका में दिखाया गया। इसके पश्चात यह अब तक चल रहा है। इसका प्रसारण शुरू में बुधवार को रात ९:३० बजे होता था जिसे बाद में बदलकर शुक्रवार को रात १० बजे कर दिया गया।[10] २१ मई २०१० से इसका प्रसारण शुक्रवार के साथ साथ शनिवार को भी होने लगा।[11] ३ फरवरी २०१३ से इसका प्रसारण शुक्रवार और शनिवार के साथ साथ रविवार को भी होने लगा।[12] मई २०१६ में द कपिल शर्मा शो के कारण इसका प्रसारण कुछ सप्ताह नहीं हुआ। इसके निर्माताओं ने कहा कि द कपिल शर्मा शो नया होने के कारण उसे और लोगों तक पहुंचाने के लिए ऐसा किया गया था और यह भी कहा कि सीआईडी का जल्द ही नए समय पर प्रसारण होगा।[13] ४ जून २०१६ से इसका प्रसारण फिर से शुरू हो गया और इसका समय १० बजे से बदल कर १०:३० हो गया।[14]

इसकी लोकप्रियता को देखते हुए इसे अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवादित किया गया है। इसका तेलुगू संस्करण मां टीवी में और तमिल संस्करण ज़ी तमिल में प्रसारित हो रहा है। इसके अलावा बंगाली में इसकी भिन्न शृंखला निकाली गई है।[15][16] इसे दिसम्बर २००४ में अत्यधिक सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली और यह ३.७ रेटिंग प्राप्त कर पूरे भारत में पहली बार २९वें स्थान पर रहा।[17] टीएएम के अनुसार इसे सितम्बर २०१० में ५.१७ का उच्चतम रेटिंग मिला, जो इसके पिछले कुछ वर्षों का सबसे अधिक रेटिंग है।[18] २०१५ में इस धारावाहिक को ४.१ के आसपास का रेटिंग मिल रहा था।[19][20]

कलाकार

(बाएँ से दायें) दया शेट्टी, अंशा सयद, जानवी छेड़ा, शिवाजी साटम, विनीत कुमार और आदित्य श्रीवास्तव
(बाएँ से दायें) श्रद्धा मूसले, अंशा सयद, ऋषिकेश पांडे, शिवाजी साटम, नरेंद्र गुप्ता, जानवी छेड़ा और अजय नागरथ
(बाएँ से दायें) दया शेट्टी, अक्षय कुमार, सोनाक्षी सिन्हा और शिवाजी साटम
पूर्व किरदार

विशेष उपस्थिति

पुरस्कार एवं कीर्तिमान

विश्व कीर्तिमान

इस धारावाहिक के दल ने ७ नवम्बर, २००४ को मुम्बई में शाम ६:३० से ८:२० बजे तक पूरे १११ मिनट तक बिना कैमरे को बंद किए एक पूरी कहानी बना दी। यह कीर्तिमान लिम्का कीर्तिमान पुस्तक[58] तथा गिनीज विश्व कीर्तिमान पुस्तक में पंजीकृत कर लिया गया था।[59] ७ नवम्बर को बने इस कथांश को ८ नवम्बर को शाम ८ बजे से १० बजे तक दिखाया गया।

इस प्रकार के विश्व कीर्तिमान बनाने का विचार सिंह को इसके ७ से ८ महीने पहले आया था। इससे पहले १९८७ में मराठी कार्यक्रम "एक शून्य शून्य" में फिल्मांकन को बिना रोके २२ मिनट का कार्यक्रम बना दिया था। वर्ष २००२ में उन्होंने इस कीर्तिमान को गिनीज़ विश्व कीर्तिमान पुस्तक में दर्ज करवाने के बारे में सोचा लेकिन उन्हें पता चला कि इसके लिए उन्हें २५ मिनट का बिना रुके कार्यक्रम तैयार करना होगा। उन्होंने इसकी तैयारी शुरू कर दी, लेकिन उनके इस कीर्तिमान को बनाने से पूर्व ही एक रूसी वृत्त फिल्म ने ८८ मिनट तक लगातार फिल्मांकन का कीर्तिमान बना लिया। इसके बाद बीपी सिंह ने इससे भी अधिक लम्बे कीर्तिमान बनाने के बारे में सोचा और 'विरासत' नाम का एक प्रकरण की योजना बनाई। इसके लिए वे उसी समय से इसकी तैयारी में लग गए। इस कीर्तिमान को बनाने के लिए सीआईडी के सभी किरदारों को ९० पन्नों का संवाद याद करना पड़ा और इस कहानी के कैमरामैन नितिन राव को २८ किलो ग्राम के कैमरे को लगातार १११ मिनट तक अपने कंधो पर रखना पड़ा, जिसमें ३ मंजिल के घर में उन्हें ऊपर से नीचे भी कई बार होना पड़ा। इसे बनाने के लिए ३४ लाख रुपए खर्च हुए। यह सीआईडी का सबसे महंगा प्रकरण था। यह एक ऐसे होटल मालिक की कहानी थी, जो भारत में अपना कारोबार समेटने के लिए दक्षिण अफ्रीका से आता है। उसे अपने वारिस की तलाश रहती है। उसकी संपत्ति में हिस्सा पाने की आस में सभी रिश्तेदार होटल में जमा हो जाते हैं। फिर एक के बाद एक खून होना शुरू हो जाता है। इस एपिसोड को कीर्तिमान बनाने के मकसद से ही बनाया गया था। इसमें सीआईडी के निरीक्षकों के अतिरिक्त केके मेनन, राज ज़ुत्शी, अविनाश वधावन, कृतिका देसाई और मुकेश रावल शामिल थे। इसे ७ नवम्बर २००४ को बिना किसी विज्ञापन के रात ८ से १० बजे तक दिखाया गया। इसके बाद सीआईडी का १० बजे का धारावाहिक शुरू हुआ।[60]

पुरस्कार

वर्ष पुरस्कार श्रेणी कलाकार टिप्पणी एवं सन्दर्भ
२००२ भारतीय टेली अकादमी पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ धारावाहिक - नाटक बृजेन्द्र पाल सिंह और प्रदीप उपूर [61]
भारतीय टेली पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ व्यक्तित्व शिवाजी साटम [62]
२००३ भारतीय टेली अकादमी पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ रोमांचक / डरावना धारावाहिक बृजेन्द्र पाल सिंह और प्रदीप उपूर [63]
२००४ भारतीय टेली अकादमी पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ निर्देशक - नाटक बृजेन्द्र पाल सिंह [64]
भारतीय टेली अकादमी पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ रोमांचक / डरावना धारावाहिक सोनी (भारत) [64]
भारतीय टेली अकादमी पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ अभिनय रजत अरोड़ा [64]
भारतीय टेली अकादमी पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ वीडियोग्राफी बृजेन्द्र पाल सिंह [64]
२००५ भारतीय टेली अकादमी पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता - नकारात्मक भूमिका मकरंद देशपांडे [65]
२००९ भारतीय टेली अकादमी पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ रोमांचक / डरावना धारावाहिक बृजेन्द्र पाल सिंह और प्रदीप उपूर [66]
२०१० भारतीय टेली अकादमी पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ रोमांचक / डरावना धारावाहिक बृजेन्द्र पाल सिंह और प्रदीप उपूर [67]
२०१५ भारतीय टेली अकादमी पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ रोमांचक / डरावना धारावाहिक बृजेन्द्र पाल सिंह और प्रदीप उपूर [68]

सीआईडी स्पेशल ब्यूरो

यह सीआईडी का एक विशिष्ट संस्करण था, जिसका प्रसारण एक अलग धारावाहिक के रूप में २७ दिसम्बर २००४ से शुरू हुआ और १६८ एपिसोड प्रसारित होने के बाद ८ अगस्त २००६ में बंद हो गया। यह सोमवार व मंगलवार को रात १०:३० बजे प्रसारित होता था। इसके आधे घंटे पहले, रात १० बजे सीआईडी और उसके आधे घंटे बाद इस धारावाहिक का प्रसारण होता था। इसमें शिवाजी साटम, अनूप सोनी, दयानन्द शेट्टी और आदित्य श्रीवास्तव मुख्य किरदार में थे।[69]

इसकी कहानी के अनुसार "सीआईडी पिछले कई वर्षों से लंबित मामलों की जाँच करने हेतु एक नए दल का गठन करती है, जिसका नाम सीआईडी स्पेशल ब्यूरो रखा जाता है। यह दल बहुत पुराने आपराधिक मामलों की जाँच करती है।" इसमें कई बार सीआईडी की कहानी को भी जोड़ कर दिखाया जाता था। इसी कारण कुछ मामलों में सीआईडी के किरदार सीआईडी स्पेशल ब्यूरो में और सीआईडी स्पेशल ब्यूरो के किरदार सीआईडी में भी दिखते थे।[70]

अन्य पहल

७ जुलाई २००६ को एक राष्ट्रव्यापी खोज कार्य का प्रारम्भ किया गया जिसे सीआईडी ऑपरेशन तलाश नाम दिया गया। इसमें जीतने वाले को एक पुलिस निरीक्षक की भूमिका में कार्य करने का मौका दिया जाना था। १ सितम्बर २००६ को विवेक मशरू को विजेता घोषित किया गया था। इसके बाद कुछ वर्षो तक विवेक एक निरीक्षक की भूमिका में दिखाई दिए।[71] २६ जनवरी २०१० से वीरता को प्रोत्साहित करने और समाज में बहादुरी के कार्यों का सम्मान करने के लिए सीआईडी वीरता पुरस्कार नामक एक पुरस्कार प्रारंभ किया गया। इसे २६ जनवरी २०१० को पहली बार साहस दिखाने वाले लोगों को दिया गया।[72] २३ जनवरी २०११ को दूसरी बार प्रदान किया गया था।[73] बड़ों के वीरता को प्रोत्साहित करने के बाद, बच्चों के लिए भी एक नयी उप-शृंखला सीआईडी छोटे हीरोज नाम से बनायी गई।[74] यह १ फरवरी २०१३ से दिखाया गया। यह शुक्रवार को सीआईडी से एक घंटे पहले ९ बजे से १० बजे रात को दिखाया जाता था। इसमें बच्चों के द्वारा दिखाये गए साहस को दिखाया जाता था।[75] ३० मई २०१२ को एक साक्षात्कार के दौरान बीपी सिंह ने कहा कि वे सीआईडी पर एक फिल्म बनाने जा रहे हैं। इसमें धारावाहिक के कलाकार ही काम करेंगे, लेकिन एक मुख्य खलनायक को बाहर से लिया जाएगा। उन्होंने कहा, सैद्धांतिक रूप से फिल्म को इस वर्ष के अंत तक शुरू हो जाना चाहिए। चैनल के पास इसके अधिकार हैं, यदि चैनल आज अपनी सहमति देता है, तो हम इस पर अगले वर्ष की शुरुआत से काम करना शुरू कर देंगे।[76]

२१ जनवरी २०१५ को सीआईडी ने अपने यात्रा के अठारवें वर्ष में प्रवेश किया। इसे सोनी ने एक उत्सव के रूप में २६ जनवरी २०१५ को एक विशेष कार्यक्रम के रूप में बनाया। जिसमें सोनी पर पूरे दिन सीआईडी का कार्यक्रम दिखाया गया। इसके अलावा बीच बीच में सीआईडी के किरदार व अन्य लोग भी आते थे और अपने व इस धारावाहिक के बारे में बताते थे।[77]

अन्य धारावाहिकों में

सीआईडी के किरदारों ने इस धारावाहिक के अलावा भी अन्य धारावाहिकों में भी अभिनय किया है और अन्य धारावाहिकों के किरदार भी कई बार सीआईडी में आ चुके है। जैसे अदालत के प्रारम्भ में अभिजीत के ऊपर आरोप लगता है कि उसने जोरावर नाम के एक अपराधी पर ६ गोलियां चलाई और हत्या कर दी। इस कारण उसे अदालत में ले जाया जाता है, जिसमें के॰ डी॰ पाठक उसका वकील रहता है। यह सीआईडी और अदालत, दोनों धारावाहिकों में दिखाया जाता है। इसके बाद सीआईडी और के॰ डी॰ पाठक मिल कर इस मामले को सुलझा लेते हैं।[78]

तारक मेहता का उल्टा चश्मा में इसी के कुछ किरदार सीआईडी के धारावाहिक में आते है और उसके कुछ दिन बाद एक अन्य प्रकरण में इस धारावाहिक में सीआईडी के सारे किरदार आ जाते है। जिसमें दयाबेन को एसीपी प्रदूमन का नकली प्रमाणपत्र मिलता है और वह उसे लेकर सीआईडी के कार्यालय में जाती है। जहाँ सीआईडी के दल को पता चलता है की कोई एसीपी प्रद्युम्न के जैसे बनकर कोई गैर-कानूनी कार्य करना चाहता है लेकिन उस अपराधी को पकड़ते समय एक ने जेठालाल का चेहरा बना दिया और वह इस मामले में फंस जाता है। परंतु बाद में पता चलता है कि वह दोषी नहीं है। इसके पश्चात गोकुलधाम में एक नया सदस्य आता है, जिसके पास करोड़ों का हीरा रहता है। जिसे वह बेचना चाहता है। वह गोकुलधाम के लोगों को लालच देता है कि यदि कोई उस हीरे को बेचने में उसकी सहायता करेगा तो वह उसे एक करोड़ रुपये देगा। लेकिन हीरा बेचने से पूर्व ही वो लापता हो जाता है और उसी मामले की जाँच करते हुए सीआईडी वहाँ आती है। पूरे गोकुलधाम में सभी के घरों की तलाशी लेने के बाद उन्हें अय्यर और बबीता जी के घर में वह हीरा मिलता है। वे लोग बबीता और अय्यर को पकड़ लेते हैं। परंतु बाद में पता चलता है कि दोषी कोई और है।[79] इसके साथ-साथ कौन बनेगा करोड़पति में भी सीआईडी के तीनों पात्र (शिवाजी साटम, आदित्य श्रीवास्तव और दयानन्द शेट्टी) जा चुके हैं।[80]

इसके अलावा अदालत व सीआईडी में १२ जुलाई २०१२ को रात १० बजे और रविवार १३ जुलाई २०१२ को रात ७:३० व १० बजे सीआईडी विरुद्ध अदालत नाम से धारावाहिक का प्रसारण हुआ था। इसमें अदालत और सीआईडी दोनों को एक ही कहानी में दिखाया गया। जिसमें दिखाया गया कि डॉ॰ सालुंखे को एक सबूत मिलता है, जिसे दिखाने से पहले ही वह लापता हो जाता है। उसकी गाड़ी डीसीपी चित्रोले के घर के आगे मिलती है और घर की तलाशी में एक लाश भी प्राप्त होती है, जिसे पहले डॉ॰ सालुंखे मानते हैं। सीआईडी को डीसीपी चित्रोले के खिलाफ काफी ठोस सबूत मिलते हैं, इस कारण उसे हिरासत में ले लिया जाता है। अदालत में के॰ डी॰ पाठक उसे बचाने की कोशिश करता है, परंतु सीआईडी उसे दोषी साबित करने का कार्य करती है। आखिरी में के॰ डी॰ पाठक और सीआईडी मिलकर इस मामले को हल कर लेते हैं।[81] इसके बाद २० दिसम्बर २०१४ को ३ घंटे का प्रसारण होता है। इसका निर्देशन सीआईडी के सिबा मित्र और अदालत के रमिन्दर सूरी ने मिल कर किया है। इसे मुम्बई के अलग अलग भागों में बनाया गया, जिसके लिए १५ दिन का समय लग गया।[82] इसका नाम सीआईडी विरुद्ध अदालत - कर्मयुद्ध रखा गया है, जिसमें एक और बार सीआईडी और अदालत साथ में आते हैं।[83] जिसमें एक आश्रम में एसीपी प्रद्युम्न के दोस्त की बेटी का खून हो जाता है।[84] सीआईडी को लगता है कि इसकी हत्या आत्मानन्द ने की है और वहीं के॰ डी॰ पाठक उसे बचाता है।[85] बाद में पता चलता है कि असल में हत्या किरण ने की है।[86]

प्रभाव

सीआईडी धारावाहिक देखने के बाद जनमानस पर अच्छा और बुरा दोनों प्रकार का प्रभाव पड़ा। कुछ लोगों को अपराध करने की इच्छा जागृत हुई तो कुछ लोगों को निशानेबाजी आदि में आगे बढ़ने की भी प्रेरणा मिली। कुछ घटनाएँ निम्नलिखित हैं:-

पाकिस्तान के लाहौर में ३० जून २०१७ को एक ९ वर्षीय लड़की ईमान तनवीर की लाश उसके दादी के घर से प्राप्त हुई। पुलिस को पहले उसकी सौतेली माँ पर शक हुआ, पर बाद में उसे बेगुनाह मान कर पुलिस ने छोड़ दिया।[87] हत्या के चार दिन बाद पुलिस एक बयान जारी किया कि उस लड़की के ११ वर्षीय भाई ने ही ये हत्या की है।[88] उसने पुलिस के सामने कबूल किया कि उसी ने अपनी बहन की हत्या की है। पूछने पर उसने बताया कि उसे सीआईडी देख कर इस हत्या को करने का विचार आया था।[89]

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक युवक ने सीआईडी धारावाहिक देख कर अपनी पत्नी के साथ मिल कर अपने ही अपहरण की झूठी कहानी बना डाली। वह जहाँ काम करता था, उसी के संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया। वह मुकदमे से उसे बचा कर उससे पैसे लेने की योजना बना रहा था। लेकिन पुलिस उसके पास पहुँच गई और तब उसकी योजना का पता चला।[90]

१७ वर्षीय निशानेबाज मेहुली घोष ने जापान के प्रतियोगिता में अपना पहला स्वर्ण पदक हासिल किया और केरल में हुए राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिता में एक ही दिन में आठ स्वर्ण पदक हासिल करने के बाद उनका कहना था कि उन्हें इसकी प्रेरणा सीआईडी धारावाहिक को देखने से मिली।[91]

समीक्षात्मक प्रतिक्रिया

एक दशक से अधिक चलने का कीर्तिमान बनाने के पश्चात भी यह लोकप्रिय धारावाहिक वर्तमान(जनवरी २०१८ में अद्यतन) में भी सोनी पर प्रसारित हो रहा है। इसके कई संवाद जैसे एसीपी प्रद्युमन का "अब तो इसे फाँसी ही होगी" और दया का दरवाजा तोड़ना आदि अत्यधिक लोकप्रिय हो चुके हैं। यह इतना लोकप्रिय हो चुका है कि लोग इस पर कई चुट्कुले भी बना चुके हैं।[92]

दैनिक ट्रिब्यून में दिये एक साक्षात्कार में शिवाजी साटम ने कहा कि "अब यह मेरी पहचान बन गया है। पर यह केवल एक धारावाहिक भर नहीं है। बच्चे और बड़े अब मुझसे सीआईडी के पात्र की तरह व्यवहार करते हैं। उन्हें लगता है कि सचमुच किसी जासूसी करने वाले समूह का हिस्सा हूँ। शायद इसलिए पिछले दो सालों से यह लगातार पुरस्कार जीत रहा है। इसे राष्ट्रपति तक की सराहना मिली है। दरअसल यह आम और ईमानदार लोगों को न्याय दिलाने वाला धारावाहिक है।"[93][94] वहीं रांची एक्सप्रेस ने कहा कि सीआईडी १९९८ से लगातार चल रही है और उसे हमेशा से ही दर्शकों ने पसंद किया। जबकि २००३ में इसी चैनल में शुरू हुए एक धारावाहिक क्राइम पेट्रोल को कम लोकप्रियता के कारण बंद करना पड़ा था। लेकिन अब भी सीआईडी को उतने ही नहीं, उससे भी अधिक दर्शक मिल गए है। वर्तमान में इस धारावाहिक ने हर उम्र वर्ग को अपनी ओर आकर्षित किया है। इसी के कारण अन्य चैनलों में भी आपराधिक धारावाहिकों की संख्या में इजाफा हुआ है।[95] वहीं दयानन्द शेट्टी ने कहा कि "१७ वर्षों से अधिक समय तक एक साथ काम करने से एक जुड़ाव बन गया है। सीआईडी को सबसे अधिक बच्चे पसंद करते है और इसी कारण इसमें हम लोगों ने हास्य बनाने का प्रयास किया है।"[96] टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए दयानन्द शेट्टी ने बताया कि उन्हें अपने कार्यक्रम के बारे में ऑनलाइन चुटकुले पढ़ने में बहुत गर्व महसूस होता है और यह जान कर और भी खुशी होती है कि केवल दया ही नहीं बल्कि इसके अन्य सभी किरदार भी बहुत प्रसिद्ध हैं।[97]

सन्दर्भ

  1. लालवानी, विक्की. ""Soaps are not my domain and I don't think I will be able to direct them well"" (अंग्रेज़ी में). इंडियन टेलिविजन. अभिगमन तिथि ९ जनवरी २००४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  2. माथुर, चांदनी (८ अप्रैल २०१४). "सीआईडी: कहानी भारत के सबसे सफल जासूसी धारावाहिक की". टेलीविज़न पोस्ट. अभिगमन तिथि १० जुलाई २०१६. Italic or bold markup not allowed in: |publisher= (मदद)
  3. सेथुरमन, श्रेया (२७ जुलाई २०१२). "Chasing criminals, cracking cases". हिंदुस्तान टाइम्स (अंग्रेज़ी में). मूल से १५ जून २०१५ को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १६ जनवरी २०१३. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद); Italic or bold markup not allowed in: |newspaper= (मदद)
  4. रघुनाथ, अभिषेक (२६ अक्टूबर २०१२). "Sony's CID: Fifteen Years and Counting" (अंग्रेज़ी में). फ़ोर्ब्स. अभिगमन तिथि १० जुलाई २०१६. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  5. "CID team mistook for real one!" (अंग्रेज़ी में). टेली चक्कर. मूल से ६ जुलाई २०१६ को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ११ जनवरी २०१३. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  6. "ACP Pradyuman asks cops to help them shoot in peace" (अंग्रेज़ी में). टेली चक्कर. मूल से 6 जुलाई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ११ जनवरी २०१३. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  7. "Team 'CID' shoots new murder-mystery in the capital" (अंग्रेज़ी में). एबीपी न्यूज़. १४ जुलाई २०१५. अभिगमन तिथि ९ जुलाई २०१६. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  8. "Sony's 'CID' looks to target viewers from north India" (अंग्रेज़ी में). इंडियन टेलीविजन. १४ जुलाई २०१५. अभिगमन तिथि ८ जुलाई २०१६. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  9. "इतिहास बनाता सीआईडी।". जागरण. ७ अक्टूबर २०१०. मूल से 6 जुलाई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १५ जनवरी २०१३.
  10. "२१ दिसम्बर २००५ को सोनी में सीआईडी का समय". http://www.setindia.com/show_details.php?sid=12. मूल |archive-url= दिए जाने पर |url=भी दिया जाना चाहिए (मदद) से २१ दिसम्बर २००५ को पुरालेखित. |website= में बाहरी कड़ी (मदद); गायब अथवा खाली |url= (मदद)
  11. "३ जून २०१० को सोनी में सीआईडी का समय". http://www.setindia.com/show_details.php?sid=12. मूल |archive-url= दिए जाने पर |url=भी दिया जाना चाहिए (मदद) से ३ जून २०१० को पुरालेखित. |website= में बाहरी कड़ी (मदद); गायब अथवा खाली |url= (मदद)
  12. "३ मार्च २०१३ को सोनी में सीआईडी का समय". http://www.setindia.com/show_details.php?sid=12. मूल |archive-url= दिए जाने पर |url=भी दिया जाना चाहिए (मदद) से २ मार्च २०१३ को पुरालेखित. |website= में बाहरी कड़ी (मदद); गायब अथवा खाली |url= (मदद)
  13. "CID goes off, makers say it is a short break for TV's favourite show" (अंग्रेज़ी में). टाइम्स ऑफ इंडिया. २५ मई २०१६. अभिगमन तिथि १० जुलाई २०१६. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद); Italic or bold markup not allowed in: |publisher= (मदद)
  14. "CID to return on small screen soon, will air its fresh episode on June 4" (अंग्रेज़ी में). टाइम्स ऑफ इंडिया. २६ मई २०१६. अभिगमन तिथि १० जुलाई २०१६. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद); Italic or bold markup not allowed in: |publisher= (मदद)
  15. "सोनी पर आने वाला धारावाहिक सीआईडी अब बंगाली भाषा में भी बन रहा है।". एनडीटीवी. ३१ अक्टूबर २०१२. अभिगमन तिथि १६ जनवरी २०१३.
  16. इंडो-एशियन समाचार सेवा (३१ अक्टूबर २०१२). "बंगाली भाषा में अनुवादित 'सीआईडी' का १२ नवम्बर से होगा प्रसारण शुरू।". याहू! समाचार. अभिगमन तिथि १६ जनवरी २०१३.
  17. "Sony's stellar show 'CID' on an upswing". इंडियन टेलीविज़न (अंग्रेज़ी में). मूल से १८ फरवरी २०१५ को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ६ दिसम्बर २००४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  18. "सीआईडी सोनी का दूसरा सबसे देखा जाने वाला धारावाहिक". इंडियन टेलिविजन. अभिगमन तिथि २९ दिसम्बर २०१०.
  19. "Tam Ratings: Week 3 (2015)". टेली चक्कर (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि २३ जनवरी २०१५. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  20. "टीवी रेटिंग: टॉप 10 शो में एक बार फिर आया 'सीआईडी'". अमर उजाला. अभिगमन तिथि ११ मई २०१५.
  21. "B.P. Singh back to acting in CID" (अंग्रेज़ी में). टाइम्स ऑफ इंडिया. ५ नवम्बर २०१२. अभिगमन तिथि १० दिसम्बर २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  22. "C.I.D. means the world to me: Shivaji Satam aka ACP Pradyuman" (अंग्रेज़ी में). बॉलीवुड भास्कर. अभिगमन तिथि १० दिसम्बर २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  23. "People imitating my style indicates success of my role: Daya of CID" (अंग्रेज़ी में). इंडियन एक्सप्रेस. २ फरवरी २०१४. अभिगमन तिथि १० दिसम्बर २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  24. "Abhijeet ka jalwa" (अंग्रेज़ी में). टाइम्स ऑफ इंडिया. २३ जनवरी २०११. अभिगमन तिथि १० दिसम्बर २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  25. "TV's most lovable idiots" (अंग्रेज़ी में). डीएनए इंडिया. २१ अगस्त २०१३. अभिगमन तिथि 10 December 2014. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  26. "Ansha Sayeed is super happy playing Purvi in CID". २४ नवम्बर २०१२. अभिगमन तिथि ९ दिसम्बर २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  27. "New team to be formed in Sony's CID; Hrishikesh Pandey comes back" (अंग्रेज़ी में). इंडिया फॉरम. १ मई २०१०. अभिगमन तिथि १० दिसम्बर २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  28. "New Faces, Old Shows" (अंग्रेज़ी में). टाइम्स ऑफ इंडिया. १० मई २०१२. अभिगमन तिथि १० दिसम्बर २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  29. "Gaurav Khanna & Maninder Singh’s dhamakedar entry on CID" (अंग्रेज़ी में). ३ अप्रैल २०१४. अभिगमन तिथि ९ दिसम्बर २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  30. "Newbie Vikas Salgotra and 'The Bachelorette India' fame Jagjit Athwal to enter CID as the new cops" (अंग्रेज़ी में). २४ मार्च २०१४. अभिगमन तिथि ९ दिसम्बर २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  31. "Actor Gaurav Khanna to enter "CID"" (अंग्रेज़ी में). ३० मार्च २०१४. अभिगमन तिथि ९ दिसम्बर २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  32. "Salman Khan Wanted by CID". वन इंडिया (अंग्रेज़ी में). १० सितम्बर २००९. अभिगमन तिथि १५ जनवरी २०१३. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  33. "अपनी फिल्म 'वंस अपॉन ए टाइम इन मुम्बई' के प्रचार के लिए आए इमरान हाशमी और प्राची देसाई". टाइम्स ऑफ इंडिया. ३१ जुलाई २०१०. अभिगमन तिथि १५ दिसम्बर २०१४.
  34. लालवानी, विक्की (२२ दिसम्बर २०१०). "Rani overshadows Vidya?". टाइम्स ऑफ इंडिया (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि १६ जनवरी २०१३. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  35. "अक्षय और सोनाक्षी राउडी राठोर फिल्म के प्रचार में।". टाइम्स ऑफ इंडिया. २२ मई २०१२. अभिगमन तिथि २२ जनवरी २०१४.
  36. "Bipasha Basu & Esha Gupta promote Raaz 3D on CID". टाइम्स ऑफ इंडिया. २४ अगस्त २०१४. अभिगमन तिथि २२ जनवरी २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  37. भोपटकर, तेजश्री (१३ सितम्बर २०१३). "अक्षय सेठी बने है करीना कपूर के प्रशंसक सीआईडी में". टाइम्स ऑफ इंडिया. अभिगमन तिथि १३ फरवरी २०१३.
  38. IANS (१७ नवम्बर २०१३). "तलाश: आमिर खान फिल्म के प्रचार में सीआईडी में।". अभिगमन तिथि १५ जनवरी २०१३.
  39. "Imran and Sonakshi on 'CID' to promote 'OUATIMD'". टाइम्स ऑफ इंडिया (अंग्रेज़ी में). १२ अगस्त २०१३. अभिगमन तिथि २२ जनवरी २०१३. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  40. "Sunny Deol was promoting his film Singh Saab The Great". movies.ndtv.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि १३ नवम्बर २०१३. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  41. "सन्नी लियॉन अपनी फिल्म रागिनी एमएमएस के प्रचार में सीआईडी।". टाइम्स ऑफ इंडिया. अभिगमन तिथि ६ मई २०१३.
  42. "जिमी शेरगिल अपनी फिल्म के प्रचार के लिए सीआईडी में।". टाइम्स ऑफ इंडिया. २१ फरवरी २०१४. अभिगमन तिथि १५ दिसम्बर २०१४.
  43. "जिमी शेरगिल का सीआईडी नामक धारावाहिक के स्थान पर उनके फिल्म के प्रचार के समय के कुछ छवि". आईबीएन लिव. २१ फरवरी २०१४. अभिगमन तिथि १५ दिसम्बर २०१४.
  44. "सिद्धार्थ मल्होत्रा और श्रद्धा कपूर अपनी फिल्म एक विलन के प्रचार में सीआईडी के एक प्रकरण में सहायता भी करेंगे।". बॉलीवुड लाइफ. २५ जून २०१४. अभिगमन तिथि १५ दिसम्बर २०१४.
  45. "किक: सलमान खान अपनी फिल्म के प्रचार में।". अभिगमन तिथि २७ जुलाई २०१४.
  46. "Only Salman Khan Can and Will Make CID's ACP Pradyuman Dance" (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि २७ जुलाई २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  47. "Saif Ali Khan and Govinda join the CID team in solving a case". टेली चक्कर (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि २१ नवम्बर २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  48. "'सीआईडी' के सेट पर दिखा अजय देगवन का एक्शन-जैक्सन अवतार". पंजाब केशरी. २ दिसम्बर २०१४. अभिगमन तिथि २ दिसम्बर २०१४.
  49. "Badlapur Star Varun Dhawan on the sets of CID" (अंग्रेज़ी में). १५ फरवरी २०१५. अभिगमन तिथि १५ फरवरी २०१५. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  50. "वरुण धवन ने किया सीआईडी में अपनी फ़िल्म बदलापुर का प्रचार". १५ फरवरी २०१५. अभिगमन तिथि १५ फरवरी २०१५.
  51. "वरुण धवन श्रीराम राघवन के साथ सीआईडी में अपनी फ़िल्म के प्रचार करने आए।". १५ फरवरी २०१५. अभिगमन तिथि १५ फरवरी २०१५.
  52. "सीआईडी के सेट पर पहुंचे सुशांत, किया '..ब्योमकेश बख्शी' को प्रमोट". दैनिक भास्कर. १३ अप्रैल २०१५. अभिगमन तिथि ३१ मार्च २०१५.
  53. "मिस्टर एक्स का प्रचार: इमरान ने सीआईडी के विशेष प्रकरण में किया अभिनय।". बिहार प्रभा. १३ अप्रैल २०१५. अभिगमन तिथि ४ मई २०१५.
  54. "Shah Rukh Khan to appear in 'CID'" (अंग्रेज़ी में). इंडियन एक्सप्रेस. १० दिसम्बर २०१५. अभिगमन तिथि १० जुलाई २०१६. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद); Italic or bold markup not allowed in: |publisher= (मदद)
  55. "अब शाहरूख टीवी शो सीआईडी में आएंगे नजर". पत्रिका. १२ दिसम्बर २०१५. अभिगमन तिथि १० जुलाई २०१६.
  56. "Here's how Shah Rukh Khan saves ACP Pradyuman from trouble, on CID" (अंग्रेज़ी में). इंडिया टूडे. ११ दिसम्बर २०१५. अभिगमन तिथि १० जुलाई २०१६. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  57. "Sunny Deol to appear on 'CID'" (अंग्रेज़ी में). द इंडियन एक्सप्रेस. २०१६. अभिगमन तिथि १४ अप्रैल २०१६. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  58. "'CID' enters Limca Book of Records" (अंग्रेज़ी में). ८ अक्टूबर २००४. अभिगमन तिथि ३ दिसम्बर २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  59. "CID's Guinness World Record episode, Indian Idol and Facebook: 10 things in popular culture that turn 10 in 2014" (अंग्रेज़ी में). आईबीएन लाइव. १२ नवम्बर २०१४. अभिगमन तिथि १० दिसम्बर २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  60. "Sony's on 'record' with C.I.D, a date with Guinness" (अंग्रेज़ी में). इंडियन टेलिविजन. २९ अक्टूबर २००४. अभिगमन तिथि १० १० दिसम्बर २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद); |accessdate= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  61. "The ITA Awards » The Indian Television Academy Awards". http://www.indiantelevisionacademy.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि ९ दिसम्बर २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद); |website= में बाहरी कड़ी (मदद)
  62. "The Winners of The Indian Telly Awards 2002" (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि ९ मार्च २००२. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  63. "The ITA Awards » The Indian Television Academy Awards". http://www.indiantelevisionacademy.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि ९ दिसम्बर २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद); |website= में बाहरी कड़ी (मदद)
  64. "The ITA Awards » The Indian Television Academy Awards". http://www.indiantelevisionacademy.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि ९ दिसम्बर २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद); |website= में बाहरी कड़ी (मदद)
  65. "The ITA Awards » The Indian Television Academy Awards". http://www.indiantelevisionacademy.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि ९ दिसम्बर २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद); |website= में बाहरी कड़ी (मदद)
  66. "The ITA Awards » The Indian Television Academy Awards". http://www.indiantelevisionacademy.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि ९ दिसम्बर २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद); |website= में बाहरी कड़ी (मदद)
  67. "The ITA Awards » The Indian Television Academy Awards". http://www.indiantelevisionacademy.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि ९ दिसम्बर २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद); |website= में बाहरी कड़ी (मदद)
  68. "The ITA Awards » The Indian Television Academy Awards". http://www.indiantelevisionacademy.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि १० जुलाई २०१६. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद); |website= में बाहरी कड़ी (मदद)
  69. "सीआईडी: स्पेशल ब्यूरो का सोनी के जालस्थल में समय व विवरण". http://www.setindia.com/shows/shows_inside.php?id=45. मूल |archive-url= दिए जाने पर |url=भी दिया जाना चाहिए (मदद) से १९ दिसम्बर २००५ को पुरालेखित. |website= में बाहरी कड़ी (मदद); गायब अथवा खाली |url= (मदद); |access-date= दिए जाने पर |url= भी दिया जाना चाहिए (मदद)
  70. "'सीआईडी का 'सीआईडी: स्पेशल ब्यूरो' नामक धारावाहिक २७ दिसम्बर से सोनी में शुरू हो रहा है।". इंडियन टेलिविजन. अभिगमन तिथि १४ दिसम्बर २००४.
  71. "एक और सीआईडी का निरीक्षक सीआईडी में प्रवेश किया। - मनोरजन - डीएनए". डीएनए इंडिया. १५ सितम्बर २००६. अभिगमन तिथि ६ अगस्त २०१०.
  72. "सोनी ने प्रारंभ किया सीआईडी वीरता पुरस्कार". इंडियन टेलिविजन. अभिगमन तिथि १२ अगस्त २००९.
  73. "सामान्य के लिए सम्मान". इंडियन एक्सप्रेस. अभिगमन तिथि १७ सितंबर २०११.
  74. ""Kids Play 'C.I.D.' Instead Of 'Chor Police'" – Dayanand Shetty" (अंग्रेज़ी में). ३० जनवरी २०१३. अभिगमन तिथि १० दिसम्बर २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  75. "Sony airs CID Chote Heroes from 1 February". इंडियन टेलिविजन (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि १ फरवरी २०१३. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  76. "टीवी शो सीआईडी पर बन सकती है फिल्म". जागरण. ३० मई २०१२. अभिगमन तिथि ११ मई २०१५.
  77. "सीआईडी के १८वर्ष पर २६ जनवरी को पूरे दिन सीआईडी". अभिगमन तिथि २१ जनवरी २०१५.
  78. "CID joins hands with KD Pathak from Adaalat!". द टाइम्स ऑफ इंडिया (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि ३ जुलाई २०१२. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  79. "CID & Tarak Mehta Ka Oolta Chashma to have a Mahasangram episode". द टाइम्स ऑफ इंडिया (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि २ जुलाई २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  80. "Amitabh Bachchan reveals CID team's funny side on Kaun Banega Crorepati" (अंग्रेज़ी में). टाइम्स ऑफ इंडिया. २३ सितम्बर २०१४. अभिगमन तिथि १८ दिसम्बर २०१४. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  81. "KD Pathak defends DCP Samsher Singh Chitrole" (अंग्रेज़ी में). टाइम्स ऑफ इंडिया. अभिगमन तिथि ९ जुलाई २०१६. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद); Italic or bold markup not allowed in: |publisher= (मदद)
  82. "Sony to screen a telefilm with CID and Adaalat's cast" (अंग्रेज़ी में). एएफ़एक्यूएस. १९ दिसम्बर २०१४. अभिगमन तिथि ९ जुलाई २०१६. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद); Italic or bold markup not allowed in: |publisher= (मदद)
  83. "CID and KD Pathak come together to solve a murder mystery!" (अंग्रेज़ी में). टाइम्स ऑफ इंडिया. २० दिसम्बर २०१४. अभिगमन तिथि ९ जुलाई २०१६. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद); Italic or bold markup not allowed in: |publisher= (मदद)
  84. "'C.I.D.', Ronit Roy's 'Adaalat' teams come together for telefilm" (अंग्रेज़ी में). इंडियन एक्सप्रेस. १९ दिसम्बर २०१४. अभिगमन तिथि ९ जुलाई २०१६. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद); Italic or bold markup not allowed in: |publisher= (मदद)
  85. "It's 'CID v/s Adaalat' in 3 hour movie on Sony TV" (अंग्रेज़ी में). टेलीचक्कर. १० दिसम्बर २०१४. अभिगमन तिथि ९ जुलाई २०१६. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद); Italic or bold markup not allowed in: |publisher= (मदद)
  86. "C.I.D and Adaalat teams up for a telefilm" (अंग्रेज़ी में). बॉलीवुड लाइफ. १९ दिसम्बर २०१४. अभिगमन तिथि ९ जुलाई २०१६. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद); Italic or bold markup not allowed in: |publisher= (मदद)
  87. इद्रीस, महमूद (४ जुलाई २०१७). "Inspired by Indian TV drama CID, 11-year-old brother murders minor sister in Lahore" (अंग्रेजी में). लाहोर: डैली पाकिस्तान. अभिगमन तिथि ७ जनवरी २०१८. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  88. "Pak 11-yr-old strangles his sister to death, says he was 'inspired' by CID" (अंग्रेजी में). लाहोर: मिड डे. ५ जुलाई २०१७. अभिगमन तिथि ७ जनवरी २०१८. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद); Italic or bold markup not allowed in: |publisher= (मदद)सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  89. "Inspired by CID, Pakistani boy kills sister over poor handwriting jibe" (अंग्रेजी में). लाहोर: इंडियन एक्सप्रेस. ४ जुलाई २०१७. अभिगमन तिथि ७ जनवरी २०१८. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  90. "सीआईडी टीवी सीरियल देखकर रची खुद के अपहरण की साजिश". आज तक. १६ जून २०१६. अभिगमन तिथि ९ जुलाई २०१६.
  91. डेकुना, जेनिया (२० दिसम्बर २०१७). "Inspired by Sholay and CID, Youth Olympics-bound Mehuli Ghosh is shooting down records" (अंग्रेजी में). स्क्रॉल. अभिगमन तिथि ७ जनवरी २०१८. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद); Italic or bold markup not allowed in: |publisher= (मदद)सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  92. "Just What Makes CID So Popular?". रेडिफ (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि २० मार्च २०१२. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)
  93. "मेरी पहचान बन गया है सीआईडी शिवाजी साटम". दैनिक ट्रिब्यून. १५ जनवरी २०११. अभिगमन तिथि १४ मई २०१५.
  94. "'सीआईडी' से लोगों को अपराध से लड़ने की प्रेरणा मिली: शिवाजी साटम". एबीपी लिव. २७ सितम्बर २०१३. अभिगमन तिथि १४ मई २०१५.
  95. "टीवी में बढ़ते आपराधिक धारावाहिक, यानी बढ़ती नकारात्मकता". रांची एक्सप्रेस. २२ जून २०१३. अभिगमन तिथि १४ मई २०१५.
  96. "हम 'सीआईडी' को जीते हैं : दया". समाचार हिन्दी. १० अप्रैल २०१४. अभिगमन तिथि १४ मई २०१५.
  97. "I feel proud when I read the online jokes about my show" (अंग्रेज़ी में). टाइम्स ऑफ इंडिया. 21 जनवरी 2016. अभिगमन तिथि 1 जून 2016. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद); Italic or bold markup not allowed in: |publisher= (मदद)

बाहरी कड़ियाँ